tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post6783638940319737636..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: खोया बचपनghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-31950221684612634882007-10-23T17:20:00.000+05:302007-10-23T17:20:00.000+05:30खोया बचपन कहीं नहीं खोया है। सभी स्मृतियों में सुर...खोया बचपन कहीं नहीं खोया है। सभी स्मृतियों में सुरक्षित है और अब तो ब्लाग आ गया है। याद रखने और सबसे बांटने के लिए। आपने बांटा, मैंने भी बांटा। आपको पसंद आया मुझे भी पसंद आया। अच्छा कार्य कर रहे हैं। कभी वे भी पढ़ेंगे जिनके संबंध में हम लिख रहे हैं। पर हमें लिखते रहना है, इन अनमोल पलों को, पलरत्नों को।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-54868727779936619922007-10-17T14:36:00.000+05:302007-10-17T14:36:00.000+05:30आप ने इस कविता में मेरे मन कि बात कही है, मुझसे भी...आप ने इस कविता में मेरे मन कि बात कही है, मुझसे भी मेरे बेटे का बचपन यूं ही छूट गया और अब चाह कर भी लौट नहीं पाएगा, शायद हर कार्यरत महिला की यही कहानी हैAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-71675366562322721142007-10-16T21:59:00.000+05:302007-10-16T21:59:00.000+05:30बचपन अगर रुका रह गया तो, इसकी मिठास खत्म हो जाएगी।...बचपन अगर रुका रह गया तो, इसकी मिठास खत्म हो जाएगी।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-33397462101901434712007-10-15T21:48:00.000+05:302007-10-15T21:48:00.000+05:30do u remember me anugill 2000do u remember me anugill 2000Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-23155951846977318592007-10-14T20:56:00.000+05:302007-10-14T20:56:00.000+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति पर लगता है थोड़ी पंक्तियाँ ...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति पर लगता है थोड़ी पंक्तियाँ और जुड़ जाती तो कविता ज्यादा सुन्दर लगती। <BR/>.. बचपन याद आ गया और बच्चों की शरारतें भी।Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-23323901526461507842007-10-14T20:36:00.000+05:302007-10-14T20:36:00.000+05:30मानव के भीतर एक बहशी और एक बचपना भी होता है… बस हो...मानव के भीतर एक बहशी और एक बचपना भी होता है… बस होता है इंतजार मौके का…<BR/>बहुत सुंदर अभिव्यक्ति…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-58753611614469045182007-10-14T19:01:00.000+05:302007-10-14T19:01:00.000+05:30ह्रदय में उतर जाने वाली कविता ,बहुत सुन्दर चित्रण ...ह्रदय में उतर जाने वाली कविता ,बहुत सुन्दर चित्रण ..!रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-41294174016829604822007-10-14T17:30:00.000+05:302007-10-14T17:30:00.000+05:30"मीठी बातें, नटखट हरकत, भोला चेहरा ,झील सी आँखें, ..."मीठी बातें, नटखट हरकत, भोला चेहरा ,<BR/>झील सी आँखें, आँसू तेरे, रूप सुनहरा,"<BR/><BR/>खोया नहीं पाया कहिए ... ऐसे सुन्दर बचपन को आप कैसे खो सकते हैं...यह पल यादों मे सूखे फूलों की तरह सहेज कर रखे होते हैं. <BR/>बहुत सुन्दर चित्रण ..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-66510737632730066892007-10-14T17:06:00.000+05:302007-10-14T17:06:00.000+05:30मनोभाव का सुन्दर चित्रण-अच्छी अभिव्यक्ति. बधाई.मनोभाव का सुन्दर चित्रण-अच्छी अभिव्यक्ति. बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-82151648625830661782007-10-14T16:38:00.000+05:302007-10-14T16:38:00.000+05:30सुंदर कविता, सुंदर भाव!!ह्म्म, आपने जो भूमिका लिखी...सुंदर कविता, सुंदर भाव!!<BR/><BR/>ह्म्म, आपने जो भूमिका लिखी है उससे जाहिर ही हो रहा है कि उसके बचपन को आप खो चुकी है अर्थात अब वह बड़ा हो चुका है।<BR/>लेकिन आप उसके बचपन को जीते रहना चाहती हैं।<BR/><BR/>बहुत सुंदर!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-83263427799752384702007-10-14T15:32:00.000+05:302007-10-14T15:32:00.000+05:30अगर अपने ब्लोग पर " कापी राइट सुरक्षित " लिखेगे तो...अगर अपने ब्लोग पर " कापी राइट सुरक्षित " लिखेगे तो आप उन ब्लोग लिखने वालो को आगाह करेगे जो केवल शोकिया या अज्ञानता से कापी कर रहें हैं ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-25282046494259247152007-10-14T15:23:00.000+05:302007-10-14T15:23:00.000+05:30बचपन की कविता बहुत अच्छी लगी एसा सभी के साथ होता ह...बचपन की कविता बहुत अच्छी लगी एसा सभी के साथ होता है...हम भी अपना बचपन खो चुके है...और न जाने क्या-क्या खोना अभी बाकी है...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-16219504080661403082007-10-14T15:22:00.000+05:302007-10-14T15:22:00.000+05:30घुघूति जी आप मेरे चिट्ठे पर आई एक नेक सलाह के लिये...घुघूति जी आप मेरे चिट्ठे पर आई एक नेक सलाह के लिये धन्यवाद...आप परेशान न हो यह बस एक कविता है एसा कुछ नही जिन्दगी में जिसमें इतनी कड़वाहट पैदा हो जाये...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-63756318497978052492007-10-14T15:17:00.000+05:302007-10-14T15:17:00.000+05:30कविता अच्छी है। पर कोई अपराध बोध नहीं होना चाहिये।...कविता अच्छी है। <BR/>पर कोई अपराध बोध नहीं होना चाहिये। बचपन परिवर्तित होता है परिपक्वता में। माता-पिता उसे सही प्रकार से परिपक्व कराते हैं। यह तो पुनीत कर्म हुआ!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-62914454751131685052007-10-14T13:44:00.000+05:302007-10-14T13:44:00.000+05:30दूध न पीना, सूप न पीना,खूब रूठना, खूब मनाना, न खान...दूध न पीना, सूप न पीना,<BR/>खूब रूठना, खूब मनाना, न खाना खाना,<BR/>छत पर चढ़ना, पेड़ पर चढ़ना, सबसे लड़ना,<BR/>खूब भगाना, खूब सताना, हाथ न आना ।<BR/>बहुत सुंदरSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.com