क्या प्यार ऐसा होता है
अंधेरों में रास्ता दिखाता
जब तुम सोचो कि तुम्हारे
पैरों के नीचे से धरती
खिसकी जा रही है
तब तुम्हारे पैरों के नीचे
अपने हाथ को रखता
सहारा देता
पीठ थपथपाता
सराहता
गुनगुनाता
जब नींद ना आए
तो लोरी सुनाता
बहलाता
सहलाता
जब तुम दर्द से
चीखना चाहो
तब होंठों पर
मुस्कान बिखराता
दर्द पर मरहम लगाता
जलते मन पर
हिम का फाहा बन
बिछ जाता
टूटे हृदय के
टुकड़ों को सहेजता
जोड़ता
नया बनाता
जब मृत्यु की चाहत हो
तब जिजीविषा जगाता
जीने के कारण गिनाता
बिखरे सपनों को
फिर से बुनता
दुःस्वप्नों में बन
एक मुस्कान है आता
आँखों में बन चमक
छा जाता
बन वर्षा की बूँदें
वीरान जीवन की
बंजर धरती पर
बौछारों सा आता
प्रेम से नहलाता
जीवन सजाता
आशाएँ छिटकाता
भटकन में
राहें दिखलाता
प्यासी आत्मा को
बन सुधा बूँदें
तृप्त कर जाता
यदि प्यार यह सब है
तो प्यार ही
जीवन का अमृत है।
घुघूती बासूती
Thursday, June 05, 2008
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घुघूती जी,
ReplyDeleteबहुत बढिया कविता, कवितायें समझने के मामले में जरा स्लो हूँ, लेकिन आपकी कविता समझ में भी आयी और पढने में अच्छा भी लगा ।
A loud clap for this poem. Nice one
ReplyDeleteRajesh Roshan
प्यार ही
ReplyDeleteजीवन का अमृत है।
-बिल्कुल सही है.
इस उम्दा रचना के लिए बधाई.
यह कविता भी सही है। आपका पिछला नन्नी कली वाला लेख बहुत पसन्द आया था।
ReplyDeleteप्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति... या यू कहु अति सुंदर
ReplyDeleteप्यार होता है प्रेमिका के भाईयों की मार जैसा
ReplyDeleteया फिर प्रेमिका प्रदत्त उधार जैसा
प्यार होता है ठुकाई हार्ड जैसा
या फिर अनलिमिटेड क्रेडिट कार्ड जैसा
प्यार होता है विकट सर्दी में सनबाथ जैसा
या फिर जूली के मटुकनाथ जैसा
मतलब ऐसा या वैसा
कैसा कैसा
पर होता है
दिल में कुछ कुछ होता है
जैसे होता है, हार्ट अटैक में
वैसा ही होता है प्यार की टेक में
प्यार कई बार होता है महंगे टमाटर सा
दिखता है पर अफोर्ड नहीं कर सकते
जमाये रहियेजी।
जी हाँ प्यार ऐसा ही होता है.
ReplyDeleteप्यार की सच्ची और और सुंदर परिभाषा.
ReplyDeleteबहुत खूब.
बेहतरीन लिखा आपने.
बधाई.
जी हाँ बिल्कुल ऐसा ही होता है.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteजी हाँ। प्यार की क्या सुन्दर अभिव्यक्ति है।
ReplyDeletekavita bahut makhmali lagi.
ReplyDeletelekin prem wastav me aisa hota hai,kehna mushkil hai.
bahut hi khubsurat pyar ki paribhasha,atisundar
ReplyDeleteअगर ऐसा प्यार आप की जिन्दगी में है तो आप से ज्यादा खुशनसीब और कौन हो सकता है जी, बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ती
ReplyDeletesach kaha aapne...pyaar bilkul aisa hi hota hai.
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteजब मृत्यु की चाहत हो
ReplyDeleteतब जिजीविषा जगाता
जीने के कारण गिनाता
बिखरे सपनों को
फिर से बुनता
दुःस्वप्नों में बन
एक मुस्कान है आता...
वाह-वाह घुघूती जी, बहुत अच्छा लिखा है।
very nice poem... u really seem to be a literary soul...
ReplyDeletegud job :)
और जो जीवन से प्यार करता हैं
ReplyDeleteउसे यह प्यार बरबस मिल ही जाता है.
ये आज़माइश मुश्किल हो सकती है,
लेकिन........
मैं समझता हूँ जो ख़ुद को ही दे देने
की खातिर तैयार है उसकी गलियों में
ये गुलमोहर खिलता है....गाहे-ब-गाहे.
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आपकी कविता शब्द से नहीं
प्रेम-अनुराग से रची मालूम पड़ती है.
बधाई
डा.चंद्रकुमार जैन
बिल्कुल प्यार की खुशबू से लबरेज कविता है, जो मुझे थोडी देर के लिये स्व्प्नलोक मे लेकेर चली
ReplyDeleteगयी थी,प्यार के बिना जीवन बहुत ही मुश्किल लगती है. प्यार करना आसान लगता है पर प्यार पाना मुश्किल यह सिर्फ नसिबवालो को हासिल होता है.
बिल्कुल प्यार की खुशबू से लबरेज कविता है, जो मुझे थोडी देर के लिये स्व्प्नलोक मे लेकेर चली
ReplyDeleteगयी थी,प्यार के बिना जीवन बहुत ही मुश्किल लगती है. प्यार करना आसान लगता है पर प्यार पाना मुश्किल यह सिर्फ नसिबवालो को हासिल होता है.