लगभग पाँच दिन पहले एक समाचार पढ़ा था, कि एक शेर ने सेही (porcupine ) का शिकार करने की कोशिश की और सेही ने अपने बाण जैसे दो काँटे( quills ) उसपर दाग दिये और शेर बेचारा पीठ पर काँटे लगाये जान बचाकर भागा । अब वन्य अधिकारी उसको ढूँढ रहे हें ताकि ये काँटे निकाल कर उसका घाव ठीक किया जा सके । लगता है सेही का माँस कई जानवरों को इतना पसन्द है कि वे लालच में घायल होने का खतरा भी मोल ले लेते हैं ।
यह समाचार पढ़कर मुझे २० वर्ष पहले का समय याद आ गया । क्लब में कोई कार्यक्रम चल रहा था । अचानक जैकी नामक एक कुत्ता भागता हुआ आया और एक चक्कर लगाकर चला गया । मुझे उसके कान से कुछ पैन्सिल या तीर सा लटकता दिखा परन्तु इससे पहले कि कुछ समझ पाऊँ वह भाग गया था । जैकी कभी किसीका पालतू कुत्ता हुआ करता था । उसे पालने वाले की जब बदली हुई तो वह उसे वहीं छोड़कर चले गए थे । उसी मकान में जो रहने आए वे और उनका परिवार जैकी का ध्यान रखने लगे । उनका पालतू तो उसे नहीं कह सकते थे परन्तु वे उसे खाना खिलाते थे । जैकी कॉलॉनी भर का सांझा कुत्ता बन गया था ।
जैकी की विशेषता यह थी की वह हर स्कूटर व मोटरसायकल का पीछा करता था । अन्यथा वह बेहद निरापद प्राणी था । बच्चे उसके साथ निश्चिन्त खेलते थे ।
रात को क्लब का कार्यक्रम समाप्त होने पर जब हम लोग घर आकर सोने जा रहे थे तो जैकी का ध्यान रखने वाले परिवार की महिला का फोन आया । वे फोन पर रो रहीं थीं । उनके पति कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए थे । घर पर वे अपनी बेटियों के साथ थीं । क्लब से लौटकर उन्होंने जैकी को पीड़ा से रोते हुए पाया । उसके कान में सेही का काँटा चुभा हुआ था । उन्होंने बताया कि उनके बगीचे में एक सेही भी रहती थी । शायद जैकी ने उसे छेड़ दिया होगा । उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें । इतनी रात में कोई जानवरों का डॉक्टर मिलना भी सम्भव नहीं था । वैसे भी डॉक्टर वहाँ नहीं रहता था । हमें १२ कि.मी. दूर ले जाना पड़ता था । सबको हमारे परिवार का कुत्ता प्रेम पता था सो वे जानना चाह रहीं थीं कि क्या हम कुछ करेंगे । मैंने कहा कि पति से बात करती हूँ । पति बोले कि बस अभी पहुँचता हूँ ।
गाड़ी निकाल वे कुत्तों के घाव पर लगाने वाला मलहम लेकर वहाँ पहुँचे । जैकी किसी अनजान को तो हाथ नहीं लगवाने दे रहा था । आमतौर पर कुत्ते का इलाज करते समय उसका मुँह बाँध दिया जाता है । जैकी इसके लिए भी तैयार नहीं था । वैसे ही बेचारा बहुत कष्ट में था । पति ने सुझाया कि जैकी को बाड़ के पास ले आया जाए । वहाँ तारों के घेरे के एक तरफ उनके बगीचे में वे लोग जैकी को पकड़े रखें । तारों के बाहर से वे कोशिश करेंगे । वैसा ही किया गया । उसका सिर ऐसे पकड़ा गया कि काँटा तार के बाहर की तरफ आ गया । उन्होंने व उनकी बेटियों ने रोते रोते उसका सिर कस कर पकड़े रखा । दूसरी तरफ से पति ने खींचकर काँटा बाहर निकाला । जैकी जोर से चिल्लाया । वह अपने पैर से बार बार छूकर देख रहा था कि काँटा क्या सच में निकल गया है । उसके मलहम लगाया गया ।
जब वे घर आए तो मैंने जैकी का हाल पूछा । अनजाने कुत्ते से छेड़छाड़ करना अपने को कटवाने का खुला न्यौता तो था ही । सो मैं चिन्तित थी । पति ने पूरी बात बताई और कहा कि काँटा निकालने के बाद उसके चेहरे पर जो राहत दिखी वह देखने लायक थी । ऐसे में ही जानवरों के ऋाथ ना होने का दुख होता है । बेचारे बहुत असहाय हो जाते हैं ।
आशा है कि जैकी की तरह ही उस बेचारे शेर की पीठ से भी काँटे निकाल लिए गए होंगे ।
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शेर,चरवाहे भारवाड़ और गोफेण
मुझे कल की छुट्टी चाहिये ।
घुघूती बासूती
Monday, March 10, 2008
सेही ने शेर पर साधा निशाना । घायल शेर भागा ।
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ओह, बेचारा शेर! कौन निकालेगा उसके बदन से कांटे?
ReplyDeleteमन को छूने वाला वृत्तांत -साही के लंबे नुकीले काँटों के चलते ही यह प्रजाति अभी विलुप्त होने से बची है ,शेर से टू खैर यह बच गयी मगर नर सिंहो -शिकारियों से यह कब तक बच पायेगी ?
ReplyDeleteक्या बात है आजकल तो Animal planet यहीं देखने को मिल जा रहा है,
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख है। आपके लेख पढ़कर पात्रों से एक आत्मीयता बन जाती है, चाहे वह शेर हों, सेही या कुत्ता हों। - आनंद
ReplyDeleteसेही शेर से सवाया निकली,उसे कुदरत ने इतने सुन्दर काटॆ इसीलिये दिये है कि वोह अपनी रक्षा कर सके..:)
ReplyDeleteसेही शेर से सवाया निकली,उसे कुदरत ने इतने सुन्दर काटॆ इसीलिये दिये है कि वोह अपनी रक्षा कर सके..:)
ReplyDeleteरोचक...
ReplyDeleteक्या अब शेर सिरीज खत्म?? :)
वाह जी, मैं तो शेर के गुण भी पाना चाहूंगा और साही के भी। कछुये के भी और खरगोश के भी!
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