शब्द जादुई हुआ करते हैं
समझने वाले के लिए,
केवल एक आवाज होते हैं
न समझने वाले के लिए,
एक आह्वान भी हो सकते हैं
आतताइयों से लड़ने को,
एक नारा भी हो सकते हैं
चुनाव लड़ने को,
एक मरहम भी हो सकते हैं
चोट खायों के लिए,
एक गाली भी हो सकते हैं
किन्हीं दुर्भाग्यवानों के लिए,
जीने मरने का कारण
वे बन सकते हैं,
मरते हुए को
जिला सकते हैं,
शब्द जादुई हुआ करते हैं।
घुघूती बासूती
राजेन्द्र राजन की एक कविता 'शब्द वही हो तो भी' पर टिप्पणी ।
Tuesday, August 05, 2008
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बिल्कुल सत्य:
ReplyDeleteशब्द जादुई हुआ करते हैं।
-वाह!! बहुत खूब.
कोई जादू नहीं,शब्दों में
ReplyDeleteजादू उन होठों में है
जिन्हें छूकर वे बाहर आते हैं,
जादू है उन में
जो उन्हें सजाते हैं।
बेहतरीन कविता,
ReplyDeleteसुन्दर कविता। दिनेशजी की टिप्पणी बहुत अच्छी लगी।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया - बात भी, रचना भी.
ReplyDeleteशब्दों के जादू को प्रस्तुत करती आपकी रचना बेहतरीन है, बधाई स्वीकारें..
ReplyDelete***राजीव रंजन प्रसाद
bahut sundar badhai.
ReplyDeleteशब्द जादुई हुआ करते हैं।
ReplyDeleteशब्द की जुबान ही दिल की जुबान है और वह जादू करती है ..अच्छा या बुरा .बहुत सुंदर लगी आपकी यह रचना
वाकई जादुई है आपके शब्द.. कितनी सुंदर तरीके से लिखी गयी रचना स्वयं में अनगिनत भाव समेटे हुए
ReplyDeleteशब्द जादुई हुआ करते हैं। और आप जादूगरनी हुई जा रही हैं।
ReplyDeleteबिल्कुल सत्य.
ReplyDeleteसुन्दर कविता.
बधाई स्वीकारें.
kewal ek aawaj hote hain ,n samajhane waalon ke liye....... wakai aapke shabdon me jaadoo hai
ReplyDeleteशब्द कभी आंसू तो कभी हँसी हुआ करतें हैं बिल्कुल सही शब्द जादुई हुआ करतें हैं .
ReplyDeleteहम तो हमेशा से ये मानते आये है .........
ReplyDeletebahut sundar..shabd vakayi jaadui hotey hain..badi acchhi baat kahi aapney
ReplyDeleteअरे.. कुछ दिन पहले मैं अपने चिट्ठे पर बोल रहा था की बचपन जादुई होता है और आज आप कह रही हैं कि शब्द जादुई होता है..
ReplyDeleteदेख्ये, हमें कंफ्यूज मत किजिये.. :)
चोट खायों के लिए,
ReplyDeleteएक गाली भी हो सकते हैं...
शब्द जादुई हुआ करते हैं।
हां, शब्दों में जादू होता है...
सुंदर...अति उत्तम।।।।
जादू ग़र शब्दों में होता
ReplyDeleteतो जादूगर ना होता
शब्दों को जादू से पिरोया
या जादू शब्दों से पिरोया
कामोद
नमस्ते दीदी! कैसी हैं आप ?
ReplyDeleteआज कई दिनो बाद आपको मेरे ब्लॉग पर देख मुझे बहुत खुशी हुई..शुक्रिया. सच कहती हैं आप- शब्द जादुई होते हैं, वे खुशी, आशा और हौसला भी देते हैं..
जीने मरने का कारण
ReplyDeleteवे बन सकते हैं,
मरते हुए को
जिला सकते हैं,
शब्द जादुई हुआ करते हैं।
........सचमुच शब्द जादुई हुआ करते हैं।
शब्दोँ की जादूगरी
ReplyDeleteमन मोहनेवाली होती है जी
- लावण्या
jaadu us kalam main jo use likh rahi hoti hai
ReplyDeletebhaut achha likhti hai aap
baat ko itni saralata se kaha jana achha laga
शब्द ही ना समझे पर शब्दो को
ReplyDeleteशब्द जादुई हुआ करते हैं
ReplyDeleteसमझने वाले के लिए,
केवल एक आवाज होते हैं
न समझने वाले के लिए,
एक आह्वाहन भी हो सकते हैं
बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई स्वीकारें।
वाकई शब्द जादुई से होते हैं।
ReplyDeleteयह तो पहले से ही मानता आ रहा हूं कि शब्द मात्र शब्द नही होते।
रविश जी से सहमत हूं आजकल आप अपने जादुई शब्दों के सहारे जादूगरगनी होती जा रही हो।
हे हे हे!
शब्द शोर भी हो सकते हैं
ReplyDeleteऔर
संगीत भी.
जादू उसके इस्तेमाल में है.
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आपने अच्छी टिप्पणी की है.
कविता की अंतर्दृष्टि
आपमें बोलती-सी है.
बधाई
डा.चन्द्रकुमार जैन
sach hi to hai...shabdon par bhaavna ka rang aur anubhooti ki dhoop banaye hai jeevan ka indradhanush
ReplyDeleteशब्द को तो ब्रह्म कहा ही गया है
ReplyDeleteसही कहा आपने। शब्द तो जादुई होते ही हैं, बशर्ते वे सही समय पर सही जगह पर सही व्यक्ति के लिए निकलें।
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