tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post7321279889406856358..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: मर्द हो तो मदाम की बात तो मत ही मानो!..........................घुघूती बासूतीghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-41810127395523917672010-03-14T05:32:27.602+05:302010-03-14T05:32:27.602+05:30अरब में स्त्रियों की जो दशा है उसमें इससे ज्यादा क...अरब में स्त्रियों की जो दशा है उसमें इससे ज्यादा क्या उम्मीद की जा सकती है। भारतीय समाज में भी गाँव-देहात में अनपढ़ स्त्रियों पर पुरुषों को धौंस जमाते देखते हैं। पर खुशी की बात है कि शहरी समाज में अब ऐसा बहुत कम है और उत्तरोत्तर सुधार होता जा रहा है।<br /><br />बाकी एक बात से जरुर हैरानी होती है कि कुछ प्रगतिशील महिला ब्लॉगर हर पुरुष को विलेन बनाने पर तुली रहती हैं। महिलाओं का सम्मान करने वाले भी पुरुष इस दुनिया में मौजूद हैं, घुघूत का उदाहरण सबके सामने है ही।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-56788710036236937792010-03-10T13:30:41.289+05:302010-03-10T13:30:41.289+05:30किसी की अच्छी सलाह पर आचरण करना तो अच्छी बात है । ...किसी की अच्छी सलाह पर आचरण करना तो अच्छी बात है । स्वयं के होने का अहंकार तो त्यागना पड़ेगा ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-27057655469605208082010-03-10T13:18:46.214+05:302010-03-10T13:18:46.214+05:30mardon ki ego jise wo mardangi kehte hain apni biw...mardon ki ego jise wo mardangi kehte hain apni biwi ya behno par hi kyun dikhti hai???<br />ye mardangi tab kahan jaati hai jab koi usse shaktishali vyakti kuch ghalat kehta haiFauziya Reyazhttps://www.blogger.com/profile/01124118614272827003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-86089109210867382502010-03-09T13:54:17.673+05:302010-03-09T13:54:17.673+05:30एकदम सही कहा आपने...अधिकांशतः यह धारणा देखने को मि...एकदम सही कहा आपने...अधिकांशतः यह धारणा देखने को मिलती है कि मर्द/पति होने का मतलब स्त्री/पत्नी का तिरस्कार करना, अवहेलना करना माना जाता है...चाहे वह लाख सही क्यों न हो...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-89748855481640443812010-03-08T23:30:28.970+05:302010-03-08T23:30:28.970+05:30कभी कभी मैं बाजार से सब्जी वगैरह जिस दाम में लाता ...कभी कभी मैं बाजार से सब्जी वगैरह जिस दाम में लाता हूँ उससे कम ही श्रीमती जी को बताता हूँ। <br />मोल भाव के मामले में हम पुरूष वैसे भी अनपढ हैं...<br /><br /> और एक राज की बात ये है कि घर में मेरी श्रीमती जी भी यह जानती हैं कि मैने चीजें ज्यादा दामों पर खरीदी होंगी और मन रखने के लिये कम बता रहा हूँ....ये मेरे ख्याल से एक तरह की आपसी अंडरस्टैंडिंग है जो कि मेरे यहां चलते रहा है। शायद और भी लोगों के यहां यह अंडरस्टैंडिग जरूर चलती होगी। अब इसमें यदि अरब कंट्री में होता तो जरूर अब तक कोई न कोई ठप्पा उस माहौल के हिसाब से लग जाता :)सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-4281968478807537422010-03-08T20:21:48.644+05:302010-03-08T20:21:48.644+05:30अब क्या कहें,सोचने पर विवश करती हुई आपकी पोस्ट.अब क्या कहें,सोचने पर विवश करती हुई आपकी पोस्ट.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-82072646168791918522010-03-08T18:21:00.048+05:302010-03-08T18:21:00.048+05:30कल से परेशान हूँ क्या कमेन्ट करूँ ...
मैं सिर्फ़ इत...कल से परेशान हूँ क्या कमेन्ट करूँ ...<br />मैं सिर्फ़ इतना जानती हूँ ...<br />जो कापुरुष होते हैं सिर्फ़ वही औरत पर धौंस जमाते हैं...<br />यही सच है ...!!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-18077381722749727802010-03-08T18:18:55.113+05:302010-03-08T18:18:55.113+05:30अजी अब ऐसे मर्द बचे ही कितने हैं जो मदाम की बात की...अजी अब ऐसे मर्द बचे ही कितने हैं जो मदाम की बात की अवहेलना कर सकें।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-88252292710332203932010-03-08T17:01:58.170+05:302010-03-08T17:01:58.170+05:30ghugut ji baat mante hei na...bas fir apke maje he...ghugut ji baat mante hei na...bas fir apke maje hein...Yashwant Mehta "Yash"https://www.blogger.com/profile/02457881262571716972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-58484729695952384152010-03-08T15:18:11.058+05:302010-03-08T15:18:11.058+05:30अजी बीबी क्या हम तो अपने बच्चो से भी सलाह कर के ही...अजी बीबी क्या हम तो अपने बच्चो से भी सलाह कर के ही सब काम करते है, कई बार तो बीबी गुस्सा करती है कि हर बात मुझ से क्यो पुछते हो? यानि ना हम आजाद है, ना ही हमारी बीबी ही आजाद है, बस यही कहुंगा कि हम एक दुसरे के बिना अधुरे हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-70268146272242486802010-03-08T14:02:04.284+05:302010-03-08T14:02:04.284+05:30समय बदल रहा है..
सोच भी..
आशा की लौ जलती रहे..समय बदल रहा है..<br />सोच भी..<br />आशा की लौ जलती रहे..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-15273336468933596922010-03-08T12:37:04.356+05:302010-03-08T12:37:04.356+05:30:):)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-55604301628835416532010-03-08T11:46:25.690+05:302010-03-08T11:46:25.690+05:30क्या कहा जाए....घुघूत जी जैसा सोचने वाले लोग बहुत...क्या कहा जाए....घुघूत जी जैसा सोचने वाले लोग बहुत कम ही होते हैं...कि बीवी का मान भी रह जाए और गरीब की मदद भी हो जाए....ज्यादा पुरुष उस अरब केले वाले की मानसिकता के ही होते हैं,चाहे अरब में ना होकर,भारत में ही रहें...पर अब तस्वीर बदल रही है....बहुत धीरे धीरे ही सही..<br />(मुंबई की स्त्रियों पर एक पोस्ट लिखी है...आपको अच्छी लगेगी<br />www.rashmiravija.blogspot.com)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-14624741117539518922010-03-08T11:40:21.600+05:302010-03-08T11:40:21.600+05:30क्या सभी मर्द ऐसे ही होते हैं -भारत में एक और कटे...क्या सभी मर्द ऐसे ही होते हैं -भारत में एक और कटेगरी नहीं होती क्या ?<br />"हेन पेक हस्बैंड्स " की -ये जनाब विविध रूपों में पाए जाते हैं -कवी रूप में और यहाँ ब्लागजगत में भी इस पर कोई प्रकाश डालेगें क्या ?<br />-एक घोषित नारी विरोधी का प्रलाप !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-68964292985306263302010-03-08T11:24:26.173+05:302010-03-08T11:24:26.173+05:30यह प्रवृत्ति अरब क्या, हमारे देश में भी तो व्याप्त...यह प्रवृत्ति अरब क्या, हमारे देश में भी तो व्याप्त है.. और क्या कहें, बस यही कह सकते हैं..<br /><br />हैप्पी वीमेन्स डे..कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-25736985707794750742010-03-08T10:38:41.948+05:302010-03-08T10:38:41.948+05:30मानसिकता बदलने की जरुरत है । बाकी तो रचना और सुजात...मानसिकता बदलने की जरुरत है । बाकी तो रचना और सुजाता ने कह ही दिया है ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-57653755935626879252010-03-08T10:10:05.405+05:302010-03-08T10:10:05.405+05:30पढ़ लिया..बीपी बढ़ा है तो डॉक्टर ने ज्यादा बात करने ...पढ़ लिया..बीपी बढ़ा है तो डॉक्टर ने ज्यादा बात करने को मना किया है इसलिए चुप्प!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-87752868117765584282010-03-08T10:08:50.296+05:302010-03-08T10:08:50.296+05:30we all need to work towards making woman "ind...we all need to work towards making woman "independent" not just economically but mentally . there is thing called as "slave mentality" and woman need to break that mold and be on their own . <br /><br />good postAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-8590708785045521202010-03-08T09:44:27.325+05:302010-03-08T09:44:27.325+05:30बेचारा अरब, सारी बदनामी अरब की,
मुझे तो नही लगता ...बेचारा अरब, सारी बदनामी अरब की, <br />मुझे तो नही लगता कि हलात दुनिया के किसी भे कौने मे भिन्न है. मै तो इस मामले से दूर ही रहता हू खरीदारी के सब काम पत्नि ही करे कमसेकम उसमे नुक्ताचीनी तो कर सकू बाद मे. <br />और नही तो क्या...... एक दुकानदार के सामने केले को लेकर अपनी तौहीन कराउन्गा क्या?<br />हा हा हाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-83892921354399417762010-03-08T09:29:24.089+05:302010-03-08T09:29:24.089+05:30अनुभव पढ़कर दुःख हुआ वैसे उम्मीद नहीं कि हालात हमे...अनुभव पढ़कर दुःख हुआ वैसे उम्मीद नहीं कि हालात हमेशा ऐसे ही रहने वाले हैं ! पता नहीं क्यों आपका संस्मरण पढ़ते हुए लगा कि हम अपनी बेगम के साथ खरीदारी को जायें और दुकानदार भी कोई खातून हो फिर हमारी बेगम से कहे मादाम हो तो मर्द की बात सुनो मत !...काश !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-50784747652955658352010-03-08T09:27:42.398+05:302010-03-08T09:27:42.398+05:30यह मानसिकता विश्व स्तर पर बनी हुई है। यह पुरुष क...यह मानसिकता विश्व स्तर पर बनी हुई है। यह पुरुष की कमजोर मन:स्थिति की परिचायक है। किसी महिला से यह बात नहीं कही जाती क्योंकि सभी को मालूम है कि महिला को कितनी किसकी बात माननी है। लेकिन पुरुष बहुत जल्दी महिला के बहकावे में आ जाते हैं इसलिए सभी को इन कमजोर मानसिकता वालों से डर लगता है कि यदि ऐसा होता रहा तब झूठे पुरुषत्व का क्या होगा?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-68336483406027453072010-03-08T09:26:29.594+05:302010-03-08T09:26:29.594+05:30आप यह भी तो देखिये कि किस देश में थीं और किस धर्म ...आप यह भी तो देखिये कि किस देश में थीं और किस धर्म के अनुयायियों के बीच.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-41195941300892090872010-03-08T08:33:49.932+05:302010-03-08T08:33:49.932+05:30बहुत ही सरल ढंग से अरब में घटी एक घटना के संस्मरण ...बहुत ही सरल ढंग से अरब में घटी एक घटना के संस्मरण लिख कर पुरुषों की मानसिकता को समझाने का प्रयास किया है.<br />मनु जी, <br />अरब कहीं का..! कमेन्ट लिखते-लिखते इस एक वाक्य पर ठिठक गया. यह सोंच सिर्फ अरब में दिखती हो ऐसा नहीं हैं. मुझे तो अपने पूर्वी उत्तर प्रदेश में..पढ़े लिखे समाज में भी..ऐसी सोंच के लोग प्रायः मिल ही जाते हैं.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-71405424939725815672010-03-08T08:28:59.612+05:302010-03-08T08:28:59.612+05:30संगीता जी की बात यूँ गलत नही है और बदलाव तभी होगा ...संगीता जी की बात यूँ गलत नही है और बदलाव तभी होगा जब हर स्त्री आत्मनिर्भर होगी- आर्थिक और बौद्धिक दोनो तरह् । पराअश्रित स्त्री सदैव ही पति पुत्र को ऐसी सीख देती रहेगी। घुघुती जी का लेख अच्छा लगा !सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/12373406106529122059noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-9162381109309120352010-03-08T08:01:44.772+05:302010-03-08T08:01:44.772+05:30...
arab kahin kaa.......<br /><br /><br />arab kahin kaa....manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.com