Wednesday, March 11, 2009

आजा, मन रंग डालें मिलकर।




आजा, मन रंग डालें मिलकर।

मन कहता है, आज ये मेरा
रंग डालूँ तुझे रंगों से अपने
बैंगनी, हरे, लाल,नीले, पीले
रंगों से सजा दूँ चेहरा तेरा।

खेलूँ रंग यूँ साथ मैं तेरे
भीगे तू भी संग में मेरे
ना पहचाने जाएँ ये चेहरे
घुल मिल जाएँ तेरे मेरे।

खेलूँ होली ऐसी मैं यूँ रमकर
रंग जाए मन अन्तः भी तेरा
मैं भी रंग जाऊँ रंग में तेरे
खेलें होली दो मन जमकर।

तेरा मेरा भेद आज मिटाकर
इक दूजे की आत्मा भिगाकर
खेलें होली हम जग से हटकर
आजा, मन रंग डालें मिलकर।

छूट जाएँगे सब रंग चेहरे से
बदल जाएँगे कपड़े भी तन के
बीत जाएगा यह दिन होली का
कल हो जाएँगे सब पहले से।

भीगें जो दो मन इस होली में
सूखें नहीं कभी इस जीवन में
रंग लगाए इस बार जो हमने
छूट ना पाएँ वे कभी जीवन में।

घुघूती बासूती

सभी को होली की शुभकामनाएँ !
घुघूती बासूती

29 comments:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति!!

    आपको होली की मुकारबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.

    सादर

    समीर लाल

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  2. रंगों के पर्व होली पर आपको ढेरो शुभकामनाए ...

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  3. सुंदर भावपूर्ण रचना!

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  4. Anonymous7:32 am

    होली की बहुत शुभकामनायें.

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  5. सुन्दर! आपको भी मुबारक हो होली!

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  6. तेरा मेरा भेद आज मिटाकर
    इक दूजे की आत्मा भिगाकर
    खेलें होली हम जग से हटकर
    आजा, मन रंग डालें मिलकर।
    ऐसी होली हो तो ही आनंद है ,आपको होली की मंगल कामना

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  7. होली की शुभकामनाएं !

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  8. aaj to rang hi jam gaya, bahut badhhiya, holi hai!!! happy holi!

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  9. भावपुर्ण सुंदर रचना. आपको परिवार सहित होली की घणी रामराम.

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  10. होली की ढेरों शुभकामनाएं.

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  11. Anonymous9:16 am

    शुभ होली ।

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  12. "परस्पर जोड़ ले सबको उसी का नाम होली है ,
    कि बरबस मोह ले जो मन, उसी का नाम बोली है।"

    आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें ।

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  13. होली की ढेरों शुभकामनायें.

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  14. Aapko bhi holi ki shubhkaamnaye...

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  15. bahut sunder holi mubarak

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  16. भीगें जो दो मन इस होली में
    सूखें नहीं कभी इस जीवन में
    रंग लगाए इस बार जो हमने
    छूट ना पाएँ वे कभी जीवन में।


    होली की हार्दिक शुभकामनाएं...।
    सादर!

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  17. भीगें जो दो मन इस होली में
    सूखें नहीं कभी इस जीवन में
    रंग लगाए इस बार जो हमने
    छूट ना पाएँ वे कभी जीवन में।

    होली की ढेरों शुभकामनायें.

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  18. adbhoot..
    छूट जाएँगे सब रंग चेहरे से
    बदल जाएँगे कपड़े भी तन के
    बीत जाएगा यह दिन होली का
    कल हो जाएँगे सब पहले से।

    mujhe to ab bhi almora ki holi betakhein yaad aati hain

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  19. आपके शब्दों के साथ हम भी खेल लिए होली..........!!

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  20. होली मुबारक जी।

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  21. इस कविता संग खा ली है भंग,
    हमने अब मन रंग लिया तुम संग,
    आज बने तुम मेरे हमजोली,
    खेली हमने मन संग होली ।

    होली की शुभकामनाएँ ।

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  22. Anonymous9:48 pm

    बहुत खूबसूरत निर्मल. होली की शुभकामनायें.

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  23. आपको होली की शुभकामनाएं।

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  24. वाह जी वाह ..बहोत खूब होली खेलाई आपने...अपने रंग से ...होली की ढेरो शुभ कामनाएं..

    अर्श

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  25. बहुत सुंदर रचना .
    धन्यवाद

    आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है

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  26. Holi ki shubhkaamna aapko bhee Ghughuti jee ..sunder Kavita hai !

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  27. Anonymous4:26 pm

    सुन्दर अभिव्यक्ति!!

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  28. बहुत सही लिखा आपने. मन का रंगना ही ज़रूरी है.
    आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  29. घुघूती बासूती जी,
    मुझे नहीं लगता कि लड़कियों के मनुष्य होने में किसी को संदेह हो सकता है. (मनुष्य और व्यक्ति शब्द उभयलिंग में इस्तेमाल होते हैं), लड़कियों के बारे में इतना-कुछ कह देना आपको अन्यथा लगा हो तो मेरी पक्षधरता निस्संदेह अब भी अपनी रचना के साथ है.लड़कियों को मनुष्य रहने भर की ईमानदारी से गुंजायश बनती जाए, वही काफी होगा. उन्हें देवी बनाकर पूजना एक तरह की शव-साधना हो सकती है, मनुष्यता की तरफदारी नहीं.और स्त्री आज भी घर-बाहर जिंदगी के दोराहों-चौराहों पर जितने तरह की बटमारियों से जूझ रही है,उसके और उसके स्वाभिमान के लिए ऐसी रचनाएं, मैं नहीं समझता स्वीकार्य नहीं होंगी.

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