tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post1387165490557961980..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: हिटलर की कस्टडीghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-53399906866188514082010-09-06T20:44:32.663+05:302010-09-06T20:44:32.663+05:30हमारे यहाँ कलेक्टर सिंह होते है , थनेदार सिंह , मै...हमारे यहाँ कलेक्टर सिंह होते है , थनेदार सिंह , मैनेजर सिंह , सुपरिंटेंडेंट सिंह < रही बात पौरणिक सन्दर्भो की तो , दुर्योधन , कंस , रावण और द्रौपदी भी है , कैकेयी भी रखे जाते हैं । हमारा देश भी नामो के लिये महान है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-41839995587669895582010-08-14T19:25:19.010+05:302010-08-14T19:25:19.010+05:30नाम ढोने वाले से अधिक महत्वपूर्ण है नाम देने वाले ...नाम ढोने वाले से अधिक महत्वपूर्ण है नाम देने वाले की सोच. अगर भारत के मिसाइल पृथ्वी का नाम सुनकर पाकिस्तान उसे पृथ्वीराज चौहान समझकर अपने मिसाइल का नाम गौरी रखता है तो इसमें गौरी नाम धरने वाले की समझ/नासमझी (पृथ्वी शब्द, पड़ोसी देश की संस्कृति और इतिहास में से अपना पक्ष चुनना) ही ज़ाहिर होती है.<br /><br />इस भरी दुनिया में अपने बच्चे के नाम के लिया एक हिटलर ढूँढना काफी कुछ बताता है. निर्धन पति-पत्नी दोनों का अपढ़ होना, वर्तनी की गाल्तियाँ करना भारत में सामान्य लगता है परन्तु अमेरिका में उतना सामान्य नहीं है. फिर हिंसा के आरोप .... इस धुंए के पीछे काफी आग रही है.<br /><br /> ऐसा नहीं है की फोस्टर केयर सिस्टम त्रुटिहीन है लेकिन फिर भी बहुत सी समस्याओं को कम करता है. <br />[मुझे लगता है की इस पोस्ट पर पहले भी एक टिप्पणी लिखी थी मगर अब लगता है की वह रास्ते में ही खो गयी है]Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-9038965461722102512010-08-14T03:32:15.129+05:302010-08-14T03:32:15.129+05:30लीजिए देर से आये तो क्या कहें, सब कुछ तो सारे टिप्...लीजिए देर से आये तो क्या कहें, सब कुछ तो सारे टिप्पणीकारों ने कह डाला है :-)<br />वैसे शोभना चौरे जी ने अच्छा प्रश्न किया है, मैं उत्तर देने का प्रयास करता हूँ.<br />मेरी बुद्धि के अनुसार मात्र नाम रखने से बात नहीं बनती जब तक कि बालक को उचित संस्कार न दिये जाएँ. <br />जैसे किसी का नाम यदि हिटलर हो पर वह अपने जीवन में कभी भी हिटलर के बारे में न तो पढ़े और कोई दूसरा भी उसे न बताए तो पचास प्रतिशत की सम्भावना तो है ही कि वह हिंसक या क्रूर न हो. है न !!<br />ठीक वैसे ही राम, कृष्ण, गोपाल यदि किसी का नाम हो तो समाज उसे सम्मान की दृष्टि से देखता है.<br />जैसे कई लोगों ने मुझे मेरे नाम राजीव का अर्थ बताते-पूछते हुए कहा कि आपको तो कमल के समान सभी बुराइयों से अलग ही होना चाहिये जैसे कि तलाब में जल व कीचड बढ़ने पर कमल भी ऊपर की ओर बढ़ जाता है. मुझे यह जानकर अच्छा लगा और मैं सदैव ही कमल सा बनने का प्रयास करता हूँ. :-)<br />अतः संस्कार भी नाम के साथ आवश्यक हैं, या उसका उठना-बैठना पढ़े-लिखे लोगों के मध्य हो तो वहाँ नाम की चर्चा व् चरित्र-निर्माण की बातें हो पायेंगी.E-Guru _Rajeev_Nandan_Dwivedihttps://www.blogger.com/profile/08622138211911028281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-14127122533868421082010-08-12T16:10:52.856+05:302010-08-12T16:10:52.856+05:30अगर पुराणों के खलनायकों या विवादित नेताओ के नाम पर...अगर पुराणों के खलनायकों या विवादित नेताओ के नाम पर नाम रखते है तो आपकी पोस्ट के अनुसार बहुत असर होता है |उनकी छबी का भी |<br />कितु हमारे देश में तो गली गली राम ,क्रिशन ,गोपाल ,कान्हा आदि नाम रखे जाते है तो उनकी छबी क्यों नहीं बनती ?खलनायक जैसे व्यवहार नाम रखने में आता है तो राम सा व्यवहार राम नाम रखने में क्यों नहीं आता ?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-69870422730978294602010-08-10T23:28:19.163+05:302010-08-10T23:28:19.163+05:30हिटलर मुहावरा है । एक प्रवृत्ति का नाम है ।
प्रश...हिटलर मुहावरा है । एक प्रवृत्ति का नाम है ।<br />प्रशंसनीय लेख ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-51646546693356200832010-08-10T19:40:04.382+05:302010-08-10T19:40:04.382+05:30असर तो पडता ही होगा.
रामरामअसर तो पडता ही होगा. <br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-65077812745317874142010-08-10T10:53:03.453+05:302010-08-10T10:53:03.453+05:30दो हिटलरों से सम्पर्क का मौका मुझे भी मिला।पहले हि...दो हिटलरों से सम्पर्क का मौका मुझे भी मिला।पहले हिटलर को हमारे परिसरवासियों का खूब प्रेम मिलता था । वह कुत्ता था । इस श्रेणी में ज़िया और संजय भी मिले हैं । दूसरे हिटलर का नामकरण उसका खुद का किया हुआ है । मुमकिन है मूल नाम को छुपाने के लिए,ताकि मुकदमे में मुकरा जा सके !अफ़लातूनhttp://surabesura.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-17001176751163535952010-08-10T10:25:06.028+05:302010-08-10T10:25:06.028+05:30हमने सुना है कि नाम के अनुरूप व्यक्ति का विकास भी ...हमने सुना है कि नाम के अनुरूप व्यक्ति का विकास भी होता है या कम से कम मान बाप की ऐसी चाहत होती है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-29153208640191877922010-08-10T07:39:20.326+05:302010-08-10T07:39:20.326+05:30पिता पढ़लिख नहीं सकता व माँ ने स्कूल छोड़ दिया था और...<b>पिता पढ़लिख नहीं सकता व माँ ने स्कूल छोड़ दिया था और दसवीं पास नहीं की। सबूत के तौर पर एक वर्तनी की गलतियों से भरा पत्र भी दिखाया गया जिसमें वह अपने पति के हिंसक होने की बात करती है।</b><br /><br />हिटलर को ऐसा नायक मानना जिसके नाम पर बच्चों का नामकरण किया जा सकता है, पत्नी के आरोपों की पुष्टि करता सा लगता है। साथ ही पति-पत्नी दोनों का ही स्कूली शिक्षा पूरी न कर पाना भी सामान्य से हटकर ही है। जैसा कि समीर जी ने कहा, पश्चिमी देशों में फ़ॉस्टर केयर का नेट्वर्क काफी सुदृढ है यद्यपि उसमें बहुत सुधार की गुंजाइश है। वैसे यहाँ पर बच्चोंका नाम तो जन्म के समय हस्पताल में ही रखना पडता है। आश्चर्य है कि इस बात पर तब किसी चिकित्सक या समाजसेवी ने ध्यान नहीं दिया। <a href="http://pittpat.blogspot.com/2009/01/blog-post_23.html" rel="nofollow">वैसे भारत में केरल प्रांत में भी नायकों के नाम पूरे के पूरे (कुलनाम के साथ) पाये जाते हैं</a>। <br />(इत्तेफाक़ ही है कि मैं अमेरिका और इम्फाल दोनों में रहा हूँ)Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-47542830404354345662010-08-10T06:23:35.091+05:302010-08-10T06:23:35.091+05:30एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ...एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !<br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/08/4_10.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !</a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-60368263991963467942010-08-10T00:44:20.186+05:302010-08-10T00:44:20.186+05:30kaha jarur jata hai ki naam me kya rakhaa hai, lek...kaha jarur jata hai ki naam me kya rakhaa hai, lekin vartman samay me naam ke karan kai loche ho jate hain/ ho rahe hain, ek udahran to aapne likh hi diya hai....Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-22243480163868191202010-08-09T22:12:28.667+05:302010-08-09T22:12:28.667+05:30हमारे यहाँ भी तो लोग बच्चो के नाम रावन कंस नहीं रख...हमारे यहाँ भी तो लोग बच्चो के नाम रावन कंस नहीं रखते यहाँ तक की राम का साथ देने वाले विभिसन का नाम भी बच्चो को नहीं दिया जाता | निश्चित रूप से नाम के साथ पूर्व में उस नामधारी के कारनामे भी उसके साथ जुड़ जाते है | वैसे माने भी सुना है की व्यक्ति पर उसके नाम का असर होता है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-59060326280082027392010-08-09T22:09:48.081+05:302010-08-09T22:09:48.081+05:30Sach to ye hai ki naam me bahut kuchh rakha hai.Ji...Sach to ye hai ki naam me bahut kuchh rakha hai.Jin bachhon ke naam arthpoorn hote hain,maine gaur kiya hai,unki pariwarik paarshwbhoomi bahut sanjeeda hoti hai!<br />Khair, maine apne deshke kuchh logon ko kahte suna ki,is desh ko ek Hitler chahiye! Hairan hun,ki,log ek aur Gandhi ke badle ek Hitler kyon chahte hain?kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-22398400718041409832010-08-09T21:26:04.111+05:302010-08-09T21:26:04.111+05:30सार्थक आलेख।सार्थक आलेख।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-68519114193721660032010-08-09T21:13:44.558+05:302010-08-09T21:13:44.558+05:30यह तो मैने भी पढ़ा है कि नाम का प्रभाव पड़ता है।यह तो मैने भी पढ़ा है कि नाम का प्रभाव पड़ता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-59812824582922755222010-08-09T21:00:55.838+05:302010-08-09T21:00:55.838+05:30हाँ, बात ये नहीं है कि नाम अच्छा या बुरा है, बल्कि...हाँ, बात ये नहीं है कि नाम अच्छा या बुरा है, बल्कि जब वो नाम किसी मशहूर शख्सियत से जुड़ जाता है, तो उसके साथ एक छवि भी जुड़ जाती है. ज़रूरी नहीं कि ये पूरे नाम के साथ हो यह किसी एक हिस्से के साथ भी हो सकता है और पूरे नाम के साथ भी. एडोल्फ हिटलर को ही ले लीजिए. हिटलर अधिक प्रसिद्द है, इसलिए ये नाम लोग नहीं रखते, पर वहीं एडोल्फ नाम रखते हैं. इसी तरह सचिन तेंदुलकर अपने पूरे नाम के साथ प्रसिद्द है ना कि सिर्फ सचिन के नाम से... <br />वैसे बड़ा विचारणीय बिंदु है. वैसे अमेरिका और मणिपुर के विरोधाभास का मुद्दा आपने अच्छा उठाया है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-19490266072895168642010-08-09T20:40:51.776+05:302010-08-09T20:40:51.776+05:30नाम और व्यक्तित्व एक दूसरे पर निर्भर नहीं हैं ! ह...नाम और व्यक्तित्व एक दूसरे पर निर्भर नहीं हैं ! हजारों नें अपने बच्चे का नाम सचिन रखा तो क्या ?<br /><br />मुद्दा सिर्फ इतना सा है कि किस नाम वाले नें अपने समय में समाज को ज्यादा नुकसान पहुँचाया है,लोग इस बात से ज्यादा उत्तेजित होते हैं ,चिढते हैं,मसलन तैमूर लंग,हिटलर !<br /><br />समीर लाल जी का कहना सही है , कि नाम में क्या रखा है ! रखा है , नाम की ब्रांडिंग में, अच्छी या कि बुरी !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-54034293269975473942010-08-09T20:37:32.213+05:302010-08-09T20:37:32.213+05:30naam ko lekar itna sab kuchh ho gaya jaan kar hair...naam ko lekar itna sab kuchh ho gaya jaan kar hairani hui. india me log agar naam ke prati itne jaagruk hain to fir theek hi hain.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-8255988102423831152010-08-09T20:24:04.635+05:302010-08-09T20:24:04.635+05:30यथा नाम तथो गुण .
दुर्योधन अगर सुर्योधन होता तो दु...यथा नाम तथो गुण .<br />दुर्योधन अगर सुर्योधन होता तो दुष्ट ना होताdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-67229698695401667992010-08-09T20:20:41.346+05:302010-08-09T20:20:41.346+05:30नाम का प्रभाव पड़ता है क्योंकि हर हर शब्द अपना असर...नाम का प्रभाव पड़ता है क्योंकि हर हर शब्द अपना असर रखता है.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-20633590714585803122010-08-09T19:38:38.134+05:302010-08-09T19:38:38.134+05:30nam mai kya rakhkha hai|lekin nam se hi aadami ki ...nam mai kya rakhkha hai|lekin nam se hi aadami ki pahchan hoti hai. jaise ki hitlar ke nam se hi logon ko ghrana hoti hai.Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-37697133583701348852010-08-09T18:57:48.434+05:302010-08-09T18:57:48.434+05:30चैसे तो कहा यह भी गया है कि नाम में क्या रखा है......चैसे तो कहा यह भी गया है कि नाम में क्या रखा है...<br /><br /><br />लेकिन जब नाम ब्राण्ड बन जाये तो जरुर कुछ न कुछ तो रखा है...हिटलर...नाम के साथ साथ ही क्रूरता का भाव अपने आप उभरता है मन में..शायद ऐसी ही ब्राण्डिंग हो चुकी है इस नाम की.<br /><br />फॉस्टर केयर का कॉन्सेप्ट तो विकसित देशों का ही है..Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com