Saturday, October 18, 2008

उसका साथ

सुलगते तनमन पर
सावन की भीगी हवाओं सा,
तपती मरु पर
वर्षा की बूँदों सा,
पैरों पड़ी बेड़ियों के घावों पर
शीतल मरहम सा,
स्वाति नक्षत्र में
बोता सीप में मोती सा,
चिर प्रतीक्षा कराता
दिन २९ फरवरी सा ।

घुघूती बासूती

20 comments:

  1. निकाला काँटे से काँटा कभी कभी हमने।
    चुभते तो दोनों मगर एक मेहरबान ठहरा।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  2. दिन २९ फरवरी सा...चार साल में एक बार याने कम आता है तो महत्वपूर्ण हो लिया है जी..वो ही आपके साथ हो रह है..आजकल इतना कम कैसे??

    भाई जी की तबीयत का सुना था..आशा है अब फिट फाट होंगे. कोशिश करके सूचना दे दिजियेगा.

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  3. आप की कविता बहुत अच्छी है
    बाकी सब ठीक हो यही आशा है

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  4. अक्टूबर मे फरवरी की स्मृति? लगता है आप के लिए कोई खास दिन है?

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  5. सुंदर कवि‍ता।

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  6. सुंदर कविता

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  7. उसका साथ
    ;
    ;
    ;
    चिर प्रतीक्षा कराता
    दिन २९ फरवरी सा ।


    दिल को छूती हुई सी बात ..अच्छी लगी यह

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  8. कविता समझता कम हूँ,
    महसूस ज्यादा करता हूँ.

    अच्छी है. प्रतिक्षा को बेरन भी कह लें....

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  9. बहुत दिनो बाद आपको देखकर अच्छा लगा.. एक छोटी मगर सुंदर रचना के साथ..

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  10. एक छोटी सी कविता मगर गहरे भाव ...

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  11. २९ फ़रवरी !! जो प्रिय हो वह बहुत इन्तिज़ार करवाता है.. सच है.

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  12. Jab 'uska sath' hai to 'chir pratiksha' kaisi!!!

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  13. Sanjay ji se thoda alag kavita samjhta bhi bhi hu mahsoos jyada karta hu....It says lot.

    There are number of wellwishers....Hope Every thing is fine.

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  14. स्वाति नक्षत्र में
    बोता सीप में मोती सा,
    चिर प्रतीक्षा कराता
    दिन २९ फरवरी सा ।

    घुघूती बासूती
    wah
    aap ke pas shabadh pani ki tarah bah niklate he

    kabhi humare blog pr aaye
    dabba he pr dekh le kuch sudhar ho jayega
    regards

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  15. thanks people like u visit my blog and u r right my translation by google convertor is not proper many times i will my best in next post
    regards

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  16. सुंदर कविता। हमेशा की तरह।

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  17. चिर प्रतीक्षा कराता
    दिन २९ फरवरी सा ।

    ahaa kya kalpana hi di.....isiliye to aap best ho...badhai

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  18. बेहद खूबसूरत शब्दों में आपने यह दिल को छूने वाली बात कही। यही तो कविता की सच्चाई है।

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  19. bahut hi samvedansheel aur bhaavpurna....meri shubhkaamnaye....

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