Sunday, June 15, 2008

केवल कुछ मन के उद्गार और कुछ भी नहीं !

संसार में इतने अच्छे लोग भी हैं, जानकर एकबार फिर जीने को मन होता है। मनुष्यता पर विश्वास जागता है और लगता है कि जीने में कोई बुराई नहीं है। ठीक है कि हत्याएं होती हैं , कि पिता पुत्री को मारता है, कि पिता पुत्री से व्यभिचार करता है, कि जन्म से पहले बेटियाँ मार दी जाती हैं, परन्तु फिर भी संसार में भले लोग अभी भी शेष हैं, क्या यह जीने के लिए काफी सहारा नहीं है?


मैं एक बहुत ही छोटी जगह रहती हूँ। लगभग १२५ परिवार, या ५०० लोग हैं यहाँ ! शेष लोग गाँवों या पास के शहर से काम करने आते हैं। परन्तु हममें स्नेह है। पति का पद ऐसा है कि मुझे मैडम शब्द से नवाज़ा, जाता है। मुझे यह बिल्कुल गवारा नहीं है। कहती रहती हूँ कि भाभी या दीदी कहिये। या फिर नाम से पुकारिए। पति का पद तो जब तक है तब तक है, परन्तु मेरा नाम या श्रीमती घुघूता तो सदा ही रहेगा। पद तो आते जाते हैं।


गुरूवार से मेरे पति की तबीयत ठीक नहीं है। शायद कुछ हृदय रोग ने पकड़ा /जकड़ा है। इस छोटी सी जगह में कोई एम बी भी एस डॉक्टर आने को तैयार नहीं होता। यदि कोई रिटायर्ड डॉक्टर भी आने को तैयार हो तो हमारा अहो भाग्य हो। खैर,पास के शहर या कहें कि कस्बे में थोड़ा बहुत इलाज हो जाता है परन्तु गम्भीर समस्या के लिए ४ घंटे दूर राजकोट या ८ घंटे दूर अहमदाबाद ही जाना पड़ता है।


गुरूवार को पति को पास के शहर जाना पड़ा। वहाँ केवल ई सी जी की सुविधा है। डॉक्टर तो बहुत अच्छे व भले हैं परन्तु जब उनके पास उपकरण ही ना हों तो वे क्या कर सकते हैं!


क्या आप विश्वास करेंगें कि वे फीस लेने में आनाकानी करते हैं?मुझे कोई ना कोई नया तरीका अपनाकर किसी तरह उनका उपकार चुकाना पड़ता है। तरीका अपने घर से दो तीन बार १० किलो बढ़िया केसर आम की पेटी हो सकती है,या फिर अपने नववर्ष की पार्टी में निमन्त्रण या फिर सबसे सरल तरीका उन्हें अपनी मित्रता व प्रेम देना हो सकता है!आप शहरियों के पास सब साधन हो सकते हैं, किन्तु क्या आपके पास ऐसे मित्र डॉक्टर हो सकते हैं? हर बार वे यही कहते हैं कि फीस देकर मुझे क्यों शर्मिंदा करती हो? जानती हो ना कि आप लोगों की मित्रता मेरे लिए क्या मूल्य रखती है!

कल (यह तो आज ही हो गया!) हम अहमदाबाद के लिए निकल रहे हैं। हमारे डॉक्टर ने सोमवार को एक बड़े हॉस्पिटल में समय ले रखा है। जानते हैं कि उन्होंने क्या किया? हर मरीज को भेजने के लिए डॉक्टर को १००० रूपए मिलते हैं। वे फोन पर ही कह देते हैं कि यह छूट मेरे मरीज को दे देना मुझे नहीं!

मेरा उनसे वास्ता करीब पौने चार साल पहले पड़ा था। तब हम यहाँ नए नए आए थे। मुझे जॉइन्ट सेल आर्टराइटिस हो गया था। पति अपनी फैक्ट्री में मैजर रिपैर्स में इतने व्यस्त थे कि मुझे स्वयं ही सब कुछ सम्भालना पड़ा था। उन्हें पता भी नहीं चला कि कब मुझे इलाज के लिए भागना पड़ा। तबसे वे मेरी चिकित्सा कर रहे हैं। स्नेह का नाता ऐसा बना है कि पैसे का नाम लेते ही वे बौखला जाते हैं। तब ही उन्होंने मुझे बताया था कि वे जानते हैं कि कष्ट क्या होता है। उनके छोटे पुत्र को जन्मजात कोई बीमारी है । जब वह गर्भ मे् ही था तब उन्हें व उनकी पत्नी को बच्चा गिराने की सलाह दी गई थी। परन्तु वे उसे इस संसार में लाए व अपने प्रेम व अथाह सेवा व इलाज से उसे आज लगभग पूरा ठीक कर चुके हैं।

मैं भगवान में तो विश्वास नहीं करती परन्तु मनुष्य की अच्छाई में पूरा विश्वास करती हूँ। केवल यही कामना करती हूँ कि कोई चमत्कार हो जाए,कोई धनवान हमारे पास के छोटे से कस्बे में एक बड़ा सा हस्पताल बनवा दे और हमारे मित्र डॉक्टर की निगरानी में लोगों का इलाज हो सके। हम तो कार लेकर अहमदाबाद इलाज के लिए चले जाएँगे(मेरा सौभाग्य कि इतना समय हमें मिला ),परन्तु बहुत से लोगों के पास न तो इतना समय होगा न ही इतनी सुविधा होगी। कल या परसों क्या होगा, नहीं जानती परन्तु पूरा विश्वास है कि सब ठीक ही होगा। मुझमें सबकुछ झेलने की क्षमता है। अपनी इच्छा शक्ति से हमारे लिए शुभकामनाएं भेजिए। उससे भी अधिक हमारे आसपास के मरीजों के लिए अच्छा इलाज हो यह शुभकामना भेजिए।


घुघूती बासूती

23 comments:

  1. जीवन की ऎसी कठिनाइयों को आप मात दे पायें, मेरी शुभकामनायें.

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  2. Anonymous8:58 am

    शुभकामनाएँ! आप परेशानी से बाहर आएँ।

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  3. Anonymous8:58 am

    शुभकामनाएँ! आप परेशानी से बाहर आएँ।

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  4. इस बाजारवादी दुनिया में कोई भला नहीं है, और कोई भला हो भी जाए पर मेडिकल या किसी और व्यवसाय से जुड़े लोग तो कतई नहीं. आपको छूट और सम्मान मिलता है पद के कारण, वरना आज की दुनिया में भी कोई घोडा घास से यारी करता है? अपवाद (लाखों में इक्का-दुक्का) हो सकते हैं, पर दुनिया में आप अपने अलावा किसी पर विश्वास नहीं कर सकते, न किसी मर्द या औरत पर, न किसी बुजुर्ग या बच्चे पर, हर कोई घात लगाये बैठा है, सावधानी हटी दुर्घटना घटी.

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  5. Anonymous10:10 am

    jamane mein aaj bhi achhai rehti hai yahi aapke doc sikha gaye,ishwar unhe hamesha khush rakhe,aapki aur doc family ki dosti bani rahe,aur uncle ji aur aap jaldi se thik ho jaye yahi dua hai.

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  6. जी हां, मैने भी इन डाक्टर जैसे चरित्र देखे हैं। और देखे हैं गिद्ध भी। यह दुनियां सभी रंग रखती है।
    आपके पतिजी कैसे हैं अब?

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  7. डाक्टर को क्या कहती हैं, घूघूती जी ?
    हर पेशे में बस अच्छे इंसानों की ज़रूरत है ।
    कोई भी अपने कर्तव्य एवं व्यवहार के प्रति उदासीन हो ,
    अपने ज़ेब में आने वाले धन के प्रति ही जागरूक है । किंतु यदि वह
    अपने पेशे के प्रति ईमानदार है, तो दुनिया उसे अपवाद, अज़ूबे और पता नहीं किन नज़रों से उसकी नीयत भाँपने लग पड़ती है । भाई साह्ब शीघ्र स्वस्थ हों, ऎसी कामना करता हूँ ।

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  8. जीवन में अच्छे लोग जरूर मिलते हैं. वैसे काफ़ी कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है की आप स्वयं किस केटेगरी के हैं. शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना के साथ.

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  9. घुघुता जी के लिए हार्दिक शुभकामनायें..... जल्द ही स्वास्थ्य लाभ पायें... काश कि आपका संदेश दिलों में उतरे और हर ज़रूरतमंद को रोटी कपड़ा और मकान के साथ साथ शिक्षा और दवा भी मिले...

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  10. आप और श्री घुघुता जी स्वस्थ रहें यही कामना है.

    बांकी दुनिया में अच्छे,बुरे दोनों तरह के लोग है. हम लोगों को अच्छे लोगों के बारे में बतायें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अच्छे बन सकें.

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  11. अच्छे लोगो को अच्छे लोग ढूँढने मे मुश्किल नही होती....इस दुनिया मे सब तरह के लोग है.....अच्छे भी है....आप उनका ध्यान रखिये...

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  12. एक मोमबत्ती की खासियत है की वो कई मोम्बतियो को रोशन कर सकती है.... आप मोमबत्ती समान हैं. दिल से कह रहा हू...

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  13. ज्ञान जी से सहमत हूँ, समाज में हंस और गिद्ध दोनों हैं... आपके पतिदेव जल्दी ठीक हों शुभकामनाएं !

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  14. दुनिया में सचमुच अच्छे लोगो की कमी नहीं है...हमारे आसपास ही नज़र उठाते ही कई भले लोग दिखते हैं...घुघुता जी जल्दी स्वस्थ हों...

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  15. दुनिया में बुरे लोग हैं..लेकिन अच्छे लोगो से अधिक नही..ये मेरा भी अपना मानना है साथ ही एक अनुभव ये भी है कि छोटी जगहों पर संवेदनाएं अधिक संभली हुई हैं बनिस्पत बड़े शहरों के..!

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  16. दुनिया में बुरे लोगो की कमी नही है परंतु अच्छे लोग अधिक हैं, मुझे तो यही लगता है..और दूसरी बात कि संवेदनाएं शहरों की बजाए कस्बों मे अधिक रह गई हैं शायद...घुघूँता जी के अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएं

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  17. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ है. प्रभु सब अच्छा ही करेंगे.

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  18. अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएं....ध्यान रखिये...
    .

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  19. घुघुतीजी,सबसे पहले तो आपके पति के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभ कामना स्वीकर करें.आपसे बहुत छोटी हूं, किन्तु अपने अनुभव से यही कह सकती हूं कि अच्छे और बुरे लोग इस सन्सार में मौजूद हैं.दिल्ली जैसे बडे शहर में रहते हुए भी हमारा पाला जिन भी चिकित्सकों से पडा, वो हमारे लिये देवता बन कर आये.छोटे शहरों का तो कहना ही क्या,मेरे पापा मां के इलाज के लिये कोटा शहर के सभी चिकित्सकों को दिखाने से इसीलिये हिचकिचाते हैं क्यूंकि वो लोग पापा से फ़ीस नहीं लेते.

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  20. मनुष्य के भीतर जो लौ जल रही है उसमें मेरा अटूट विश्वास है, आप ही की तरह। मेरी निजी राय है कि world is to you, what you are to the world. आप अच्छी हैं इसीलिये आपका साबका लोगों की अच्छाई से पड़ता है।
    घुघूती जी और घुघूता जी, दोनों के लिये मेरी शुभकामनायें।

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  21. घुघुता दी.
    मनुष्य का स्वभाव है कि दुनिया में हो रहे नकारात्मक से एक बार गुज़र जाता है तो शेष सारे को भी वैसा ही मानता है लेकिन आपके चिकित्सक जैसे महामानव भी हैं इस संसार में जो इस सृष्टि को रहने लायक बनाए हुए हैं...प्रणाम उनकी मानवीयता को ....और हाँ एक बात और आपने अपने ब्लॉग पर उनकी चर्चा कर एक नया महानायक दिया हमें...महानायक वही नहीं जो चित्रपट में काम करते हैं,क्रिकेट खेलते हैं,इश्तेहारों में जलवे बिखेरते हैं..और अवाम उन्हें देखकर चमकृत होता रहता है...असलियत में आपके डॉ.साहब जैसे होते हैं महानायक ...
    सब अच्छा होगा...
    हमारी प्रार्थनाएँ उस परम समर्थ
    परमात्मा के चरणों में.

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  22. शीघ्र स्वस्थ हों,अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएं.

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  23. भगवान से प्राथना करते हैं कि घुघुता जी ठीक हो जाएं। आप को जान कर आश्चर्य होगा कि हमा्रे पास भी ऐसा ही एक डाक्टर है।

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