अवैधानिक चेतावनी: ज्ञान पिपासु फिर कभी आएँ जब ज्ञान वार्ता हो रही हो। खेद है कि आज ज्ञान की दुकान बन्द है। आज अगम्भीर चिन्तन दिवस है।
कुछ देर पहले नेट पर आई तो ब्लॉगवाणी वाले सिरिल की टिप्पणी दिखी। 'टिप्पणियां सीमा मुक्त हुईं.' पढ़कर मुझे उतनी ही खुशी हुई जितनी अपनी किसी प्रिय सहेली के बन्धन मुक्त होने पर होती। पता नहीं,निरर्थक सीमाएँ और बन्धन मुझे वैसे ही लगते हैं जैसे (सुना है) साँड को लाल कपड़ा।
खैर, सिरिल की टिप्पणी पढ़ झटपट ब्लॉगवाणी को खोलकर देखा तो सबसे ऊपर स्पन्दन पर ४४ और शेफाली पाँडे की पोस्ट पर २९ टिप्पणियाँ देख सिरिल की बात का सबूत भी मिल गया।
जब मैंने ४ फरवरी २०१० को एक पोस्ट लिखी थी,'क्यों बाँध रखी है ब्लॉगवाणी ने टिप्पणियों पर सीमा ?'
तब भी मुझे विश्वास था कि मैथिलि जी या सिरिल मेरी बात को सुनेंगे और सुनेंगे ही नहीं मेरे प्यार भरे अनुरोध का मान भी रखेंगे। सिरिल ने उस पोस्ट पर भी उत्तर देकर कहा था,
'घुघूती जी,
आपकी बात और मुद्दा एकदम सही है और कहने का अंदाज भी इतना आत्मीयता भरा! आपका हर लेख पढ़कर अच्छा लगता है.
अब तक तो सारी टिप्पणियों की गिनती नहीं रखी थी क्योंकि ब्लाग पर कमेन्ट मिटे तो ब्लागवाणी पर भी मिट जाये, लेकिन अब कोशिश तो जरूर करूंगा.
इस बात को समझाने के लिये आपका बहुत धन्यवाद. '
मुझे खुशी है कि उन्होंने अपनी बात को पूरा किया और मुझसे अधिक लाभ हमारे अधिक टिप्पणी पाने वाले मित्रों को होगा।
धन्यवाद सिरिल!
और हाँ, टिप्पणियों, तुम्हें बधाई कि तुम मुक्त हुईं!
घुघूती बासूती
Saturday, June 05, 2010
टिप्पणियाँ सीमा मुक्त हुईं! सिरिल आपका बहुत बहुत आभार!.......................घुघूती बासूती
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फिर तो आज का दिन "टिप्पणी आजादी दिवस" घोषित कर दिया जाना चाहिए :)
ReplyDeleteबिल्कुल! वैसे क्या अब भी कोई एकआध दिन साल में या चार साल में बचा है? २९ फरवरी भी चलेगा।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
और हाँ, टिप्पणियों, तुम्हें बधाई कि तुम मुक्त हुईं!
ReplyDeleteआपको बधाई,सिरिल को शुक्रिया !
ReplyDeleteहमारी बधाई भी स्वीकार करें.
ReplyDeleteटिप्पणियों को मेरी भी बधाई...:) आपकी कोशिश रंग लाई.
ReplyDeleteकैद से मुक्ति
ReplyDeleteजरूरी है
.
ReplyDelete.
.
आपको बधाई,सिरिल जी को शुक्रिया !
Ghughuti basuti me Kumaon Garhwal ka "Touch" kafi dino se nanhi aa raha hai,aapki lekhni me dam hai, kripaya jaari rakhen.Loksahitya, Loksanskrti ya phir purani yaaden hee.
ReplyDeleteShesh phir. Shubhkamnaon dagad-
घुघूती जी,
ReplyDeleteइतनी सुंदर पोस्ट लिखने के लिये धन्यवाद. असल सारी टिप्पणीयों की संख्या न आना हमने सोच कर नहीं किया था. कुछ तकनीकी दिक्कत थी. छोटी भले ही थी लेकिन ब्लागवाणी पर काम करना टलता रहा था.
आज अचानक से इसका हल मिला तो डाल दिया.
वैसे आने वाले कुछ दिनों में ब्लागवाणी में कुछ और भी बदलाव होंगे. उन पर काम जारी है और हालात अनुकूल हुये तो अगले हफ्ते नयी सुविधायें आयेंगीं.
आपके सहयोग व सहृदयता के लिये धन्यवाद!
एक बधाई श्री समीर लाल जी को भी. अब उनकी सेंचुरियां स्कोर बोर्ड पर दिखने वाली हैं :)
ReplyDeleteधन्यवाद सिरिल!
ReplyDeleteऔर हाँ, टिप्पणियों, तुम्हें बधाई कि तुम मुक्त हुईं!
vaah....aaj to celebration ka din hona chahiye....
ReplyDeleteसार्थक पहल और सार्थक परिणाम कहना ठीक होगा।
ReplyDeleteलेकिन उन बजरबट्टूओं का क्या जो आपस में लड खप रहे होते हैं और कॉपी पेस्ट कर कर न जाने कितनी बार एक ही टिप्पणियां लगातार चेपते रहते हैं।
ब्लॉगवाणी से एक अनुरोध है कि यदि किसी ब्लॉग पर एक से ज्यादा बार एक ही व्यक्ति टिप्पणी करे तो भी उसकी एक ही टिप्पणी मानी जाय और उसी हिसाब से ब्लॉगवाणी का आंकडा रखा जाय।
ऐसा न करने पर बजरबट्टू ब्लॉगर्स इसका फायदा कॉपी पेस्ट तरीके से टिप्पणी संख्या बेमतलब ही बढ़ाने में कर सकते हैं ।
अब यह तकनीकी काउंटिंग कितना कर पाते हैं यह तो सिरिल जी ही बेहतर बता सकते हैं। और यह जान अच्छा लगा कि ब्लॉगवाणी लगातार अभी और सुधार करने की ओर जुटी है।
मेरी ओर से शुभकामनाएं और धन्यवाद दोनों ही स्वीकीरें :)
सादर वन्दे !
ReplyDeleteआपको और सिरिल जी दोनों को धन्यवाद |
रत्नेश त्रिपाठी
सिरिल जी और उनके पिता
ReplyDeleteआदरणीय मैथिली शरण गुप्त जी बहुत सहृदय व्यक्ति है!
आप सभी को बधाई जी
ReplyDeleteबहुत अच्छी खबर है .. बहुत बहुत बधाई !!
ReplyDelete
ReplyDeleteइतनी सारी बधाईयों में ढोलक की एक थाप मेरी भी..
अलबत्ता इससे मुझे कोई फ़र्क पड़ने वाला है, क्या ?
मज़ाल है कि मेरे पोस्ट पर टिप्पणियाँ दहाई का आँकड़ा छू भी लें ।
जय हो..
ReplyDeleteडॉ. अमर, यदि आप प्रयोग करना पसन्द करते हों तो अपनी टिप्पणी को एक पोस्ट बनाकर पोस्ट कर दीजिए। कुछ ऐसे.........
ReplyDeleteटिप्पणियों की सीमा हटने से मुझे तो कोई अन्तर नहीं पड़ता, क्या आपको पड़ता है?
या
टिप्पणियों की सीमा हटने से किसे अन्तर पड़ेगा? दस नाम सुझाइए।
या
टिप्पणियों की सीमा गर हट भी जाए तो क्या है!
फिर देखिए टिप्पणियाँ सीमा पार कर दौड़ती फाँदती नजर आएँगी।
घुघूती बासूती
टिप्पणी ही टिप्पणी मिल रही हैं अब तो आपको...
ReplyDeleteआपको बधाईयाँ, सिरिल जी को धन्यवाद, समीर जी को शुभकामनाएं :)
ReplyDeleteha...ha...ha....ha...ye baat bhi khoob kahi aapne.....!!!
ReplyDeleteबधाई. पर मेरी समझ में नहीं आया कि क्या टिप्पणी न मिलने से हमारे विचार अवरुद्ध हो जाते हैं?
ReplyDeleteअपन तो वही ८-१० टिप्पणियों वाले है फिर भी सब को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं |
ReplyDeleteआपकी बात जल्दी सुनी जाती है. अब अगर ब्लॉगवाणी से कुछ अपेक्षा होगी तो किसी तरह आपको उकसाएंगे. :-)
ReplyDeleteghost buster ने बड़ी खोज की :)
ReplyDeleteआपको बधाईयाँ, सिरिल जी को धन्यवाद
ReplyDeleteकुछ ब्लॉगवाणी के लिये डिमान्ड हमारी हैं, इसके नीचे पेज नम्बर सिस्टम पहले की तरह हो, और प्रविष्टियां वाला सिस्टम बेकार है.
ReplyDeleteआपको उकसा रहे हैं, इसे करवाईये
पता नहीं ये बात कितनी सही है क्योंकि मेरी वर्डप्रेस ब्लॉग की पोस्ट पर तो टिप्पणियाँ अब भी दस से आगे नहीं बढ़ रही हैं.
ReplyDeleteबेनामी जी आपकी बातों के असर से तो सारा ब्लाग जगत दहल रहा है, आपको यकीनन घुघूती जी कि सिफारिश गैरजरूरी है :)
ReplyDeleteअगले हफ्ते कुछ और बदलावों के साथ पेज नंबर वापस आ रहे हैं.
अराधना जी, जल्द ही समाधान की कोशिश करूंगा.
अच्छे बदलाव हैं परन्तु केवल उनके लिए जो या तो टिप्पणियों की संख्या देखकर पढ़ते हैं या जिन्हें ज्यादा टिप्पणियां मिलती/मिलने की आस होती है. मेरी तो कुल जमा 300 पोस्टों पर अब तक पांच टिपण्णी प्रति पोस्ट का औसत भी नहीं आया है.
ReplyDeleteचिट्ठाजगत की भांति ब्लौगवाणी पर भी नीचे पेज की संख्या आनी चाहिए. पिछली पोस्टों को देखने के चक्कर में लम्बा-चौड़ा पेज खुल जाता है. इसके आलावा यूज़र अकाउंट को मैनेज करना भी सरल हो जाये तो अच्छा.
बेहतर हो कि पसंद/नापसंद के विकल्प पर पुनः विचार कर लिया जाये. हाल में कई अच्छी पोस्टों पर जबरदस्त नापसंदगी दर्ज होते देख अच्छा नहीं लगा.
यह भी हो कि केवल रजिस्टर्ड प्रयोक्ताओं के कमेन्ट ही ब्लौगवाणी पर दिखें.
और जिन पोस्टों में कुत्तों के ब्लौगर सम्मेलनों का जिक्र हो उन ब्लौगों की पोस्टों का प्रिंट निकालकर उसकी लुगदी बनाकर उनसे बनी रोटी उन ब्लौगरों को खिलाई जाय.शायद उससे कमेन्ट पाने की भूख कुछ शांत हो सके.
आज का दिन तारीख़ में दर्ज किया जाये ।
ReplyDeleteआपके प्रयास को सफ़लता मिली .बधाई हो
ReplyDelete२९ फ़रवरी भी मुरार जी देसाई की जयन्ती होती है
आपके प्रयास को सफ़लता मिली .बधाई हो
ReplyDelete२९ फ़रवरी भी मुरार जी देसाई की जयन्ती होती है
aji jitni badhai mile kam hai.. :)
ReplyDeleteबधाई ।
ReplyDeleteटिप्पणियां भी
ReplyDeleteले रही हैं
आनंद आजादी का।