छोटी बिटिया की महरी बहुत कुशल है। एक्स्पर्ट या निपुण की कोटि में आती है। दो साल की नौकरी में वह 600 रुपये से 3000 रुपये की पगार व एक बच्चे की 800 रुपये प्रति माह की फ़ीस +पुस्तकें + वर्दी आदि पर पहुँच गयी है। उसका काम इतना अच्छा है कि बिटिया उसे झाड़ू पोछे व बर्तन साफ़ करने से शुरू कर घर की केयरटेकर तक ले गयी। हर कुछ महीने में उसकी पगार बढ़ती गयी और वह कुछ नयी जिम्मेदारी सम्भालती गयी। अब तो यह हाल है कि वह कहती है कि अब मेरी पगार मत बढ़ाना क्योंकि अब आपके घर में मेरे करने लायक और कोई नया काम नहीं बचा है।
बिटिया उसे घर की चाभी देकर जाती है। जब काम से घर लौट कर आती है तो चमचमाता, साफ़ सुथरा घर मिलता है। ऐसा लगता है जैसे उसके जाने के बाद किसी ने जादू से उसका घर चमका दिया हो।
पति द्वारा सताई गयी व छोड़ी गयी सरस्वती को आज इतना खुश व सफल देख बिटिया व मेरा मन बहुत खुश हो जाता है। पिछले साल ही तो जब उसे एक दुर्घटना में चोट लगी थी तो हमने उसकी सेवा की थी। छोटी सी चोट ऐसी बिगड़ी कि उसे औपरेशन कराना पड़ा। हाँ, उसने 800 रुपये देकर महरी रख ली थी।
अब जबकि वह ठीक हो चुकी है तब भी वह उस महरी को निकाल नहीं पायी है। कहती है कि उसे वह निकाल नहीं सकती, कि वह बुढ़िया है, कि उसे उसके बच्चों से मोह हो गया है। कि करने दो उसे भी काम ना! कि आप लोग मुझे इतना देते हो। कि इतना पाने का तो मैने स्वप्न भी कभी नहीं देखा था। अब मैं जितने भी नये घर पकड़ती हूँ केयरटेकर कहकर ही पकड़ती हूँ ना कि महरी कहकर और मेरी कमाई इतनी होती है कि मैं बहुत खुश हूँ।
बिटिया के घर का पुराना सोफ़ा,(उसका सामान कितना पुराना हो सकता है? उसकी उम्र ही क्या हुयी है?) लगभग सारा पुराना फ़र्नीचर उसके ही घर में है। ढेरों बर्तन आदि सब उसके ही घर पहुँचते हैं। किन्तु मुझे जो बात सबसे अधिक मोहित करती है वह है उसके पास भी महरी का होना।
कया बाई की भी बाई होना उन्नति है? जो भी हो मुझे प्रगति लगती है।
घुघूती बासूती
Wednesday, November 03, 2010
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अरे वाह... अच्छी बात है... पद-सोपान की परम्परा का निर्वहन
ReplyDeleteवाकई यह प्रगति ही है ....अच्छा लगा पढ़ना ..
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट है... यह प्रगति ही है...
ReplyDeleteमुझे याद आई मेरे दोस्त के घर काम करने वाली बाई. वो सुबह टिफिन लेकर लौटती और शाम को घर आती. एक खुद का फ़्लैट है उसका पुणे में, जो उसमे रेंट पर दे रखा है ! उसकी बेटी एक सॉफ्टवेर फर्म में अब रिसेप्सनिस्ट है और बेटा इंजीनियरिंग पढ़ रहा है.
ReplyDeleteये प्रगति ही तो है|
ReplyDeleteआप को सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
यदि मन संवेदनशील हो तो बाई भी इंसान नज़र आती है । वर्ना आजकल इंसानों में इंसानियत ही कहाँ बची है ।
ReplyDeleteआपकी बाई का भी स्वभाव अच्छा लगता है ।
बिलकुल प्रगति है यह .बहुत अच्छा लगा पढकर.
ReplyDeleteमाफ करियेगा, आपके ब्लॉग में एक बात समझ में नहीं आई. किसी महरी के घर पर महरी होने में कौन सी विशेष बात है? यदि कोई नौकरी पेशा महिला अपने घर में किसी दूसरी महिला को काम देती है तो क्या विशेष बात है, पर अभी ऍसी व्यवस्थाओं को सहज स्वीकार करने में हमें समय लगेगा.
ReplyDeleteएक और बात, आपका ब्लॉग मैं नियमित रूप से पढ़ता रहा हूँ. और यहाँ थाईलैण्ड में ए.आई.टी. के शस्य श्यामल प्राँगण में मैंने पिछले सप्ताह एक चिड़िया देखी थी जिसके गले में भी गोल गोल धब्बे थे. दिमाग में पहला शब्द ही आया "घूघुती".
प्रगति तो नहीं कहूँगा ये मामला सामाजिक बोध का है ! दरअसल ऐसे प्रकरण अपवाद और विलक्षण ही मानिये !
ReplyDeleteऐसा ही किस्सा अपने साथ भी गुज़र रहा है सो मोहित तो हम भी हैं आपकी पोस्ट पढकर !
अनोखी जानकारी दी आपने...
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं।
मेरे हिसाब से भी यह प्रगति ही हुयी !
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार में सभी को धनतेरस और दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !
कार्यकुशलता चाहे जिस स्तर पर हो उसे सम्मान मिलना ही चाहिए। आज पूछ भी कार्यकुशल लोगों की ही है।
ReplyDeleteयह बिल्कुल प्रगति है, बाई से केयरटेकर .. क्या बात है. जैसे हेल्पर से होते हुए किसी फेक्टरी में सुपरवाईज़र हो जाता है कोई कामगार.
ReplyDeleteदीपोत्सव कि हार्दिक शुभकामनाएँ.
वाह, समर्पण हो तो ऐसा कि आत्मीयता हो जाये घर से।
ReplyDeleteहम तो बड़े गरीब हैं जी हमें अपना महरा बना लो.
ReplyDeleteकभी संसद भवन जाये तो वहा ३ कमरो मे पहले कमरे में महासचिव दूसरे में महासचिव के सचिव और तीसरे कमरे में सचिव के निज़ी सचिव की प्लेट लगी है .
ReplyDeleteअभी तो उम्मीद है बाई की बाई और उसकी बाई भी हो
जी हाँ बिलकुल है ....बहुत अच्छा प्रसंग बताया आपने
ReplyDeleteआपको सपरिवार प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
उल्फ़त के दीप
बड़ा अच्छा अनुभव शेयर किया है..
ReplyDeleteऐसी ही घटनाएं..मानवता की उपस्थिति का अहसास दिलाती हैं...
सेवाओं के विशिष्ठीकरण के युग में यह होना लाजमी है। हालांकि इसे आरंभ ही कहा जाना चाहिए।
ReplyDeleteप्रगति ही कहेंगे और क्या!!
ReplyDeleteसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
मेरी नजर में अब लोगों कि सोच बदल रही है..
ReplyDeleteमुझे तो ये सोच कर आश्चर्य हो रहा है की वो बाई क्या वास्तव में इतना कमा लेती होगी की अपने लिए एक बाई रख सके क्योकि आज के महगाई के समय में खर्च कम नहीं है इसलिए इसे क्या कहु समझ नहीं आ रह है |
ReplyDeleteआप को और आप के परिवार को दीपावली को शुभकामनाये |
हमारी बिटिया को भी ऐसी ही एक दिला दो, बाइयों के नखरों से वह बहुत परेशान है। खाना बनाने की बात करो तो पूछती हैं कि रोटी कितनी बनानी होगी। चार या पांच से ज्यादा नहीं। पूना के लिए ढूंढ ही दीजिए ऐसी एक जरूरतमंद।
ReplyDeleteआपको स: परिवार दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं और बधाई .
ReplyDeleteयह प्रगति ही है !!
ReplyDeleteसारी दुनिया ऐसे ही अच्छे लोगों से भर जाये तो क्या बात है :)
ReplyDeleteदीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ।
yae pragati nahin haen maansik uththaan haen jismae ek naari apnae liyae sochtee haen aur dusri naari ko bhi ko upar uthatee haen phir chahae wo aap ki betti ho yaa baai yaa baai ki baai
ReplyDeletekal bajaar mae do dukano kae bahar safaii karnae wali mahila jinaey zamadarin kehaa jataa haen wo kaam khatam karkae pastry ki shop par gayee aur unhonae wahaan pastry khaaii
maa ko yae daekh kar achcha lagaa kyuki apnae kaam kae saath saath apni kamaii sae apni pasand ki cheez khanaa ek maansik utthan haen
aek achchi mamarmi snvednshil schchaayi. dipavli mubark ho. akhtar khan akela kota rajthan
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteइस तरह की कुछ खबरें, जो मेरे सुनने-पढ़ने में अब तक आईं थीं वह शिक्षक, शिक्षाकर्मियों और पटवारियों के स्थानापन्न सहायकों के बारे में थी.
ReplyDeleteदीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!
ReplyDeleteआज की मेरी टिप्पणी सिर्फ आपको व आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनायें देने के लिए है. मेरी तरफ से ये दिवाली आपको मंगलमय हो.
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट.दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteBahut khushee mahsoos huee aapkee ye post padhke!
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