tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post8742299454263947127..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: ये ही क्या वसंत है?...........घुघूती बासूतीghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-23335091167907376162010-01-30T19:48:07.864+05:302010-01-30T19:48:07.864+05:30बसंत की कविता मे ए.से. का यह प्रयोग अच्छा लगाबसंत की कविता मे ए.से. का यह प्रयोग अच्छा लगाशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-89576569923331733682010-01-27T13:36:43.259+05:302010-01-27T13:36:43.259+05:30..ह्रदय स्पर्शी कविता के लिए आभार...ह्रदय स्पर्शी कविता के लिए आभार.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-69128849262529786962010-01-27T13:29:50.443+05:302010-01-27T13:29:50.443+05:30बहुत खूबबहुत खूबसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-79819519600839705852010-01-22T16:51:59.314+05:302010-01-22T16:51:59.314+05:30ज्ञानदायिनी मातु का जो करते हैं ध्यान!
माता उनके ह...ज्ञानदायिनी मातु का जो करते हैं ध्यान!<br />माता उनके हृदय में भर देती हैं ज्ञान!!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-65903727585720746402010-01-21T21:50:48.605+05:302010-01-21T21:50:48.605+05:30पत्थरों के जंगल में 'घुघूती' को ऐसा ही बसं...पत्थरों के जंगल में 'घुघूती' को ऐसा ही बसंत तो मिलेगा!<br />..ह्रदय स्पर्शी कविता के लिए आभार.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-21077885625278631642010-01-21T19:45:55.308+05:302010-01-21T19:45:55.308+05:30आपने गीत को अपना स्नेह दिया आभारी हूँ. इस बहाने आप...आपने गीत को अपना स्नेह दिया आभारी हूँ. इस बहाने आपके रचना संसार से परिचित होने का सौभाग्य मिला.<br />आपकी सोच अलग है. अच्छी है.<br />आपका ब्लाग बडी मुश्किल से खुलता है. ये क्या कारण है?संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-347204419915399972010-01-21T16:22:28.734+05:302010-01-21T16:22:28.734+05:30aur kuch lge na lge shadiyo ke ki bhar se to basan...aur kuch lge na lge shadiyo ke ki bhar se to basant pancmi ki upsthiti hai hiशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-88743768993465974362010-01-21T15:08:14.510+05:302010-01-21T15:08:14.510+05:30"ठंड तो पड़ी नहीं
अंगीठी सेकी नहीं
ए सी ने गिर..."ठंड तो पड़ी नहीं<br />अंगीठी सेकी नहीं<br />ए सी ने गिराया तापमान है।"<br />"हृदय में न उमंग<br />मन में न तरंग<br />ये ही क्या वसंत है?.."<br /><br />बहुत खूब<br />सुना है, उत्तर भारत मे बहुत शीत लहर है, इस बार. वैसे तो, यहाँ मुबंई मे तो ठडं का कुछ खास असर नहीं. शीत और बसंत का कुछ पता नहीं.dipayanhttps://www.blogger.com/profile/07385176375960362837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-43913672221313277562010-01-21T13:40:44.376+05:302010-01-21T13:40:44.376+05:30काहे को बसंत, बस अंत अब आयो है !काहे को बसंत, बस अंत अब आयो है !Dinesh Dadhichihttps://www.blogger.com/profile/09576306239825711925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-90719897267661974992010-01-21T12:16:23.936+05:302010-01-21T12:16:23.936+05:30इस बार तो बसंत भी धोखा दे रहा है।
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औरतों क...इस बार तो बसंत भी धोखा दे रहा है।<br />--------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">औरतों के दाढ़ी-मूछें उग आएं तो..?</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ज्योतिष के सच को तार-तार करता एक ज्योतिषाचार्य।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-75303941666720629442010-01-21T10:50:15.333+05:302010-01-21T10:50:15.333+05:30मुम्बई महानगरी में प्रवासी वसंत.मुम्बई महानगरी में प्रवासी वसंत.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-22762868383111561162010-01-21T07:04:11.999+05:302010-01-21T07:04:11.999+05:30निश्चित ही कुछ दिनों में वसंत का मादक स्वरूप नष्ट ...निश्चित ही कुछ दिनों में वसंत का मादक स्वरूप नष्ट हो जायेगा - ऐसा लगता है । महानगरीय वसंत की एक बानगी तो आपने दे ही दी । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-88783357311670372742010-01-21T02:18:03.871+05:302010-01-21T02:18:03.871+05:30Aapke sneh aur prerak prasang ke liye bahut bahut ...Aapke sneh aur prerak prasang ke liye bahut bahut shukriya maam... lekin afsos ki koi us lekh ka bhav nahin pakad paaya.. sabne nakaratmak soch ya dar hi samjha.. khair... aap pahli baar blog par aayeen aasheerwad diya ye kafi hai.. <br />yahan kiski tareef jyada karoon kavita ki ya chitra ke chayan ki???<br />ye mere liye bhi mushkil sawal hai..<br />Jai HInd...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-36419264968953490842010-01-20T23:28:19.901+05:302010-01-20T23:28:19.901+05:30इस बार वसंत पंचमी जल्दी आ गयी, वसंत तो अभी आया ही ...इस बार वसंत पंचमी जल्दी आ गयी, वसंत तो अभी आया ही नहीं. कुछ वर्षों के बाद तो मेरे ख़्याल से सिर्फ़ गर्मी और सर्दी ही रह जायेगी वसंत और शरद् का तो पता भी नहीं चलेगा.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-17637060774749898352010-01-20T23:26:10.197+05:302010-01-20T23:26:10.197+05:30अब तो महानगरो से बाहर भी ऐसा हीं हो रहा है……अब तो महानगरो से बाहर भी ऐसा हीं हो रहा है……Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-77759846804477879502010-01-20T23:09:42.694+05:302010-01-20T23:09:42.694+05:30चलिये आप शुरु आत करे, कल से कार मै घुमना बन्द, ऎ स...चलिये आप शुरु आत करे, कल से कार मै घुमना बन्द, ऎ सी को बन्द करे, फ़्रिज भी एक तरफ़ रख दे, फ़िर आप को देख कर लोग भी यही करेगे, ओर फ़िर आयेगा अति सुंदर सुगंधित आप की पसंद का बसंत, चारो ओर हरियाली ही हरियाली.<br />वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-42667888413438662242010-01-20T21:29:44.970+05:302010-01-20T21:29:44.970+05:30हृदय में न उमंग
मन में न तरंग
ये ही क्या वसंत है?....हृदय में न उमंग<br />मन में न तरंग<br />ये ही क्या वसंत है?..<br />वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये...डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-17096163230789618432010-01-20T20:55:37.223+05:302010-01-20T20:55:37.223+05:30वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये !वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये !डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-46287711137975714822010-01-20T20:54:30.279+05:302010-01-20T20:54:30.279+05:30आइये अपनी जडो की ओर वहा वैसा ही वसन्त आया है जैसा ...आइये अपनी जडो की ओर वहा वैसा ही वसन्त आया है जैसा आपने देखा होगाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-84564590327097721742010-01-20T20:15:35.089+05:302010-01-20T20:15:35.089+05:30जनसंख्या ऐसे ही बढ़ती रही तो एक दिन कविताओं में ही ...जनसंख्या ऐसे ही बढ़ती रही तो एक दिन कविताओं में ही रह जायेगा.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-61372635043112239982010-01-20T19:40:29.272+05:302010-01-20T19:40:29.272+05:30यह महानगरीय कविता है। जरा नगर से बाहर जा कर देखिए ...यह महानगरीय कविता है। जरा नगर से बाहर जा कर देखिए वन और उपवन में वसंत तो है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-70494162453662488052010-01-20T18:23:40.598+05:302010-01-20T18:23:40.598+05:30यदि यही वसन्त है तो यह क्या है?
बरन बरन तरु फूले ...यदि यही वसन्त है तो यह क्या है?<br /><br />बरन बरन तरु फूले उपवन वन,<br />सोई चतुरंग संग दल लहियतु है।<br />बंदी जिमि बोलत विरद वीर कोकिल है,<br />गुंजत मधुप गान गुन गहियतु है॥<br />आवे आस-पास पुहुपन की सुवास सोई<br />सोने के सुगंध माझ सने रहियतु है।<br />सोभा को समाज सेनापति सुख साज आजु,<br />आवत बसंत रितुराज कहियतु है॥<br /><b>"सेनापति"</b>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-32375375532554173422010-01-20T18:06:18.295+05:302010-01-20T18:06:18.295+05:30जीबी,
"वनन में बागन में बगरयो बसंत है"...जीबी, <br />"वनन में बागन में बगरयो बसंत है" विस्मृत हो चला है ! आपने बहुत ही भावपूर्ण कविता कही है ! ओह....बिजली गुल, तो बसंत के साथ टिप्पणी भी गुल ....!उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-63258219738047561102010-01-20T18:03:53.393+05:302010-01-20T18:03:53.393+05:30अभी नाम से आया है असल में न जाने कब आएगा वाकई ठंड ...अभी नाम से आया है असल में न जाने कब आएगा वाकई ठंड जबरदस्त है इस बार :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-57800232947311411252010-01-20T18:00:50.859+05:302010-01-20T18:00:50.859+05:30ठंड तो पड़ी नहीं
अंगीठी सेकी नहीं
ए सी ने गिराया ता...ठंड तो पड़ी नहीं<br />अंगीठी सेकी नहीं<br />ए सी ने गिराया तापमान है।<br />आप शायद आजकल पुणे में रह रही है , इसलिए ऐसा कह रही है, यहाँ टन ग्लोबल कूलिंग हो गया है ! खैर, वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये !<br /><br />एक बात और कहनी थी कि आपके ब्लॉग को खोलते वक्त कई बार मेरा कंप्यूटर हैंग हो जाता है , क्या ऐसा अधिक विजेट लगे ल्होने की वजह से तो नहीं ?पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com