Thursday, March 18, 2010

वरमाला कोई भी पहना दे, किन्तु मायामय हो वह वरमाला!...............घुघूती बासूती

एक नवयुवक है। इसी साल पढ़ाई खत्म होगी। कैम्पस साक्षात्कार में उसे बढ़िया नौकरी भी मिल गई है। कई जगह से रिश्ते आने शुरू हो गए हैं। अभी कुछ ही दिन पहले तक केवल एक विशेष कार, एक बड़ा टी वी, फ्रिज़, (बड़ा कठिन है इस सूची को बनाना! कुछ छूट गया तो? एक बेसिक सूची तैयार मिलनी चाहिए, जिसमें अपनी सुविधा से जो भी और डालना हो डाल लो परन्तु कम से कम बेसिक सामान तो ना छूटे!उफ!)....., ......., ....., ......., व कुछ लाख नगदी आदि ही चाहिए थी। परन्तु जब से किसी जन्मदिन का सामारोह टी वी पर देखा है तब से 'माला, माला' की माला ही जप रहा है। पहले तो माता पिता ने सोचा कि 'माला नामक किसी चुड़ैल' के चंगुल में फंस गया है, तभी उसके नाम की माला जप रहा है। माता पिता पूछ पूछ कर थक गए हैं कि यह माला कौन है तो वह बस टी वी की तरफ इशारा कर देता है। 'राजा बेटा कुछ बोल तो' कहने पर कठिनाई से बस 'वह मोटी माला' ही कह पाया। माता पिता और भी अधिक दुखी हैं कि एक तो यह माला नामक लड़की के पीछे पागल हो गया है उसपर वह लड़की मोटी भी है।

कल अचानक ही टी वी के सामने वह फिर 'मोटी माला, मोटी माला' कहता उछल पड़ा। भाग्य से तब शेष परिवार भी वहीं था। छोटी बहन समझ गई कि वह किसे देखकर पगला रहा है। उसने समझाया कि भैया को भी ऐसी मोटी माला चाहिए जैसी माला नेता जी के गले में डालने का प्रयास किया जा रहा है ।

माता पिता ने चैन की साँस ली। ऐसी माला तो वे लड़की वालों से माँग लेंगे। कोई ना कोई लड़की का पिता तो 'अपनी माला' को नवयुवक के गले में डालने के लिए 'ऐसी माला' का भी जुगाड़ कर लेगा। सारा परिवार खुश है। ऐसी माला यदि मिली तो दो एक 'पँखुड़ी' तो घर का हर सदस्य भी तोड़ ही लेगा। और जब भी घर का कोई काम अटक रहा हो, कुछ खरीदना हो, तो बस कुछ 'पँखुड़ियाँ' ही नोचनी होंगी। ऐसे में लड़की के गुण,स्वभाव, रूप आदि कैसे भी हों चलेगा। बस अब पंडित जी को बता देते हैं कि हमें अधिक कुछ नहीं चाहिए बस एक 'ऐसी माला' ही दिलवा दीजिए, साथ में किसी की बिटिया भी आ जाए तो चलेगा। कभी कभी दूध के साथ मक्खी भी निगलनी ही पड़ती है। हमें मक्खी के रंग ढंग से अधिक मतलब नहीं है।

अब घर में केवल नवयुवक को ही माला के सपने नहीं आते शेष परिवार को भी सोए में माला माला बुदबुदाते सुना जा सकता है। कहीं सुदूर कोई परिवार ऐसी ही माला गुँथवाने के लिए आधा पेट ही रहकर जी रहा है। परन्तु सुना है बिटिया को डाइटिंग भी नहीं करनी पड़ेगी व..........

सुना है कि अब नोटों का अकाल भी पड़ने ही वाला है। चाय की दुकान व सब्जी के ठेले वाला भी क्रेडिट कार्ड स्वीकार करने की तैयारी कर रहा है। सब लोग तो हजार के नोटों की माला नहीं पहनेंगे ना, कुछ पाँच सौ और कुछ बेचारे सौ पचास की से भी काम चलवा लेंगे। हम जैसों को तो फटे पुराने दस रुपए के नोट की भी चलेगी!


घुघूती बासूती

31 comments:

  1. दादा की दराज में कहीं माला सिन्हा का तो कोई फोटो वोटो नहीं पा गया ?

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  2. माला का चलन तो सिर्फ़ हमारे प्रदेश मे ही लागू है

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  3. माला हो मोटी, लेकिन उसे पहनाने वाली चाहे हो मोटी या मोटी अकल की कोई बात नही, ज्यादा नही कहे गे.. वाह वाह जी जबाब नही आप की इस माला का

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  4. वह माला थी? मैं तो समझा था हार है।

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  5. माया महा ठगिनी कबीर बहुत पहले जानि ।
    पर अफ़सोस आज की जनता न पहिचानी ॥

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  6. आजकल माला बहुत चर्चा में है...........अच्छी प्रस्तुति........बधाई.....

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  7. आनंद आ गया .... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .....

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  8. कहते हैं कि यह माला दलित सम्मान का प्रतीक है। इस तरह से दलित सम्मान के स्वप्न देख लें, उत्थान तो नहीं ही पायेंगे।

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  9. इसे क्या कहते हैं........ " माला की माया " या " माया की माला "

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  10. माया की माला है या माला की माया ?

    अच्छा व्यंग....

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  11. माया देवी को शत शत प्रणाम ! हर बार ही कुछ अद्भुत और अकल्पनीय कर जाती है ..

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  12. बेहद रोचक और मार्मिक व्यंग्य है।

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  13. हमारी शादी बिना माला के हो गई...अब जाकर अखरा जब यह माला देखी...काश!! इस युग में शादी होती.. :)

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  14. एक दिन ऎसा भी आयेगा जब ये नोटों की माला "जूतों की माला" में तब्दील हो चुकी होगी....ऊपर वाले के यहाँ देर जरूर है लेकिन अन्धेर नहीं!!

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  15. कमाल का व्यंग्य. एक साथ कई मुद्दों को आपने फिर अपना निशाना बनाया है. वाह !!!

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  16. बहुत ही सटीक व्यंग है.....माला की माया या माया की माला पर कुछ अलग सा पढने को मिला..

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  17. dekho jee, jab aap mujh pe itna jor dete hi rahte hi shadi ke liye to maan jata hu bas shart yahi hai ki varmala me yahi mala ho, baki aap jano

    ;)

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  18. अच्‍छा व्‍यंग्‍य है। दूल्‍ह‍े तो पता नहीं कितने पगलाएंगे लेकिन राजनेता तो प्रत्‍येक पगला ही जाएगा। उसे भी अब तो वही माला दिखायी देगी।

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  19. ्रोचक माला पुरण हा हा हा । शुभकामनायें

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  20. अब तो माला ही मालामाल है..

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  21. भारत के जिन नेतावो का दिल काला है,
    उनके गले में पड़ रही मोटी नोटों की माला है,
    नकली नोटों की खेप तैयार रखो पाक वालों,
    क्योंकि यहाँ अब नोटों का अकाल पड़ने वाला है !

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  22. namaskaar!

    bahut achhii kalpanaa. kyaa baat hai.

    namaskaar.

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  23. shee kahaa aapane please tread this also http://bit.ly/9NeugQ

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  24. बहुत ही सटीक व्यंग है.....

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  25. घुघूती जी.. इन बावरों को बोलों, कि सबकी किस्मत 'माया' की तरह नहीं होती... बढ़िया चुटकी ली है आपने.. इसमें माया भी निपट गईं और दहेजखोर भी.. वाह मज़ा आ गया...

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  26. बढ़िया व्यंग्य है । हम तो बचपन से ही दूल्हो को नोटो की माला पहने देखते रहे लेकिन यह उपयोग (दुर )पहली बार देखा ।

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  27. mala phnkar sachmuch ki "har "ko gle lga le to kya uttam nahi hoga ?????/

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  28. मजा आगया....बहुत ही....सुन्दर.....
    ...........
    मायावती की माला, अन्धों का हाथी और सुराही में कद्दू ...(व्यंग्य
    http://laddoospeaks.blogspot.com

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  29. अच्छा व्यंग्य, मायावती की माया विचित्र है।

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