Thursday, February 04, 2010

क्यों बाँध रखी है ब्लॉगवाणी ने टिप्पणियों पर सीमा ?..........घुघूती बासूती

हमारी माँगें हैं कि बढ़ती ही जा रही हैं, क्यों न बढ़ें जब ब्लॉगवाणी उन्हें पूरा करती हो !
माँग उससे की जाती है जो माँग पूरी करे या जिस पर कोई अधिकार या स्नेह का रिश्ता हो। अब यह स्नेह चाहे इकतरफा हो या दुतरफा परन्तु हम लगे हाथ एक और माँग कर ही डालते हैं। ब्लॉगवाणी, वाणी हो परन्तु सुनती भी हो तुम, यह हमने देखा है। सच कहें तो बोलती कम हो सुनती अधिक हो। हम तुम्हें अपना नाम बदलने को नहीं कह रहे । तुम्हारा यही नाम हमें भाता है परन्तु अब सुनिए हमारी एक और माँग।

कभी कभार सौभाग्य से हमें, तो कभी अपने सफल लेखन के कारण किसी अन्य के ब्लॉग पर २५ से अधिक टिप्पणियाँ आ जाती हैं , परन्तु ’साम्यवादी' आप उसे २५ से अधिक टिप्पणियाँ नहीं दिखाने देतीं। यदि किसी को ४० टिप्पणियाँ भी मिलें तब भी आपका टिप्पणी काउन्टर २५ ही दिखाता है। क्या यह सीमा है ? क्या इससे अधिक टिप्पणी पाना मुनाफाखोर सा पूँजीवादी आचरण है ? कृपया नेहरू युग से बाहर निकलकर जिसने जितनी टिप्पणी कमाई हो वह दिखने दीजिए। अन्यथा जैसे स्विस बैंक में लोग अतिरिक्त पैसा रखने जाते थे वैसे ही हमें भी अपनी २५ से अतिरिक्त टिप्पणियाँ रखने किसी स्विसवाणी की शरण जाना पड़ेगा। यह हमें कदापि पसन्द नहीं आएगा। सो कृपया टिप्पणीसीमा को २५ से आगे भी बढ़ने दीजिए।

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घुघूती बासूती

33 comments:

  1. भाइयों और बहनों ,क्या इसी को कहते हैं - Problem of plenty ???

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  2. आजकल पढना लिखना कम होता है. इसलिए हम ध्यान नहीं दे पाते हैं.
    वैसे इ सब से कोई ख़ास फरक नहीं पड़ने वाला. ज्यादातर लोग पोस्ट का ही मजा लेते हैं.

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  3. Anonymous4:20 pm

    आप ब्लागस्पाट पर हैं तो आपको 25 टिप्पणियां मिल जाती हैं, हम तो वर्डप्रेस पर हैं, वर्डप्रेस में तो टिप्पणियां तो 10 से आगे नहीं बढतीं. हमने भी ब्लागवाणी से पूछा था तो पता चला कि एसा क्यों है...

    दरअसल वर्डप्रेस अपनी कमेन्ट फीड में पिछली 10 टिप्पणियों की फीड देता है और ब्लागस्पाट पिछली 25 टिप्पणियों की इसलिये ये सीमा है.

    ब्लागवाणी हर बार सारे कमेन्टों को अपडेट क्यों करते हैं, सिर्फ नये कमेन्टों को क्यों नहीं लेते?

    लेकिन उस हालत में हम किसी कमेन्ट को माडरेट करेंगे तो हमारी साईट से तो कमेन्ट गायब हो जायेगा लेकिन ब्लागवाणी के कमेन्ट में दिखता रहेगा. एसी हालत में कमेन्ट माडरेशन का उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा.

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  4. हमें पूर्णतया आपकी बात समझ नहीं आयी। क्‍या आपका मतलब ब्‍लागवाणी के डिसप्‍ले बोर्ड से है? पोस्‍ट पर तो 25 से अधिक रहती हैं टिप्‍पणी।

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  5. मेरे ख्याल से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता इससे

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  6. अजी आप तो हमारे पीछे पड़ गई है...कुल जमा टिप्पणिया पहली दहाई से आगे जाती ही नहीं है तो हमारा ध्यान रखते हुए इसे २५ की सीमा में रखा है..अब हमें ८ टिप्पणिया मिले और आपको १०८ तो भी हम आपके बराबरी के लेखक कहलाएंगे...क्योंकि हमारी भी आपके १/३ टिप्पणियां होगी...अब आपतो ...कुछ तो हमारा ख्याल रखे...ब्लोग्वानी ने आपकी मांग मानली तो हम तो सन्यास ले लेंगे...सिरिल जी...यह मांग न मानी जाए!:):):)

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  7. एक दो बार मैने भी नोट किया था मगर अधिक चिन्ता नही की जो ब्लाग खोले गा वो ब्लाग पर देख लेगा। हाँ अगर ब्लागवाणी कुछ करती है तो सोने पर सुहागा नही भी करती तो सोच लो कि 25 लिखा है तो उपर ही होंगी। धन्यवाद ।

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  8. टिप्पणियों पर राशनबंदी ! लगता है आप गरीबी रेखा से ऊपर निकल गई हैं :)

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  9. Anonymous5:26 pm

    हमारी मांगे पूरी करो!
    हमारी टिप्पणियां पूरी गिनो!

    इंकलाब जिंदाबाद!
    जो हमसे टकरायेगा, ब्लाग पे गाली खायेगा!
    इंकलाब जिंदाबाद!

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  10. बेनामी जी, वाह! हाहाहा!
    घुघूती बासूती

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  11. Anonymous5:58 pm

    kament kae liyae itna bother hi kyun karnaa 2 ho 20 ho yaa 200 does it really matter for a writer of your caliber

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  12. क्या यह विषय इतना गंभीर और आवश्यक है ????

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  13. This comment has been removed by the author.

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  14. ऊपर बेनामी जी ने सही कहा है। ये टिप्पणी सीमा ब्लागवाणी ने नहीं बल्कि गूगल ने अपने ब्लोगर में बना के रखी हुई है। वास्तव में ब्लागवाणी में किसी ब्लोग के पोस्ट, टिप्पणियाँ आदि ब्लोगर में उनके फीड्स से आते हैं। ब्लोगर में टिप्पणी फीड की सीमा निर्धारित है इसीलिये ब्लागवाणी उसी सीमा तक टिप्पणियों की संख्या अर्थात् अधिकतम 25 ही दिखा पाता है। वर्डप्रेस में यह सीमा संख्या मात्र 10 है इसलिये जिनके ब्लॉग्स वर्डप्रेस में हैं उनकी टिप्पणियों की संख्या 10 से अधिक नहीं हो सकतीं।

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  15. ईश्वर करे कि आपको और ज्यादा टिप्पणियां मिलें और गूगल भी अपने को सुधार ले.

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  16. बहुत पहले की बात है, तब ५ तक गिनती इज़ाद हुई थी. ..किसी के दो बच्चे, किसी के चार,,,और जिनके भी ५ से ज्यादा हों, सब एक ही बात कहते थे कि बहुत सारे बच्चे हैं.

    यहाँ भी २५ के उपर ऐसा मान कर चलें कि बहुत सारी टिप्पणियाँ हैं. :) बधाई.

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  17. यही तो है असली साम्यवाद !हा हा

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  18. "यहाँ भी २५ के उपर ऐसा मान कर चलें कि बहुत सारी टिप्पणियाँ हैं. :)

    बिलकुल ! यही ठीक है ।

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  19. अवधिया जी और सुलभ जी ! ने समस्या की असली जद बता डी है !.......वैसे भी हम तो गरीबी रेखा के ऊपर नीचे ही झू;ते रहते हैं ...सो काहे की चिंता ?

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  20. यह तो बहुत बुरा है उनके लिये जिनको २५ से ज्यादा टिप्पणी मिल्ती है .अपने को तो २५ हो या १० क्या फ़र्क पडता है

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  21. Et tu Brutus then fall Caesar, ;-)

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  22. कबिरा खड़ा बजार में सबकी माँगे खैर!
    ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर!

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  23. ऐसा?!!.. मैंने तो नोटिस ही नहीं किया !!
    मेरे ब्लॉग पर तो टिप्पणियां कभी गिने जा सकने वाली सम्मानजनक स्थिति में आई ही नहीं :)

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  24. चलिये जब कारण पता चल गया तो नाराज़गी छोड़ दीजिये.

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  25. ब्लोगवाणी में कोई टेक्नीकल फौल्ट हो सकती है..... होप कि आने वाले दिनों में यह फौल्ट ठीक हो जाएगी....

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  26. घुघूती जी,

    आपकी बात और मुद्दा एकदम सही है और कहने का अंदाज भी इतना आत्मीयता भरा! आपका हर लेख पढ़कर अच्छा लगता है.

    अब तक तो सारी टिप्पणियों की गिनती नहीं रखी थी क्योंकि ब्लाग पर कमेन्ट मिटे तो ब्लागवाणी पर भी मिट जाये, लेकिन अब कोशिश तो जरूर करूंगा.

    इस बात को समझाने के लिये आपका बहुत धन्यवाद.

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  27. चलिये सुनवाई हो गई...

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  28. पता नही जी,
    हम तो कभी बीस से ज्यादा बढे नही.
    आजकल तो दस भी मिल जाये तो समझो वसूली हो गयी.

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  29. आप को पहल करने का श्रेय जाता है।इस बारे मे आज तक़ कोई बात नही हुई थी।

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  30. आपकी पोस्ट से ही इस तरफ ध्यान गया...पर अभी तक वो सब देखा ही नहीं...बस ब्लोगवनी में 'हॉट पोस्ट्स ' ही देखना जानती हूँ...वैसे भी अपन २५ से ३५ की ही रेंज है :)..कहानी पर तो १६,१७, ही थीं कई बार...इसलिए ज्यादा चिंता भी नहीं की ...पर हाँ नयी अवश्य जानकारी मिली..

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  31. टिप्पणिया!!!! सही मानो में लेख से ज्यादा संबध है कि आपने कैसे अपनी मार्केटिंग की हुई है ब्लाग क्षेत्र में। कुछ ब्लाग में कुछ भी नही है येसा कि जिसे औसतन भी कहा जाये लेकिन 50 से उपर टिप्पणीया और जंहा खुबसूरत लेख है वंहा महज़ 2-3 टिप्पणिया। महिलाये,प्रतिष्ठित ब्लागर व राजनीति से जुडे लेख औसतन ब्लाग में ज्यादा प्रतिक्रियाये पाते है चाहे उस पोस्ट में लेखन कैसा भी हो। अच्छी पोस्ट की तारीफ होनी ही चाहिये इसमे कोई दो राय नही और प्रतिक्रिया भी। सभी ब्लागरो को शुभकामनाये!

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  32. टिप्पणियां सीमा मुक्त हुईं.

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