कार में आगे बैठने पर सीट बेल्ट पहनना आवश्यक होता है। कितना अच्छा होता कि पीछे की सीट पर भी यह आवश्यक होता।
मैं लगभग सदा पीछे की सीट पर बैठती हूँ और इसी कारण पेटी नहीं बाँधती थी। सच तो यह है कि पेटी बाँधने का खयाल भी नहीं आता था। शनिवार को मैं पुणे जा रही थी। रास्ते में कार की दुर्घटना हो गई। ड्राइवर ने पेटी बाँधी थी, उसे खंरोच तक नहीं आई। मेरी बाँई बाँह में दो जगह हड्डी टूटी। यदि मैंने भी पेटी बाँधी होती तो शायद मुझे भी चोट नहीं लगती।
यह पोस्ट अपने उन्हीं मित्रों के लिए लिख रही हूँ जो मेरी तरह पीछे बैठने पर पेटी नहीं बाँधते। आगे बैठें या पीछे, पेटी अवश्य बाँधें। अन्यथा बिना बात के हाथ पाँव तुड़वाकर मेरी तरह सीखना पड़ सकता है।
घुघूती बासूती
Tuesday, December 22, 2009
काश, बिना दुर्घटना के सीट बेल्ट पहनना सीख लिया होता !
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मानव दूसरों की गल्तियों से सीखे तो बेहतर है क्योंकि इतनी गल्तियाँ खुद करके सीखने का समय कहाँ है?
ReplyDeleteबाँएँ बाँह की हड्डी दो जगह से टूटी? फिर यह ब्लॉग पोस्ट!?
ये हुई ना ब्लॉगिंग :-)
बी एस पाबला
aap jaldi theek ho jaayen. Seat belt jaruri hai.
ReplyDeleteपीछे बैठ कर पेटी बाँधने की तो सच में इच्छा नहीं करती, मगर ज़रूरी है. आशा है आप जल्दी अच्छी हो जाएँ.
ReplyDeleteअरे हमारे यहां तो अगर पीछे किसी ने बेलट ना बांधी हो तो चालक को डबल जुर्माना होता है, पिछे क्या अगर किसी दुसरे ने बेलट ना बांधी हो तो उस के साथ साथ चालक को भी डबल, यानि यह जिम्मेदारी चालक की है, बहुत जरुरी है.. चलिये अब जल्दी से ठीक हो जाये
ReplyDeleteईश्वर की बड़ी कृपा..रक्षा की.
ReplyDeleteआइंदा हम तो ध्यान रखेंगे ही, आप भी रखें.
शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना!!
वाकई अब हम भी ध्यान रखेंगे वैसे तो हमें आगे की सीट पर भी सीट बेल्ट बाँधना अच्छा नहीं लगता है पर कानून की मजबूरी है :)
ReplyDeleteजल्दी से स्वस्थ्य हों शुभकामनाएँ।
ओह ! जल्दी से स्वस्थ हों ! जीवन दाई सीख !
ReplyDeleteबिल्कुल सही सलाह!
ReplyDeleteईश्वर जल्दी ही आपको स्वास्थ्यलाभ प्रदान करे!
ReplyDeleteयह सही है कि पीछे बैठने वाले को सीट बेल्ट बाँधने का खयाल ही नहीं आ पाता।
बला टली...और अच्छी सीख भी मिली ....
ReplyDeleteशीघ्र स्वस्थ हो ...!!
ओह्!! अपनी तबियत का खयाल रखें और जल्दी से ठीक हो जाये..
ReplyDeleteओह ....शुभकामनायें आप जल्दी स्वस्थ हों क्योंकि ....!
ReplyDeleteहुआ ये की दो तीन दिन पहले हमारा कंप्यूटर भी नेट की पिछली सीट पर सवार होकर , ब्लोगिंग को जा रहा था की दुर्घटना हुई और बेचारा आह़त हो गया उसने सुरक्षा बेल्ट तो बांधी हुई थी पर शायद उसे आह़त होना ही था ,फिलहाल उसकी हालत में थोडा सुधार है सो आपको दुआएं दे रहा है !
अति शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ करें ।
ReplyDeleteशीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ.
ReplyDeleteपिछली सीट पर बैठ कर बैल्ट बांधने की बात हमारे भी दिमाग में भी नही आती है जी। अब से ध्यान रखेंगें।
ReplyDeleteआप शीघ्र स्वस्थ हों जायें, प्रार्थना करता हूं।
प्रणाम
हम तो कम स्पीड में गाडी चलाना पसंद करते है.. हालाँकि पीछे कम ही बैठना होता है.. पर फिर भी गाडी की गति कम ही रखी जाती है.. ये आदत बहुत पहले से है.. यहाँ तक कि जब हम ड्राइवर के बगल वाली सीट पर होते है तो ड्राइवर साहब भी धीरे ही चलाते है..
ReplyDeleteमैं तो इसलिये जरूर ही बांधता हूं क्योंकि इसके भी पैसे चुकाये हैं. और हेलमेट भी इसीलिये पहन लेता हूं क्योंकि आठ सौ रुपये का खरीदा था.):-
ReplyDeleteआपकी इस घटना ने मुझे मेरे चाचा की बात याद दिला दी। वो हद से ज़्यादा गुटखा खाते थे उसका अंत हुआ मुंह के कैंसर से। वो आज इस बात पर अफसोस जताते है। ये बात मैं अपने आसपास मौजूद कई गुटखा गटकनेवालों को सुना चुकी हूँ लेकिन, किसी ने आज तक खाना नहीं छोड़ा। जब तक ख़ुद पर नहीं बीतती कोई नहीं जागता हैं।
ReplyDeleteआपका स्वास्थ जल्द दुरुस्त हो।
अरमान तो वैसे खुली कार के छत पर बैठने के भी हैं, लेकिन वास्तविक बैठना जो है वह बाइक पर ही हो पाता है. और उसमें आगे, पीछे दोनों एंड पर बैठकर देख चुका हूं, दिक्कत है पेटी बांधने की सहूलियत कहीं नहीं है..
ReplyDeleteहम से बाइक-बेबंधों की सलाह में कुछ सोचकर जवाब दीजिए. बाई हाथ की तकलीफ़ कम हो जाए, तभी दीजिएगा, लेकिन सोचना तो अभी से शुरु कर दीजिए.
ईश्वर जल्दी ही आपको स्वास्थ्यलाभ प्रदान करे!
ReplyDeleteचारपहिया वाहन मालिक हिन्दी ब्लागरों को हमारी बधाई.
ओह ! जल्दी स्वस्थ होने की शुभकामना. क्या आप अभी पुणे में ही हैं?
ReplyDeleteअरे.. शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी नसीहत याद रखेंगे..
आप के जल्द स्वस्थ लाभ की कामना है !
ReplyDeleteऐसे ही कुछ दिन पहले भाई सलीम खान हेलमेट का महत्वा भी समझ कर समझा चुके है ,गनीमत है की उन्होंने हेलमेट पहन रक्खा था पर अफ़सोस ! काश आप ने सीटबेल्ट लगाया होता !!!
ओह!!..ये तो बहुत बुरा हुआ...प्लीज़ अपने हाथ का ख़याल रखें और जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएँ..
ReplyDeleteइतने दर्द में भी आपने दूसरों का सोचा...और ये सलाह देने चली आयीं...सलाम इस जज्बे को...
शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये शुभकामनायें।
ReplyDeleteठोकर खा खा कर ही सीखा जाता है .
ReplyDeleteस्वास्थ्य क ध्यान रखे वैसे मै भी सीट बेल्ट वही बान्धता हू जहां जुर्माने का भय हो
अरे... आप ठीक तो हैं न.. खुदा का बड़ा करम हो गया.. अपना ख्याल रखिए.. और बाकी लोग भी इस बात का ख्याल ज़रूर रखें... जो लोग हेल्मेट नहीं पहनते हैं.. उनको भी सलाह है.. प्लीज़ ऐसा न करें...
ReplyDeleteआप शीघ्र स्वस्थ हों , यही कामना है !
ReplyDeleteaapne achhi seekh di hai agli bar se dhyan rakhege .aap sheeghr svsth ho inhi shubhkamnao ke sath.
ReplyDeleteआप जल्दी ठीक हों, यही शुभकामना करते हैं।
ReplyDeleteसीट बेल्ट और हेलमेट , वास्तव में जीवन रक्षक होते है, विशेषकर हाइवे या फास्ट ट्रैफिक में।
Hope you recover soon & feel better then before.
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