tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post1418070435352948559..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: ये चाहती क्या हैं?ghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-73145126987033793092015-01-13T20:09:48.971+05:302015-01-13T20:09:48.971+05:30बहुत अच्छी कविता ...एकदम सच ..ये चिड़ियाँ
चाहती क्य...बहुत अच्छी कविता ...एकदम सच ..ये चिड़ियाँ<br />चाहती क्या हैं ?शाहनाज़ इमरानी https://www.blogger.com/profile/09849083856013291805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-73642490704577829812015-01-08T09:19:12.170+05:302015-01-08T09:19:12.170+05:30वाह। तो आप हरफनमौला हैं। इतनी खूबसूरत और हट के कवि...वाह। तो आप हरफनमौला हैं। इतनी खूबसूरत और हट के कविता बड़े दिनों बाद पढ़ी। दीपिकाhttp://ahilyaa.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-4696588667042168142015-01-07T23:09:51.617+05:302015-01-07T23:09:51.617+05:30सचमुच.. बहुत ही सुन्दर कविता है...सचमुच.. बहुत ही सुन्दर कविता है...Prashant Suhanohttps://www.blogger.com/profile/13063081005432678937noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-2029258537540106762010-08-02T18:39:57.634+05:302010-08-02T18:39:57.634+05:30चिड़ियों और मनुष्य के जीवन को केद्रित करती हुई , दा...चिड़ियों और मनुष्य के जीवन को केद्रित करती हुई , दार्शनिकता लिए हुए उड़ान कि चाहत संजोये , जगत चराचर में फसते रहने के लिए वध्य करता जीवन , सब कुछ कह गयी , बता गयी यह कविता . जीवन के मर्म को भेद गयी . अति सुंदर .गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-56841556126524785382010-08-02T16:03:12.529+05:302010-08-02T16:03:12.529+05:30मंगलवार 3 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के स...मंगलवार 3 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है .कृपया वहाँ आ कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ .... आभार <br /><br /> http://charchamanch.blogspot.com/<br /><br /><br />ज़रूर आइयेगा चर्चा मंच पर ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-2354234428689067852010-08-02T13:03:07.317+05:302010-08-02T13:03:07.317+05:30उड़ने की चाहत कविता की सही लिंक ः
उड़ने की चाहत
घुघू...उड़ने की चाहत कविता की सही लिंक ः<br /><a href="http://ghughutibasuti.blogspot.com/2007/02/blog-post.html" rel="nofollow">उड़ने की चाहत</a><br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-50089538064609253472010-07-31T21:33:00.551+05:302010-07-31T21:33:00.551+05:30क्या बिन ऊँची उड़ान भरे
बिन हमसे स्पर्धा करे
किसी द...क्या बिन ऊँची उड़ान भरे<br />बिन हमसे स्पर्धा करे<br />किसी दड़बे में रह, कभी कभार<br />उड़ना ही है तो क्या<br />मुर्गी की तरह नहीं उड़ सकती??<br /><br />ऊँचे उड़ने की चाह मन में दफ़न किए सारी चिड़ियाओं का दर्द उतर आया है इन शब्दों में.<br />एक अनकहा,अनजाना दर्द दे गयी यह कविता.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-45834551901709221262010-07-31T17:42:44.090+05:302010-07-31T17:42:44.090+05:30ओह!! गज़ब अभिव्यक्ति!!ओह!! गज़ब अभिव्यक्ति!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-922799669173412632010-07-31T16:24:22.433+05:302010-07-31T16:24:22.433+05:30आपकी इस रचना ने तो निशब्द कर दिया।आपकी इस रचना ने तो निशब्द कर दिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-32000025752938241602010-07-31T15:58:33.053+05:302010-07-31T15:58:33.053+05:30बहुत ही मासूम सवाल।
…………..
प्रेतों के बीच घिरी अक...<b><br />बहुत ही मासूम सवाल।<br /></b><br />…………..<br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">प्रेतों के बीच घिरी अकेली लड़की।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-60547584524242351112010-07-31T14:23:50.911+05:302010-07-31T14:23:50.911+05:30बहुत सुन्दर रचना है। बधाई स्वीकारें।बहुत सुन्दर रचना है। बधाई स्वीकारें।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-20240913291949592252010-07-31T09:20:06.262+05:302010-07-31T09:20:06.262+05:30आजकल की कविता की एक विशेष पहचान है – संवादधर्मिता,...आजकल की कविता की एक विशेष पहचान है – संवादधर्मिता, कथा और रूप दोनों स्तरों पर। प्रस्तुत कविता में कवयित्री कभी स्वयं से संवाद करती है, कभी दूसरो के संवाद को चित्रित करती हैं। ये दोनों स्थितियां परस्पर पूरक ही कही जाएंगी। <br />स्त्री विमर्श के लिहाज से यह एक पूर्ण कविता कही जा सकती है जो पितृसत्तात्मक समाज के समक्ष यक्षप्रश्न के समान खड़ी है। यह कविता एक साथ इतने प्रश्न खड़े करती है कि उत्तर देने में सदियां बीत जाएं और शायद तब भी प्रश्न अधूरे रह जाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-62501855478579515152010-07-31T07:27:33.930+05:302010-07-31T07:27:33.930+05:30बहुत सुन्दर रचना!बहुत सुन्दर रचना!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-41583237465380347762010-07-30T23:38:45.195+05:302010-07-30T23:38:45.195+05:30आज आपका घुघूती बासूती क्या है कोन है..वृतांत भी पढ...आज आपका घुघूती बासूती क्या है कोन है..वृतांत भी पढ़ा. जान कर आपको बहुत अच्छा लगा.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-39893070522189097012010-07-30T23:31:13.121+05:302010-07-30T23:31:13.121+05:30चिड़ियों के माध्यम से जो आपने कहा वो सब चाहते हैं ...चिड़ियों के माध्यम से जो आपने कहा वो सब चाहते हैं और शिकारियों के डर से अपने पंख कतरे तो नहीं जा सकते ना. उड़ना लक्ष्य है...चाहते खुद -ब - खुद पूरी होंगी और मंजिले भी.<br /><br />पहली बार आपको पढ़ा. बहुत अच्छा लगा.<br /><br />आभार <br /><br />अनामिकाअनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-34610045536577244662010-07-30T23:05:40.004+05:302010-07-30T23:05:40.004+05:30सच में समझ नहीं आता है कि चिड़ियाँ क्या चाहती हैं।...सच में समझ नहीं आता है कि चिड़ियाँ क्या चाहती हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-76465325765061314482010-07-30T23:00:16.217+05:302010-07-30T23:00:16.217+05:30और हाँ, आपकी कविता वाली पोस्ट तो नहीं खुली, पर वो ...और हाँ, आपकी कविता वाली पोस्ट तो नहीं खुली, पर वो पोस्ट जिसमें आपने घुघूती बासूती का अर्थ बताया है, उसे पढ़ा मैंने. और मेरी आँखें भर आयीं. बचपन जहाँ बीता हो, वो जगह कभी नहीं भूलती. मेरा पालन-पोषण लखनऊ के पास एक छोटे से कस्बेनुमा जिले उन्नाव में हुआ है, जहाँ की संस्कृति भी अवधी-बैसवारी कहलाती है और बोली भी . वो जगह इतनी सुन्दर नहीं, पर मुझे बहुत प्रिय है... वहाँ की धूल भरी लू भी मुझे अच्छी लगती है. <br />फिर आप तो कुमाऊं की हैं, जहाँ की ना होते हुए भी मेरा उससे गहरा लगाव है. मैं शिवानी जी की बड़ी फैन रही हूँ और उनकी कहानियों और उपन्यासों से ही कुमाऊं को जाना है और बस मौका मिलते ही उत्तराखंड रवाना हो लेती हूँ. <br />मैं समझ सकती हूँ कि इतनी प्रकृति की जिस गोद में आप पली-बढ़ीं, वहाँ की याद कैसी ह्रदयविदारक होती होगी... <br />आप एक बार हो आइये ना.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-19731182275889858912010-07-30T22:47:44.030+05:302010-07-30T22:47:44.030+05:30कई बार मैं सोच में पड़ जाती हूँ कि मेरे और आपके मन...कई बार मैं सोच में पड़ जाती हूँ कि मेरे और आपके मन में एक समय एक जैसे विचार कैसे आ जाते हैं... कहीं पूर्वजन्म का नाता तो नहीं :-)<br />आज मैंने एक कविता पोस्ट की है नन्हीं लड़कियों की उड़ान की चाहत पर ... पर वो तो ऐसे ही कच्चे-पक्के शब्द हैं ... इस कविता पर तो वाणी जी की तरह मैं भी निःशब्द हूँ.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-58895846673360408292010-07-30T22:00:36.732+05:302010-07-30T22:00:36.732+05:30बहुत खूबसूरत ....चिड़ियों के माध्यम से आपने ऐसे लो...बहुत खूबसूरत ....चिड़ियों के माध्यम से आपने ऐसे लोगों कि बात कह दी जो ऊँची उड़ान भरना चाहते हैं ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-689055485180610672010-07-30T21:42:58.568+05:302010-07-30T21:42:58.568+05:30bahut hi sundar vidha mein likha hai...amazing!bahut hi sundar vidha mein likha hai...amazing!Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-75311584265664009282010-07-30T21:20:33.497+05:302010-07-30T21:20:33.497+05:30बहुत सुंदर कविता.
चिड़िया उड़ना चाहती है और चाहती ...बहुत सुंदर कविता.<br />चिड़िया उड़ना चाहती है और चाहती रहेगी भले ही लोग चाहें कि चिड़िया पिंजड़े में रहे. मैने एक बार लिखा था..एक चिड़िया उड़ी और देखते ही देखते पूरा गांव कौवा हो गया !देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-86450778159631473682010-07-30T20:44:44.165+05:302010-07-30T20:44:44.165+05:30बहुत ही सुंदर कविता, घघुती को शायद पंजाबी मै घुग्ग...बहुत ही सुंदर कविता, घघुती को शायद पंजाबी मै घुग्गी कहते है, एक सीधी सादी, बोली भाली सी चिडियां, शांत स्व्भाव वालीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-59013398844122398442010-07-30T19:41:22.407+05:302010-07-30T19:41:22.407+05:30राजेशा जी, घुघूती बासूती का अर्थ ? घुघूती एक चिड़िय...राजेशा जी, घुघूती बासूती का अर्थ ? घुघूती एक चिड़िया है, हिमालय की चिड़िया! इसका अर्थ व संदर्भ मैंने अपने ब्लॉग पर <br /> <a href="http://ghughutibasuti.blogspot.com/2007_02_01_archive.html" rel="nofollow"> <br />>यहाँ</a> दिया है। ये अटपटे शब्द बहुत से पहाड़ियों के लिए अमृतमयी यादें हैं।<br />फंदों में फंसना चिड़ियों के जीवन का एक स्वाभाविक सा संकट है, वह कहते हैं ना occupational hazard! कुछ बच जाती हैं और ऊँचा उड़ती हैं और कुछ फंस जाती हैं और पिंजरे में जीती हैं। अब फंसने के भय से पहले ही से तो पिंजरे में जाकर नहीं बैठा जा सकता ना?<br />वैसे एक कविता और भी लिखी थी <a href="http://ghughutibasuti.blogspot.com/2007/02/blog-post.html%E0%A5%A4" rel="nofollow">उड़ने की चाहत</a> यह भी हर उड़ने वाले के लिए या आसमान से सरोकार रखने वाले को रोचक लग सकती है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-89809337909810182082010-07-30T19:20:27.540+05:302010-07-30T19:20:27.540+05:30इंसान सब कुछ कर लेना चाहता है और यह भी कि उस में औ...इंसान सब कुछ कर लेना चाहता है और यह भी कि उस में और कोई अड़चन न बने।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-6854738896016055472010-07-30T19:08:28.880+05:302010-07-30T19:08:28.880+05:30उपरोक्त टिप्पणी बेनामी नहीं राजेशा की हैउपरोक्त टिप्पणी बेनामी नहीं राजेशा की हैrajeyshanoreply@blogger.com