Friday, March 08, 2013

चाहती हूँ


चाहती हूँ

चाहती हूँ कि
नतिनी को
कभी बोझ न लगे
उसका स्त्री होना,
उसके कदम न रोक ले
उसका स्त्री होना,
हँसी पर पहरा न लगा दे
उसका स्त्री होना,
चेहरा छिपाने को मजबूर न करे
उसका स्त्री होना,
उसके विकल्प न सीमित करे
उसका स्त्री होना,
उसका नाम न बदलवा दे
उसका स्त्री होना,
उसका काम न तय करवाए
उसका स्त्री होना,
उससे काम न छुड़वा दे
उसका स्त्री होना,
उसकी खुशियों पर न डाका डाले
उसका स्त्री होना,
उसे जमाने से ज्ञान न दिलवाए
उसका स्त्री होना,
उसके पहनावे पर न हावी हो जाए
उसका स्त्री होना,
चन्द नैसर्गिक खुशियों के बदले न जीवन गिरवी रखवाए
उसका स्त्री होना,
उसकी उड़ान न रोके
उसका स्त्री होना,
उसे आभासी पक्षी ही बन सन्तोष न करवाए
उसका स्त्री होना।

घुघूती बासूती

आभासी पक्षी* जैसे घुघूती बासूती नाम रख पक्षी होने का आभास पाना।

घुघूती बासूती

32 comments:

  1. आमीन !!
    आपकी नतिनी को तो कभी बोझ नहीं लगेगा,
    पर जब तक देश की हर नतिनी को ऐसा न लगने लगे, कैसे सेलिब्रेट करें आज का दिन या कोई भी और दिन

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  2. आपकी शुभेच्छायें और आशीर्वाद में नतिनी का जीवन उज्जवल है।

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  3. जब उसके पास आप जैसी नानी है तो उसे किसी भी बात की चिंता करने की आवश्यकता ही क्या है , उसे कभी भी अपने स्त्री होने पर अफसोस न होगा ।

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  4. हार्दिक शुभेच्छा

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  5. आप जैसी नानी हो तो नातिन को क्या गम :).
    बस दुनिया की हर नातिन को आप जैसी नानी मिल जाए.

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  6. ऐसा ही हो..... सुंदर भाव, शुभकामनायें

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  7. बेहतरीन और मौजूं प्रस्तुति विश्व महिला दिवस पर

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  8. इतनी सजग नानी हैं जिसकी ,उस नातिन को नारी होने की विडंबना नहीं झेलनी पड़ेगी.
    हमारी बेटी तक काफ़ी कुछ बदला ,अब नातिन तक काफ़ी बदलाव आ चुका है-बदलाव की गति हर जगह एक सी नहीं है.हमारे देश में भी कहीं 21वीं शती है और कहीं अभी 19वीं ही चल रही है.सम पर आने में समय लगेगा पर आयेगा ज़रूर !

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  9. हमसे बेहतर ही मिलेगा उसे... जीते जी तो उतना करने की कोशिश कर रहे हैं हम...

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  10. पुनः पुनः बधाई हो!

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  11. समय बदला भी है, आगे और भी बदलेगा ...

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  12. सार्थक अभिव्यक्ति,बधाई

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  13. .
    .
    .
    सबसे पहले तो बधाई !

    अब कविता में कुछ और जोड़िये...


    वह आंकी जाये...
    एक स्त्री की तरह नहीं...
    किसी भी दूसरे इंसान की तरह...
    लैंगिक विभेद से परे...

    वह आवाज उठाये...
    एक स्त्री की तरह नहीं...
    किसी भी दूसरे इंसान की तरह...
    लैंगिक विभेद से परे...

    उसके मुद्दे हों...
    केवल स्त्री के नहीं...
    हर इंसान के...
    लैंगिक विभेद से परे...

    याद रहे सिर्फ उसे...
    वह इंसान है बस...
    हर दूसरे की तरह ही...
    लैंगिक विभेद से परे...


    घुघूती जी, आपकी तीसरी पीढ़ी है वह...अब यह सीढ़ी भी उसे चढ़नी ही चाहिये... वह भी हमारे रहते ही... :)



    ...

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  14. आप की इच्छा उत्तम है। लेकिन इस इच्छापूर्ति की राह में अनेक रोड़े हैं। उन रोड़ों से निपटने के लिए नातिन को सशक्त और सक्षम बनाइये।

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  15. आपकी नतिनी को आशीर्वाद ,उसे उन्मुक्त जीवन मिले
    latest postमहाशिव रात्रि
    latest postअहम् का गुलाम (भाग एक )

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  16. Achhi sarthak abhiwayvkti

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  17. याद रहे सिर्फ उसे...
    वह इंसान है बस...
    हर दूसरे की तरह ही...
    लैंगिक विभेद से परे...

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  18. अब चाहना खुद बोलती है..

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  19. नातिन के जीवन की मंगलमय कामना के साथ !!

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  20. स्थिति आज की बीते कल से बेहतर है इसलिए भविष्य के साथ आशाएँ बंधी हैं.

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  21. आमीन! वह दिन अवश्य आएगा...

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  22. इन सब चीजों से आगे नानी के उत्तम विचारो के साथ आगे बढ़ेगी हम सबकी नातिन ।
    बधाई ।

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  23. आमीन ... ऐसे दिन की कितनों को प्रतीक्षा है ...

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  24. मर्मस्‍पर्शी।

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  25. very beautiful poem hope our girls will find the world we are wishing for them.

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  26. very good poem, hope our girls will the get the world of your thoughts, and I will do anything for that and I hope god will give me courage to make a difference.

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  27. सुन्दर भविष्य की कामना करती सार्थक अभिव्यक्ति ।

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  28. आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!

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  29. सार्थक अभिव्यक्ति...नतिनी को आशीर्वाद...

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  30. उसको अपने हिस्से का स्त्री होना खुद ही भुगतना होगा।अपनी देश कल और परिस्थितियों के हिसाब से।अभी कितनी ही पीढ़ियों को भोगना बाकी है कौन जाने

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