घुघूत जी का स्वास्थ्य समाचार
सभी बलॉगर साथियों व उनके परिवारों को दीपावली की शुभकामनाएं ।
आज से ठीक दो महीने पहले बुधवार को बड़ी बिटिया और मैंने घुघूत जी को हृदय की बायपास सर्जरी के लिए दिल्ली के एक हस्पताल में भर्ती करवाया था । भर्ती करवाते समय उनके दादा (भाई)भी हमारे साथ थे । थोड़ा सा भय तो था परन्तु बहुत नामी सर्जन के पास जाने से थोड़ी संतुष्टि भी थी । शाम तक उनके दूसरे भाई भी जो दो साल पहले स्वयं यह सर्जरी करवा चुके हैं अपने विदेश प्रवास से लौटकर मिलने आए । अगले दिन सुबह ६ बजे उन्हें औपरेशन थिएटर ले जाया गया । सर्जरी किए जाने वाले मरीजों के घरवालों में से केवल एक को एक प्रतीक्षा कक्ष में बैठाया गया । जिसकी भी सर्जरी हो जाती उसका नाम पुकारकर सम्बन्धी को सूचित किया जाता । फिर वह आइ सी यू में टोपी, दस्ताने व जूतों के ऊपर कवर पहनकर व हाथों को किटाणुमुक्त कर एक नजर अपने मरीज को देख सकता था । डॉक्टर से दो एक प्रश्न पूछ सकता था । लगभग पौने बारह बजे हमें सूचना दी गई कि औपरेशन हो गया है । मैं जाकर देख आई । उस समय आपका अपना व्यक्ति इतना असहाय, कमजोर व पराश्रित लगता है कि मन काँप जाता है । विभिन्न उपकरणों पर उसका जीवन निर्भर होता है । साँस तक स्वयं नहीं ले रहा होता है ।
फिर आइ सी यू के मरीजों के सम्बन्धियों के लिए बने प्रतीक्षा कक्ष में जाकर प्रतीक्षा करनी होती है। वहाँ भी जब किसी सम्बन्धी को डॉक्टर या मरीज बुलाता तो घोषणा की जाती । बड़ी बिटिया और मैं वहाँ बैठे घुघूत जी के होश में आने की प्रतीक्षा करने लगे । हमें बताया गया था कि लगभग आठ घंटों में होश आ जाएगा । लगभग साढ़े पाँच बजे उनका नाम पुकारा गया । पास पर हस्ताक्षर करवाकर मैं यह सोचकर मिलने गई कि शायद होश आ गया है । आइ सी यू में गई तो मुझे एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करने को कहा गया । बताया गया कि अधिक रक्तस्राव के कारण दोबारा औपरेशन थिएटर ले जाना पड़ेगा और रक्तस्राव का कारण देखना व निदान करना होगा । मैंने हस्ताक्षर कर दिए । बताया गया कि अभी कुछ देर रक्तस्राव कम होने की प्रतीक्षा करेंगे । मुझे कहा गया कि औपरेशन थिएटर ले जाते समय मुझे बता दिया जाएगा । मैं वापिस प्रतीक्षा कक्ष में आ गई । बीच बीच में स्थिति का फोन पर पता लगाती रही। बताया गया कि रक्तस्राव कम हो गया है, शायद औपरेशन की आवश्यता नहीं पड़ेगी । दादा को फोन पर बताया तो उन्होंने भी जान पहचान के डॉक्टरों से बात की । घुघूत जी का भतीजा भी हमारे साथ था । रात को लगभग एक बजे जब फोन पर पूछा तो कहा गया कि आप यहाँ आ जाइए । बिटिया और मैं भागे भागे गए तो पता चला कि घुघूत जी को औपरेशन थिएटर ले जा चुके हैं । एक बजे से तीन बजे तक हम वहीं बाहर प्रतीक्षा करते रहे । नई नौकरी होने के कारण मैंने अपनी छोटी बेटी को शनिवार की सुबह को हवाईजहाज से दिल्ली पहुँचने को कहा हुआ था । अब स्थिति ठीक नहीं लग रही थी सो उसे फोन करके शुक्रवार याने उस सुबह को ही निकलने को कहा । तीन बजे एक सर्जन हाथ में एक खून के थक्कों से भरा जार लेकर बाहर निकलीं । उन्होंने बताया कि रक्तस्राव बिल्कुल ही बंद हो गया था, जो भी ठीक नहीं था । रक्तस्राव निकालने को जो ट्यूब डाली हुईं थीं वे पूरी तरह से थक्कों से भर गईं थीं । खैर, हमने फिर कुछ क्षण को घुघूत जी को देखा और वापिस प्रतीक्षा कक्ष में जाकर प्रतीक्षा करने लगे ।
सुबह छोटी बेटी भी पहुँच गई और हम उनके होश में आने की प्रतीक्षा करने लगे । लगभग ३० घंटों बाद दोपहर बारह के बाद उन्हें होश आया । वे अभी भी वैन्टिलेटर की सहायता से साँस ले रहे थे । वहाँ तीन आइ सी यू थे । मरीज की स्थिति में सुधार के अनुसार पहले से दूसरे फिर तीसरे में ले जाया जाता है । कहाँ कुल तीन दिन आइ सी यू में रहना था परन्तु वे तीन दिन पहले में व फिर दो दिन दूसरे व तीसरे में रहे । ये पाँच दिन हम लगभग हर समय प्रतीक्षा कक्ष में रहे । इसी बीच पता चला कि हस्पताल के एकदम पास एक धर्मशाला/गेस्टहाउस है, जो केवल मरीजों के परिचारकों के लिए बनी है । हमने वहाँ एक कमरा लिया और स्नानादि की सुविधा पास ही हो गई ।
छठे दिन घुघूत जी को उनके कमरे में ले जाया गया । अब मैं व एक बेटी उनके साथ रह सकते थे । हमें कहा गया था कि आठ दिन का पैकेज होता है और एक दो दिन अधिक लग सकते हैं । परन्तु घुघूत जी को कोई संक्रमण हो गया और हर दिन खून की जाँच की जाती और रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहती । इस तरह दो सप्ताह निकल गए तब जाकर उन्हें घर ( दिल्ली में ही बिटिया के) ले जाया जा सका । सौभाग्य से घर लिवाने के समय तक हमारी बिटिया का पति जो विदेश गया हुआ था भी आ गया । हमने सोचा अब सब ठीक है परन्तु अभी भी समस्याएँ शेष थीं । हस्पताल ले जाकर टाँके कटवाए। दो दिन बाद ही देखा कि उनके एक घाव में संक्रमण हो गया है। फिर से हस्पताल जाकर दिखाया फिर से एन्टी बॉयेटिक्स शुरू किए गए । गुजरात वापिस जाने का समय आता जा रहा था । अब एक और घाव में संक्रमण हो गया । एक बार फिर हस्पताल गए । टिकट दो बार वापिस किए और अंत में डरते डरते १० अक्तूबर को वापिस गुजरात आ गए । पास के शहर के अपने डॉक्टर को फोन पर हाल सुनाया । वे अगले दिन अपने नर्सिंग होम में एक अन्य डॉक्टर को बैठा हमारे घर देखने आए । लगाने को नया मरहम बताया और तब से अब तक पूरी तरह से घाव भरने की प्रतीक्षा कर रही हूँ । आज कह सकती हूँ कि निन्यानवें प्रतिशत भर गए हैं ।
लगभग ढाई महीने के बाद घुघूत जी घंटे, दो घंटे के लिए दफ्तर गए हैं । (यह शाम को ४ बजे लिख रही हूँ ) कारखाने मत जाना कहकर भेजा है । सो आज यह रिपोर्ट आप सब तक पहुँचा रही हूँ । अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं । डॉक्टरों ने कहा है कि पूरी तरह ठीक होने में तीन महीने लगते हैं । घुघूत जी को डाइबिटीज़ है सो शायद अधिक समय लग रहा है । मित्रों व प्रियजनों की शुभकामनाओं व सहयोग से यह विपरीत समय बीत ही गया है और आशा है कि तीन महीने बीतते बीतते वे पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस करेंगे ।
इन कठिन दिनों में हमें कुछ लोगों का बहुत सहयोग मिला । भर्ती करने से पहले ही चार बोतल खून का प्रबन्ध करने को कहा गया था । बिटिया ने जिस संस्थान से पी एच डी की थी वहाँ के छात्र छात्राएँ आकर खून दे गए । उम्र में कई वर्ष बड़े दादा हर समय सहायता को तत्पर रहते थे, जबकि उनका स्वास्थ्य भी कोई बहुत अच्छा नहीं चल रहा था । मेरे पति की कम्पनी के एक व्यक्ति दिल्ली में एक छोटा सा औफिस चलाते हैं । वे व कम्पनी भी सदा सहायता देते रहे । उन्हीं के द्वारा हम एक एजेंसी से कार किराये पर लेते थे। उसका ड्राइवर घर के सदस्य की तरह हर समय सहायता को तत्पर रहता था। जब खून देने की बात आई तब भी देने को तैयार था । बिटिया का घर हस्पताल से बहुत दूर था । वही जब तब उसे लेकर आता जाता । मैं तो दो सप्ताह घर ही नहीं गई । हवाईअड्डे से मेरी छोटी बेटी को भी वही लेकर आया । जिस धर्मशाला / गेस्टहाउस की मैं बात कर रही थी, वहाँ का मैनेजर भी बहुत भला था । हम लोग अवसर मिलते ही सेठ साहूकारों के विरुद्ध बोलते हैं । परन्तु यही वणिक जाति ही सबसे अधिक परोपकारी काम, जैसे धर्मशाला आदि बनवाने का काम करती है । यहाँ भी न्यूनतम किराए पर सभी सुविधाएँ प्रदान की गईं थीं । मेरी समझ में यह गेस्टहाऊस मारवाड़ी समाज के धनी लोगों ने बनवाया है । यह एक ऐसा इलाका में है जहाँ यदि वे होटल चलाएँ तो न जाने कितना पैसा कमा सकते हैं। परन्तु सबसे अधिक सहायता हस्पताल के चतुर्थ वर्ग के कर्मियों ने की । हमारे पास के शहर के डॉक्टर दिल्ली में भी फोन पर बराबर सम्पर्क में बने रहे व मुझे हिम्मत देते रहे । दो ब्लॉगर साथी जिन्हें हमारे वहाँ होने की खबर मिली हस्पताल में मुझसे मिलने भी आए ।
घुघूती बासूती
Tuesday, October 28, 2008
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diwali ki hardik subhkamnayein.
ReplyDeleteघूघुती जी बता नहीँ सकती ये सारा वृँतात पधकर कितनी चिँता मेँ समय बिता है ..आपके परिवार को ईश्वर इस कठिन परीक्षा से बाहर ले आया है आगे भी प्रभु मार्ग बतायेँगे< स्वास्थ्य कामना का सँदेश ही इस दीप पर्व पर दे रही हूँ -
ReplyDeleteस स्नेह्,
- लावण्या
आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहमारी पूजा में आप और आपका परिवार है. सब मंगलमय होगा. निश्चिंत हो जायें. हम हर वक्त आपके साथ है ईश्वर से प्रार्थना करते हुए.
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
आपको अपने बीच वापस पाकर हम अच्छा महसूस कर रहे हैं। आपकी पीड़ा के दिन समाप्त हों और श्री घुघूत जी पूर्ण स्वास्थ्य लाभ करें; यही हमारी हार्दिक कामना है।
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दीपावली की मंगलकामनाएं। शुभ प्रणाम्।
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जिन्दगी कई बार अहसास दिलाती है कि हमारे बस में कुछ नहीं..... अस्पताल, उपचार, ऑपरेशन और बेबसी....देखी, सही बात है....सोच कर ही मन उदास हो जाता है....
ReplyDeleteबहुत मुश्किल रहा होगा सब...
मेरी शुभकामनायें...
आप सब सुखी, स्वस्थ और सानंद हों. दीवाली की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपके कठिन समय में हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं. दीवाली शुभ हो!
ReplyDeleteआप और आपके परिवार ने कठिनतम समय सफलता से फेस किया। ईश्वर आगे और भी आपकी सहायता करें, यह कामना है।
ReplyDeleteदीपावली मंगलमय हो।
कठिन समय जल्दी गुज़र जाय.. सुख के दिन फिर लौट आयें.. यही मंगल कामना है!
ReplyDeleteमुश्किल दौर से निकले हैं आप लोग। अब सब ठीक ही होता रहे। यही दुआ है।
ReplyDeleteDear Ghughutiji,
ReplyDeleteWe wish health and happiness to you and your loved once and hope for sooner recovery of ghughutaji.
regards
घुघूत जी के स्वास्थ्य के बारे में आज ही मालुम पडा ! इश्वर से उनके पूर्णतया जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ और दीप पर्व की आपको बहुत शुभकामनाएं और बधाई !
ReplyDeleteपता नही क्यूँ ? मुझे ऎसी इच्छा हो रही है की आज आपसे कुछ बात करू ! घुघुत जी को जिन परेशानियों से गुजरना पडा वैसी स्थितियों में मरीज की तो अपनी पीडा होती ही है ! पर परिजन जिस भय और आशंका में जीते हैं वो कोई भुक्त भोगी ही जान सकता है ! मैं स्वयं इस रोग का १९८८ से मरीज रहा हूँ और दिल्ली एस्कोर्ट होस्पीटल में मेरी एंजियोग्राफी उस समय हुई थी ! तब से वहाँ का नियमित पेशेंट रहा हूँ ! अभी ४ साल पहले मैंने बाई-पास सर्जरी मुम्बई जाकर करवाई थी ! और कहते हैं की ज्यादा दिन दुश्मन के साथ रहना पड़े तो उससे भी दोस्ती हो जाती है कुछ वैसे ही मेरी भी इस रोग से दोस्ती हो गई है ! आखिकार २० साल की दोस्ती हो गई है ! :) मैं आपको एक सलाह देना चाहूँगा की घूमने का प्रोग्राम हर हाल में नियमित रखे और हल्का फुल्का योगा अवश्य करे ! आप यकीन रखिये आज की उपलब्ध दवाए और डाक्टर्स ईश्वर द्वारा हमको उपलब्ध कराया गया एक तोहफा है और सर्जरी का तो कोई तोड़ ही नही है ! अपना मनोबल उंचा रखिये और घुघुत जी भी जितना मनोबल उंचा रक्खेंगे उतना ही जल्दी रिकवर करेंगे ! वैसे शुरू के ३ महीने रिहैबिलीटेशन में कमोबेश लग ही जाते हैं ! आपको दीप पर्व पर अनेक बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
Mam
ReplyDeleteWish yu and sir a very happy diwali and may you both remain healty for years to come to bless us the younger generation
regds
Rachna
Mam
ReplyDeleteWish yu and sir a very happy diwali and may you both remain healty for years to come to bless us the younger generation
regds
Rachna
जल्द स्वास्थय लाभ की कामना करता हूँ.
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं.
घुघूत जी के स्वास्थ्य के बारे में चिन्ता बहुत रही, लेकिन मुझे पूछने में संकोच रहा। आप और घुघूत जी बहुत ही कठिन समय से निकल कर बाहर आ गए हैं। हृदय के ऑपरेशन के बाद पहले जैसी सामान्यता तो संभव नहीं है। पर फिर भी वे अपना सामान्य जीवन जीने लायक स्थिति में शीघ्र आ जाएँ यही कामना है।
ReplyDeleteआप को और आप के परिवार को दीपावली की शुभ कामनाएँ।
Dipawali ki Dhheron,hardik shubhkamanayen!....Ghughootji ke liye uttam swasthya ki kaamana!
ReplyDeleteआप शायद एस्कोर्ट का जिक्र कर रही है ओर ठीक उसके सामने बने गेस्ट हाउस का भी ,इश्वर का शुक्र है अब सब ठीक है ,आज सुबह ही मेरी अपने दोस्त से बात हुई जिसके दो महीने के बेटे का ऑपरेशन हुआ था ,ओर वो कल ही डिस्चार्ज हुआ है ,अभी सूरत में है .सौभाग्य से हमारे दो सीनियर वहां है ..वो ख़ुद डॉ है पर ऑपरेशन के वक़्त मै उसके साथ था ,उस मनोस्थिति को मै समझ सकता हूँ .....आपको व् परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteघुघूत जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को।
ReplyDeleteशुभ-दीवाली।
ReplyDeleteअब कठिन समय समाप्त होने को है और सुख के दिन आनेवाले हैं। इश्वर से उनके पूर्णतया जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूँ और दीप पर्व की आपको बहुत शुभकामनाएं और बधाई !
ReplyDeleteईश्वर पर भरोसा रखें वो हम सब की सारी पेरशानियों में हमारे साथ ही खड़ा होता है । वो सब ठीक करेगा । घुघूत जी पूर्ण रूप से जल्द स्वस्थ हों ये ही पूरे ब्लाग जगत की कामना है ।
ReplyDeletepositive waves vaali baat hui thii aapsey !! vahi yaad rakhna hai!!! :).deep parv ki dheron shubhkaamnayen
ReplyDeleteघुघूत जी के स्वास्थ्य के बारे में मालूम पड़ा. उपरवाले से घुघूत जी के पूर्ण स्वस्थ होने की दुआ करता हूँ और दिवाली की आपको शुभकामनाएं और बधाई !
ReplyDeleteघुघूतजी शीघ्र सहज सामान्य हों , कामना है ।
ReplyDeleteअच्छा वक्त नही रहता बुरा भी नही रहेगा ..आपके तथा परिवार की कुशलता के लिए हम सब भगवान से प्रार्थना करतें हैं.दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
ReplyDeleteऐसे तकलीफदेह समय की मनस्थिति समझ सकती हूँ ... शुक्र है कि मुश्किल समय निकल गया ..आगे सब बढ़िया हो ..ऐसी कामना करती हूँ ..
ReplyDeleteपरेशानी का समय निकल गया।
ReplyDeleteईश्वर परेशानी दूर भगाए।
दीपावली की शुभकामनाएँ।
कभी कभी यूँ मुश्किल समय आ जाता है ..जल्द ही घुघूत जी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाए यही दुआ है ,दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteअच्छा समय कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता और कठिन समय काटे नहीं कटता। पिछले दिन कैसे कटे होंगें समझा जा सकता है। प्रभू सबको स्वस्थ प्रसन्न रखे। यही प्रार्थना है।
ReplyDeleteआपके तथा परिवार की कुशलता के लिए हम सब भगवान से प्रार्थना करतें हैं.
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
इस मुश्किल समय में शुभकामनायें ! अगर देहली में फिर आना हो तो अपने आपको अकेला न समझ सूचित करें, शायद आपको कुछ सुविधा दिलवा पाऊँगा !
ReplyDelete9811076451
ishwar pariksha bhi leta hai,aur aap ko usne paas ghoshit kar dia .
ReplyDeleteज्योति पर्व पर प्रभु से कामना है कि घुघुतजी जल्द ही स्वास्थ्यलाभ करें..
ReplyDeleteउस परमपिता परमात्मा से यही प्रार्थना है कि घुघूत जी एकदम जल्द से जल्द भले-चंगे तंदरूस्त हो जायें और आज का यह दीपावली का त्योहार आप सब के जीवन में नईं खुशियां ले कर आये और आप सब ये अनगिनत खुशियां बटोरते बटोरते थक जायें।
ReplyDeleteनिःसंदेह इन परिस्थितियों में कितने लोग हमारी सेवा में खड़े हो जाते हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, ड्राइवर, मित्र-सखा, सहकर्मी ...किन किन का नाम लें.....आप ने धर्मशाला वाली बात की, मैं आप से सोलह आने सहमत हूं......यह सब कुछ बहुत भावुक कर देने वाला होता है।
बहरहाल, यह भावुक होने का समय कतई नहीं है, आप घुघूति जी के साथ फुलझड़ियां चलाने में व्यस्त रहिये......अच्छा है कि उन्होंने दफ्तर जाना शुरू कर दिया है....वातावरण बदलेगा, अपने मित्र दिखेंगे....थोड़ी गप्प-शप, शुगल-मेला होगा तो रिकवरी भी झटपट हो जायेगी। लेकिन दफ्तर में खाने पीने का पूरा ध्यान रखें।
उन्हें बहुत बहुत शुभकामनायें और शायद उम्र में उन से छोटा होते हुये भी आशीर्वाद देने की इच्छा हो रही है।
मंगल कामनायें।
मेरी अनन्त शुभकामनाएं,
ReplyDeleteसब अच्छा होगा...धीर धरें...हम सब आपके आस-पास हैं....
ReplyDeleteजल्द स्वस्थ होने की कामना
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामना
आप के कठिन समय से शीघ्र निकलने एवम स्नेह बनायें रखने की कामना के साथ...
ReplyDeleteआपके एवम आपके स्नेही जनों के प्रगति पथ पर एक दीप हमारी भी शुभकामनाओं का...
समीर यादव
बहुत मुश्किल दौर रहा होगा ये, समझ लीजिये एक तूफान था गुजर गया। घुघुतजी के और बेहतर स्वास्थ के लिये शुभकामनायें
ReplyDeleteघुघुत जी जल्द ही पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जायेंगे । आप अपना और उनका ख्याल रखियेगा ।
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दिवाली की बधाई ।
आपकी अनुपस्थिति का अहसास था. कहानी यह है इसका नहीं.. अच्छे दिन जल्दी लौटें की अच्छी कामनाओं के साथ..
ReplyDeleteआप ने इस बहादुरी से कठिन समय को पार किया है ,यह जीवन गति एवं सक्रियता को प्रतिबिंबित करता है .चरैवेति -चरैवेति हमारी आदि परम्परा रही है और यथार्थ भी .आप सभी स्वस्थ रहे और सानंद भी. जीवेम शरद :शतम् इसी अभिमंत्रित शुभकामना के साथ ........
ReplyDeleteघुघुतजी के स्वस्थ लाभ के लिए ढेर सारी शुभकामनायें ! आशा है जल्दी ही पूर्ण स्वस्थ हो जायेंगे !
ReplyDeleteदीवाली की शुभकामनायें, (देरी के लिए क्षमा).
आप सब सुखी एवं स्वस्थ रहें।
ReplyDeleteसुंदर वर्णन अद्भुत शब्द प्रवाह
ReplyDeleteहमारी शुभकामनाएं आपके परिवार के साथ हैं. अँधेरी रात बीत चुकी है, जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा. हौसला बनाये रखें.
ReplyDeleteआशा करती हूँ आप सभी स्वस्थ व प्रसन्न होंगे....
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं...
Diwali ki hardik shubhkamna.. bahut khusi hui aapko wapas likhte hue dekhkar..
ReplyDeleteNew Post :
खो देना चहती हूँ तुम्हें..
ये मुशकिल समय भी निकल जाऐगा। घुघुत जी जल्द ही पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जायेंगे । हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteGhughut ji ke swasthya evam lambi umra hetu shubhakamanae.n
ReplyDeleteघुघुत जी जल्दी पूरी तरह स्वस्थ हों और आप सब स्वस्थ और सानन्द रहें यही शुभकामनाएं देता हूं . ऐसी परेशानियों की 'सिल्वर लाइनिंग' यही है कि हम दुनिया को नई तरह से -- नई आंख से देखने का -- मौका पाते हैं .
ReplyDeleteपिछले एक माह से नेट से दूर था अतः हिंदी ब्लॉग-जगत की गतिविधियों से भी नावाकिफ़ रहा .