कल ६ नवम्बर को सौराष्ट्र में भूकम्प, जिसे गुजराती में धरतीकम्प कहते हैं, आया । सुबह ५ बजकर ५८ मिनट पर और फिर दोपहर ३ बजकर ८ मिनट पर रीटर स्केल पर ५.१ के ये झटके हमारे इलाके में भी महसूस किये गये । भूकम्प का केन्द्र जूनागढ़ जिले के तलाला तालुके के खखरावाडा गाँव में था । तलाला में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, ५० मकानों को हानि पहुँची व बहुत से मकानों में दरारे पड़ गयीं । जूनागढ़ में भी कुछ मकानों को क्षति पहुँची । कल दिन भर २० छोटे झटके भी आए ।
सौराष्ट्र के लिए प्राकृतिक आपदाएँ कोई नई चीज नहीं हैं । २००१ के भूकम्प में भी इसे काफी जान माल की हानि सहनी पड़ी थी । सन ९७ या ९८ में जब मैं यहाँ रहने नहीं आई थी , तब एक समुद्री तूफान ने भी भयंकर तबाही मचाई थी । इस वर्ष यहाँ वर्षा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये थे और जगह जगह बाढ़ आई थी । यह भी माना जा रहा है कि यह भूकम्प इसी भारी वर्षा का परिणाम है ।
जैसे ही दोपहर का झटका समाप्त हुआ मैं ने झट से अंदर आकर माँ को फोन किया और बताया कि यहाँ भूकंप आया और हम ठीक हैं । फिर बिटिया को फोन किया । २६ जनवरी २००१ के भूकम्प के बाद भी मैंने झट से माँ को फोन किया । उसके बाद ३ दिन तक फोन लाइन्स बंद रहीं । तब तो टी वी पर दिन रात इसी के बारे में समाचार दिये जाते थे । भाई आज भी कहता है कि मेरा घर फोन करना एक मास्टर स्ट्रोक था । मेरी माँ को चिन्ता की भयंकर बीमारी है । वे तो किसी भी बात पर चिन्ता कर सकती हैं फिर जब वे टी वी देखती तो ना जाने कितनी चिन्ता करतीं ।
इस बार टी वी के समाचारों पर भूकम्प का कोई जिक्र भी नहीं आया । बस कभी कभार नीचे एक
पंक्ति दी जाती थी। कारण शायद यही रहा होगा कि केवल छोटे छोटे गाँव व कस्बे ही इसकी चपेट में आए थे। या शायद इसलिए की सचिन ने कप्तानी करने से इन्कार कर दिया था सो टी वी चैनल वालों ने हमारे धरतीकम्प की चर्चा करने से इन्कार कर दिया ।
टी वी पर क्या समाचार बनेगा और क्या नहीं बनेगा यह घटना पर निर्भर नहीं करता अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि उस दिन बाँकी समाचार कितने बड़े या मसालेदार हैं । कल कुछ चैनल पर तो बेरहम माँ ने ४ दिन की बच्ची को रेलवे ट्रैक पर छोड़ा ही सबसे बड़ी खबर थी । फिर सचिन जी का समाचार । सो हमारा धरतीकम्प खबर बनने से रह गया ।
हमने सोचा कि हम ही इसे खबर बना दें ।
घुघूती बासूती
Wednesday, November 07, 2007
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नागरिक- पत्रकारिता यानी आपके चिट्ठे से ही सौराष्ट्र के भूकम्प की सूचना मिल रही है । बाकी मुख्यधारा के माध्यमों की प्राथमिकता में यह खबर नहीं है । माताजी को सूचित करने के बाद आपने ब्लॉगजगत को सूचित किया ,इस प्राथमिकता के लिए आभार।
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएँ.
अरे टी वी पर जरूरी समाचारों के इलावा और सब कुछ देखा सुना जा सकता है,और वो भी बार बार् हज़ार बार
ReplyDeleteइलेक्ट्रानिक मिडिया खबरों की प्राथमिकता इस आधार पर तय करता , अगर आपके इलाके में भारी जान-माल की हानि हुई होती तो फ़िर तो चौबीस घंटे यही खबर चलती दिखती, लेकिन हल्का भूकंप का झटका बड़ा टी आर पी नही दे सकता इसलिए वो खबर कुछेक पल के लायक भी नही मानी गई!!
ReplyDeleteपहले भी आपसे कहा है कि आपमे संवाददाता बनने के पूरे गुण है और आज आपने फ़िर साबित कर ही दिया!!
चलिए यह अच्छा हुआ कि झटका हल्का ही था और नुकसान इतना कम ही हुआ !
आप कुशलता पूर्वक है जानकर खुशी हुई. कमाल की बात यह है कि हमने झटके महसूस नही किए जबकि कई लोगो ने किए..
ReplyDelete:)
शायद आदि हो गए हों.
दिवाली की शुभकामनाएँ
jaan kar achha lagaa kii aap sab surakshit haen
ReplyDeletediwali shubh ho
rachna
चलिये, अच्छा लगा जानकर की आप कुशल से हैं.
ReplyDeleteaapki kushalta bhukam ki khabar dono saath mili. TV ka kya, patrkaar bura na maane shayad isliye aajkal sabhi patrkaar blogger bane hain
ReplyDeleteSRK ek din jyada Pee karne jaayega to woh bi khabar bana denge ye TV news wale
जान-माल की हुयी क्षति से दु:ख भी है परन्तु आपकी कुशल-क्षेम जानकर प्रसन्नता हुई।
ReplyDeleteआप कुशलपूर्वक है ये जानकारी ख़ुशी हुई ।
ReplyDeleteवाकई आपके चिट्ठे से ही भूकंप के बारे मे पता चला है।
भई ये ५.९ वाली संख्या तो कुछ सुनी सी लगती है........ हममममम.... याद आया, झटके तो हमने भी २ हफ्ते पहले महसूस किये थे। इसी तीव्रता का भूकम्प सॉनफ्रान्सिसको में भी आया था। लेकिन कमाल चीज़ है मीडियॉ भी, यहाँ तो अच्छी-खासी खबर बन गई थी, और देश में खबर नहीं। चलिये आप-हम दोनों अपनी-अपनी जगह सही सलामत हैं, यही बहुत है।
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