tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post8428433472920142599..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: जब डॉक्टर कोई नई दवा लिख दे या केमिस्ट कोई नई दवा दे तो बिन जाँच पड़ताल के मत खाइए।ghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-26885659224989343322011-05-05T06:48:59.194+05:302011-05-05T06:48:59.194+05:30जीवन अनमोल है जैसे भी बचा सकें ! सुन्दर आलेख !जीवन अनमोल है जैसे भी बचा सकें ! सुन्दर आलेख !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-57715711173874401332011-05-04T13:27:41.355+05:302011-05-04T13:27:41.355+05:30उपयोगी एवं ध्यान रखने योग्य आलेख।उपयोगी एवं ध्यान रखने योग्य आलेख।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-7401059696254062792011-05-04T12:52:49.761+05:302011-05-04T12:52:49.761+05:30सावधान करने के लिए सादर आभार . हाँ आज के हिंदुस्त...सावधान करने के लिए सादर आभार . हाँ आज के हिंदुस्तान ( हिंदी) में आपके हैट्सी.... लेख के अंश प्रकाशित हुए उसके लिए बधाई .गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-13037867249370082182011-05-04T11:28:30.278+05:302011-05-04T11:28:30.278+05:30Upyogi post. Samajik chetna hetu aapko dhanywad au...Upyogi post. Samajik chetna hetu aapko dhanywad aur aabhar !रूपhttps://www.blogger.com/profile/14926598063271878468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-32212415563678757842011-05-04T11:23:32.225+05:302011-05-04T11:23:32.225+05:30.
@ भुवनेश्वर जी,
किसी भी बुराई का पूरे समाज के सँ....<i><br />@ भुवनेश्वर जी,<br />किसी भी बुराई का पूरे समाज के सँदर्भ में सामान्यीकरण करना मैं अपरिपक्व मानसिकता और पूर्वाग्रसित सोच की उपज मानता हूँ । बात कमीशन के सँदर्भ में हो रही है, हर चिकित्सक की अपनी पसँद नापसँद होती है, जिसके पीछे व्यक्तिगत कारणों एवँ व्यवसायिक अनुभव के अलावा सैकड़ों कारण हो सकते हैं । उसी की बिना पर वह दवा भी लिखना है । कोई भी व्यापारी अपना माल ( केमिस्ट दवा को माल कहते हैं ) बाज़ार में फँसाना नहीं चाहेगा, ज़ाहिर है दूर-दराज या आपके घर के बगल वाला केमिस्ट ऎसी दवा ( ब्राँड ) कम ही रखना चाहेंगे । कमीशन के उल्लेख पर यहाँ ऊपर आप अजित गुप्ता जी की अनुभवसिक्त टिप्पणी पढ़ सकते हैं ।<br />किसी सँकट में एक आम भारतीय अपने ईश्वर को उत्कोच स्वरूप कुछ दक्षिणा अग्रिम दे आता है, या फिर काम पूरा होने पर पत्रम-पुष्पम लेकर उपस्थित होता है, यह क्या है... काम पूरा होने का कमीशन ? कृपया इसे श्रद्धा की सँज्ञा न दें, क्योंकि यह सिक्कों और उपहार में नहीं बसती ।<br />भुवनेश्वर जी, विश्वास से विश्वास उपजता है, और धुँधले चश्में से कभी साफ नहीं दिखता <br />अपने नज़रिये का नम्बर बदलें, और छद्मनामी बेनामी प्रोफ़ाइल से टिप्पणी करने से बचें ।<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-15483777660544152302011-05-04T09:14:34.745+05:302011-05-04T09:14:34.745+05:30ऐसा मेरे साथ भी एक बार हो चुका है कि मैनें डाक्टर...ऐसा मेरे साथ भी एक बार हो चुका है कि मैनें डाक्टर की लिखी दवा उन्हीं के पडोस के मेडिकल स्टोर से ली। मैनें सोचा कि दवा डाक्टर को दिखा लूँ। दिखाने पर पता चला कि केमिस्ट ने एक दवा गलत दे दी है। उसे बदलकर सही दवा ली। गलती डाक्टर की भी थी जिनकी अस्पष्ट लिपि को केमिस्ट ठीक से नहीं पढ़ सका। मैं एक बात और कहना चाहता हूँ। ज्यादातर डॉक्टर ऐसी दवाएं लिखते हैं जो उनके क्लीनिक के आसपास के किसी मेडिकल स्टोर में ही उपलब्ध होती है, और कहीं भी आसानी से नहीं मिलती, क्योंकि डॉक्टर का कमीशन फिक्स होता है। ऐसे में पड़ोस के क्लीनिक से दवाएं लेकर एक बार डाक्टर को जरूर दिखा देना चाहिए।Bhuvneshwarhttps://www.blogger.com/profile/11811135721460415411noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-80556472213822993802011-05-04T07:25:59.085+05:302011-05-04T07:25:59.085+05:30यदि आप पर्ची पढ़क स्वयम् दवा का मिलान कर सकते हैं ...यदि आप पर्ची पढ़क स्वयम् दवा का मिलान कर सकते हैं तो ठीक वरना दवा खरीद कर ड़ा0 को दिखाने में ही भलाई है।<br />..सचेत करती अच्छी पोस्ट।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-67070902235132957172011-05-04T06:09:47.488+05:302011-05-04T06:09:47.488+05:30अफसोसजनक..... सजग रहना ज़रूरी है...अफसोसजनक..... सजग रहना ज़रूरी है... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-65506721333073083542011-05-04T06:08:43.900+05:302011-05-04T06:08:43.900+05:30जागरूकता भरी सार्थक प्रस्तुति| धन्यवाद|जागरूकता भरी सार्थक प्रस्तुति| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-91765877808526861682011-05-04T04:10:20.619+05:302011-05-04T04:10:20.619+05:30लेख और डॉ अमर कुमार की सलाह दोनों ही उपयोगी हैं। ब...लेख और डॉ अमर कुमार की सलाह दोनों ही उपयोगी हैं। बेचारा अनपढ गरीब खुद तो क्या पढ सकेगा, सहायता तो चाहिये ही।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-83010632531764026622011-05-04T01:13:15.072+05:302011-05-04T01:13:15.072+05:30आमजन को जागरूक करने वाला एक अच्छा आलेख !
जब 1979 म...<i><br />आमजन को जागरूक करने वाला एक अच्छा आलेख !<br />जब 1979 में मेरा एक मरीज़ लैनॉक्सिन ( दिल की दवा ) के बदले लैक्सेटिन ( तगड़ा ज़ुलाब ) लेने से मरते मरते बचा तभी मैंनें 1980 में दवा दिखा कर एप्रूव करवाने की पहल की थी तो, केमिस्ट सहित मरीज़ों तक ने मुझे सनकी मान लिया था । आज मैं चैन से हूँ, क्योंकि शहर के लगभग सभी डॉक्टरों ने इसे अपना लिया है । दूसरे यह कि जहाँ भी मुझे फेर-बदल की शँका होती है, वहाँ मैं कैपिटल लेटर में उस दवा का नाम दोहरा कर लिख देता हूँ, साथ ही दवा लेने के निर्देश को हिन्दी य स्थानीय भाषा में लिखने की परँपरा को अपनाना चाहिये । अपने सहायक को बोल कर दवा लिखवाना मैं गलत मानता हूँ, यह मरीज़ को आत्मीयता की जगह व्यावसायिकता का सँदेश देता है ! <br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-88892736777485403562011-05-04T01:10:30.920+05:302011-05-04T01:10:30.920+05:30sahi baat batayi aapne... ham bhi dhyan rakhenge.sahi baat batayi aapne... ham bhi dhyan rakhenge.pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-92037834121937608102011-05-03T23:25:23.846+05:302011-05-03T23:25:23.846+05:30उपयोगी जानकारी दी
आभारउपयोगी जानकारी दी<br />आभारपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-43611443368749674162011-05-03T22:50:21.343+05:302011-05-03T22:50:21.343+05:30चेतावनी का आभार, सबको ध्यान रखना होगा।चेतावनी का आभार, सबको ध्यान रखना होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-17876018353703362772011-05-03T22:48:25.421+05:302011-05-03T22:48:25.421+05:30कई बार ये भी होता है की जब केमिस्ट के पास उस कंपनी...कई बार ये भी होता है की जब केमिस्ट के पास उस कंपनी की दवा नहीं होती ही तो वो उसी कम्बीनेशन की या उससे मिलाती जुलती कम्बीनेशन की दूसरी दवा भी दे देते है जबकि कई बार कुछ खास मरीजी को किसी खास चीज से एलर्जी होने के कार कुछ एक दवा ही दी जाती है | उस पर से आज तो नकली दवाओ का खतरा भी होता है अतः जब भी दवा ले बीच नंबर लिखवा कार बिल जरुर ले |<br /> जब मै मुंबई में पहली बार लीलावती अस्पताल में गई तो ये देख कर आश्चर्य में पड़ गई की वहा के डाक्टर दवाओ का नाम अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में लिख रहे थे और हर अक्षर दुसरे से अलग जिसे कोई बच्चा भी पढ़ा सकता था |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-83450753725193088522011-05-03T21:12:37.865+05:302011-05-03T21:12:37.865+05:30आपको इसके पीछे की जानकारी नहीं है. लाइसेंस कैसे दि...आपको इसके पीछे की जानकारी नहीं है. लाइसेंस कैसे दिये जाते हैं, इसके पीछे भी मनी पावर होती है, एक लाइसेंस पर कई कई दुकानें चलाई जाती हैं. हर दुकान पर फार्मासिस्ट होना चाहिये लेकिन फिर प्रमाणपत्रों की बदौलत आठवीं दसवीं पास लड़के काम करते हैं...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-47935665108876368322011-05-03T20:28:56.727+05:302011-05-03T20:28:56.727+05:30उपयोगी जानकारी |हमारे फेमिली डाक्टर तो दवा दिखाकर ...उपयोगी जानकारी |हमारे फेमिली डाक्टर तो दवा दिखाकर ही कहने को कहते है और मेडिकल स्टोर वाला कहता है डाक्टर को दिखा दो कई बार बहुत खीज होती है पहले लम्बी प्रतीक्षा के बाद नम्बर आता है फिर दवाई लेने सीढिया चढो फिर डाक्टर को दिखाने में फिर प्रतीक्षा ?किन्तु दुर्घटना से देर भली |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-79165015826908502972011-05-03T19:21:38.410+05:302011-05-03T19:21:38.410+05:30सावधानी तो हर हालत में बरतनी चाहिए। लोग बिना पूछे ...सावधानी तो हर हालत में बरतनी चाहिए। लोग बिना पूछे दवाएं लेते रहते हैं और बाद में दुष्परिणाम भुगतते हैं । एंटीबीओटिक एक बड़ा उदाहरण है इस दुरुपयोग का । <br /><br /> "यदि नए शहर जाएँ तो बड़े रोग की प्रतीक्षा करने की अपेक्षा चार छींक आने या नाक बहने पर ही डॉक्टर खोजना अभियान आरम्भ करिए।" छोटी छोटी बातों से आतंकित भी न हो ।डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-18449133272008309402011-05-03T19:07:16.039+05:302011-05-03T19:07:16.039+05:30जागरूकता की बहुत कमी है लोगों में ....केमिस्ट तो ब...जागरूकता की बहुत कमी है लोगों में ....केमिस्ट तो बिना डॉक्टर की पर्ची के कोई भी दवा देने में जरा भी नहीं सोचते ....<br />जागरूकता भरी सार्थक प्रस्तुति के लिए आभारकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-30082780326279778722011-05-03T18:51:10.806+05:302011-05-03T18:51:10.806+05:30Bada upyogee aalekh hai. Mai to kahungee ke,asptaa...Bada upyogee aalekh hai. Mai to kahungee ke,asptaal me admit hone parbhee,gar hosh hain,to har injection aur khaas kar IV se dee jaane walee dawayee kee jaankaaree rakhanee chahiye.kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-4457240132631806882011-05-03T18:47:54.665+05:302011-05-03T18:47:54.665+05:30मीथोट्रेक्सेट जैसी दवा जो केवल कैंसर, भयंकर रह्युम...मीथोट्रेक्सेट जैसी दवा जो केवल कैंसर, भयंकर रह्युमैटिक रोगों या जाइन्ट सैल आर्टराइटस में दिया जाता है। इस दवा के भयंकर साइड इफेक्ट्स हैं। यह शायद केवल जीवन मृत्यु सी स्थिति में दी जाती है। शायद डॉक्टर के लिए लेने वाले को मॉनिटर करना भी आवश्यक है। ---- <br />सौ फीसदी सच कहा... इस दवा से बहुत पुराना नाता है बेटे को दी जाती थी...उस दौरान हर पन्द्रह दिन में फिर हर एक महीने में खून की जाँच की जाती कि कोई साइड इफेक्ट तो नही हुआ... आपकी इस पोस्ट ने बहुत कुछ याद दिला दिया.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-30821088828694804172011-05-03T18:29:53.639+05:302011-05-03T18:29:53.639+05:30बहुत जरुरी है...अच्छा चेताया.बहुत जरुरी है...अच्छा चेताया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-75042341392742260812011-05-03T17:50:13.954+05:302011-05-03T17:50:13.954+05:30बेहद दुर्भाग्यपूर्ण वाकया है ।
अच्छी लिखाई वाले डॉ...बेहद दुर्भाग्यपूर्ण वाकया है ।<br />अच्छी लिखाई वाले डॉक्टर मिलना तो मुश्किल होता है । लेकिन केमिस्ट को सब समझ आ जाता है । फिर भी डॉक्टर को दवा दिखा लेना चाहिए क्योंकि कभी कभी केमिस्ट भी ब्रैंड बदल देता है जो सही नहीं होता ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-74434499179657389392011-05-03T17:43:41.448+05:302011-05-03T17:43:41.448+05:30अजित जी, आप सही कह रही हैं.आज हमें शंका नामक रोग ह...अजित जी, आप सही कह रही हैं.आज हमें शंका नामक रोग हो गया है और प्रायः यही हमारे प्राणों की रक्षा भी करता है.यदि रोगी भी शक करता तो शायद बच जाता.<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-79065297449413464482011-05-03T17:27:55.725+05:302011-05-03T17:27:55.725+05:30अब यही तो मुसीबत है बेचारे डॉक्टरों की, वे दवा मं...अब यही तो मुसीबत है बेचारे डॉक्टरों की, वे दवा मंगाकर देखते हैं तो उनपर शक किया जाता है। मेरे पति हमेशा दवा मंगाकर देखते हैं और यह भी देखते हैं कि कोई एवजी दवा तो नहीं दे दी है। वे एक पैसा भी कमीशन नहीं लेते हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com