किसी भी सुविधा का उपयोग मनुष्य अपने मूलभूत स्वभाव के अनुसार करता है। जब भी कोई नई खोज या आविष्कार होता है तो लोग अपनी प्रकृति के अनुसार उसके उपयोग ढूँढ लेते हैं। जेबकतरा शेविंग ब्लैड जेब काटने के लिए, आत्महत्या का प्रयास करने वाला कलाई कि नसें काटने, हत्यारा गला काटने के लिए व विद्यार्थी पैंसिल छीलने के लिए कर लेते हैं। नशेड़ी खाँसी की दवा में नशा ढूँढ लेता है। वस्तु कितनी भी अच्छी क्यों न हो उसका उपयोग वैसा ही होता है जैसा व्यक्ति स्वयं होता है।
यही हाल नेट का भी है। नेट का उपयोग कोई जानकारी पाने के लिए करता है, मेल भेजने, गप्प मारने, ब्लॉग लिखने, नेट बैंकिंग, शेयर खरीदने बेचने आदि आदि के लिए करता है। किन्तु धोखाधड़ी करने वाला धोखे के लिए करता है, लोगों को चूना लगाने के लिए करता है। ब्लॉग लेखन कोई अपने मन की बात लोगों तक पहुँचाने को करता है तो कोई किसी व्यक्ति, संस्था, धर्म या किसी अन्य के विरुद्ध लिखने, उसकी छवि धूमिल करने के लिए करता है।
१५.०४.२०१० के मुम्बई मिरर के मुख्य पृष्ठ पर ऐसे ही एक व्यक्ति की गिरफ्तारी का समाचार छपा है जिसपर अभियोग लगाया गया है कि वह अपने ब्लॉग का प्रयोग ग्लोबल इन्डियन फाउन्डेशन नामक संस्था की बदनामी के लिए करता था। ग्लोबल इन्डियन फाउन्डेशन ग्लोबल इन्डियन इन्टरनेशनल स्कूल चलाती है। इसके सिंगापुर स्कूल में अभियुक्त काम करता था। वहाँ से कुछ गड़बड़ियों के कारण उसे निकाल दिया गया था अतः वह ग्लोबल इन्डियन इन्टरनेशनल स्कूल पेरेन्ट्स फोरम फोर ए बैटर GIIS नामक ब्लॉग चला रहा था जिसमें संस्था के बोर्ड के सदस्यों के बारे में अपमानजनक बातें कही जाती थीं। इस ब्लॉग के सिंगापुर निवासी को मॉडरेटर को पहले पकड़ा गया। फिर उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अब भारत में रहकर काम करने वाले अभियुक्त को पकड़ा गया।
आगे जाँच व मुकदमे में क्या होगा कहा नहीं जा सकता किन्तु इतना तो सिद्ध हो जाता है कि ब्लॉग का दुरुपयोग हम अपनी व्यक्तिगत खुन्दक निकालने के लिए किसी की मानहानि करने के लिए करेंगे तो अदालत के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। को मॉडरेटर होना भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, विशेषकर तब जब हम मॉडरेटर व उसके इरादों को जानते न हों।
यह समाचार १५.०४.२०१० के www.mumbaimirror.com पर पढ़ा जा सकता है।
घुघूती बासूती
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कितनी काम की जानकारी है । ब्लॉगिंग भी लोक व्यक्तिगत खुंदक निकालने के लिये करते हैं और औसे लोगों को पढने वाले भी मिल जाते हैं । आपका धन्यवाद ।
ReplyDeleteओह...
ReplyDeleteजो बात आप ने इस आलेख के अंत में कही है, वह पहले भी कही जा चुकी है। शायद अब उस का प्रभाव हो।
ReplyDeleteHAR CHIJ KO KANOONI DAYRE MAIN RAHKAR KARNA CHAHIYE AUR KHAS KAR JHOOTHA PRCHAR TO KISI KE WARE MAIN BHI NAHI KARNA CHAHIYE.HAN AAPKI BATEN SACHCHI HAI TO KANOON SE KYA DARNA.KANOON TO HAR HAL MAIN SATY KI RAKSHA KE LIYE HAI AUR USE WAISA KARNA BHI CHAHIYE.
ReplyDeleteअब शायद कुछ लोगों को सबक मिले.....
ReplyDeleteना जी.. हम हिंदी वाले जब तक अपने सर पर डंडे ना पड़े तब तक नहीं मानेंगे..
ReplyDeleteअब भी लोग सतर्क हो जायें तो ठीक!
ReplyDeleteपर उनका क्या जिनका नारा है हम नहीं सुधरेंगे.
ReplyDeleteअच्छा चेताया आपने !
ReplyDeleteबहुत ही काम की जानकारी दे दी है आपने ...
ReplyDeleteअब यहाँ का मौसम कुछ बदले शायद ...!!
आपने अच्छा किया जो खबरदार किया पर...मित्रगण समझेंगे ?
ReplyDeletenice
ReplyDeleteहिंसक मओवादिओं का महिमामंडन करने वालों का तो कुछ भी नहीं हुआ अब तक.
ReplyDeleteab shayad kuchh fark aaye
ReplyDeleteबहुत सही ! हिन्दी ब्लॉग जगत में भी इस समय कुछ लोग अपने ब्लॉग का उपयोग सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने के लिये कर रहे हैं, पर मुझे तो नहीं लगता कि उन पर इस बात का कोई असर पड़ेगा. प्रशान्त सही कह रहे हैं, जब तक खुद सिर पर डंडा नहीं खायेंगे, तब तक नहीं सुधरेंगे ये लोग. काश, कोई नियामक संस्था होती, कुछ तटस्थ लोगों की...पर शायद उसे भी लोग अपने हिसाब से इस्तेमाल करने लग जायें.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी घुघूती जी. धन्यवाद.
ReplyDeleteअच्छा!?
ReplyDeleteक्या किसी को इसका मतलब समझ आ रहा है?
समझ में आ भी रहा हो तो क्या कोई फर्क आएगा?
बी एस पाबला
बुरे काम का बुरा नतीजा..!
ReplyDeleteअच्छी जानकारी देने के लिए आभार।
आप ऐसे ही नई-नई जानकारिया देते रहें!
ReplyDeleteसावधानी में ही समझदारी है....अच्छी जानकारी के लिए आभार
ReplyDeleteबहुत काम की जानकारी दी आपने ! शुक्रिया !
ReplyDeleteइस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार.
ReplyDeleteजरूरी पोस्ट ....
ReplyDeleteउपयोगी सूचना… चेतावनी के लिये धन्यवाद… आप हमेशा कुछ "हट के" मैटर लाती हैं… इसीलिये आपके ब्लॉग पर आना अच्छा लगता है।
ReplyDeleteआप सार्वजनिक रूप से कोई बात कहते है तो जिम्मेदारी से भी बच नहीं सकते.
ReplyDeleteकौन कब नाराज हो जाये! ब्लॉगिंग के इतर भी आलोचना पर गिरफ्तार होते रहे हैं लोग।
ReplyDeleteब्लॉगिंग गंगाजल से धुली तो नहीं! :)
galat ka natija galat hona hi hai der saber.
ReplyDeleteab yah to karne wale ko khud hi sochna hoga ki vah kya kar raha hai.
हम अगर ये उम्मीद लगा कर बैठे है के कंप्यूटर खरीदने वाला ओर उसे इस्तेमाल करने वाला इस देश की सिर्फ पढ़ी लिखी जमात को प्रजेंट करेंगा .......खुशफहमी है ... ......दरअसल हम सब ढोंगी है अपने ज़माने के .....सब जानते है किस बात पे वाह- वाह करनी है ओर कौन सी बात असल जीवन में उतारनी है ....हम कागजो में कुछ ओर नजर आते है ओर असल जीवन में कुछ ओर.
ReplyDeleteघुघूती जी,
ReplyDeleteअपने सचेत किया है, यह बहुत अच्छी बात है किन्तु हम जो अपनी अपनी दूकान खोल कर बैठे हैं, क्या पेश कर रहे हैं? यह हम लोगों की मर्जी है और पिछले कुछ दिन पहले कुछ प्रबुद्ध जन भी ऐसा ही कुछ कर रहे थे - आरोप - प्रत्यारोप. कम से कम हम प्रबुद्ध जनों से ऐसी उम्मीद कर सकते हैं की जो भी लिखे या ब्लॉग पर डाले व्यक्तिगत प्रतिशोद या फिर आक्षेप से इतर हो तो अच्छा है, एक स्वस्थ मानसिकता वाली प्रस्तुति ही ब्लॉग को समृद्ध बनाएगी.
न सिर्फ ब्लॉग पोस्ट, बल्कि उस पर आई टिप्पणियों के प्रकाशन के लिए भी ब्लॉग मालिक उत्तरदायी रहेगा अतः इस ओर भी सदैव उतना ही ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है
ReplyDelete'prevention is better than cure '
ReplyDeletewe need to be careful in all walks of life.
ab ho jaaye saawdhan bhai sahaab!badhiya jaankaari bhara lekh!
ReplyDeletekunwar ji,
अच्छी जानकारी दी आभार।रवि जी की बात भी ध्यान देने योग्य है।
ReplyDeleteबहुत ही उपयोगी जानकारी।
ReplyDeleteशायद 'कुछ लोगों' को इससे सबक मिले.
ReplyDeleteऐसा भी होता है ....!
ReplyDeleteबढिया जानकारी दी।
ReplyDeleteजो लोग टिप्पड़ियों की संख्या बढ़ाने के लिए , " बदनाम हुए तो क्या नाम तो होगा " की राह पर चल रहे हैं उन्हे शायद कुछ शिक्षा मिले ।
ReplyDeleteपर शायद ही मिले ।
किन्तु इतना तो सिद्ध हो जाता है कि ब्लॉग का दुरुपयोग हम अपनी व्यक्तिगत खुन्दक निकालने के लिए किसी की मानहानि करने के लिए करेंगे तो अदालत के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। को मॉडरेटर होना भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, विशेषकर तब जब हम मॉडरेटर व उसके इरादों को जानते न हों।..
ReplyDeleteयह काबिले गौर है...
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteइसे 17.04.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने.......
ReplyDeleteआभार....
regards....
hoshiyaar log is samachar se sabak len tab to baat bane..
ReplyDeleteसोच समझ कर कार्य करना ही अच्छा है ।
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