tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post5553591618949821626..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: प्रिये, सोने से पहले जरा मेरे नकली दाँत संभाल देना!ghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-38017380639781656012009-12-11T16:52:06.909+05:302009-12-11T16:52:06.909+05:30मेरे चैनल में ये स्टोरी आई थी.. मैंने इस पर आधे घं...मेरे चैनल में ये स्टोरी आई थी.. मैंने इस पर आधे घंटे का बढ़िया सा शो बनाया था.. दूल्हे मियां की ज़बरदस्त क्लास ली थी.. प्रोग्राम का नाम था.. दुबई.. दूल्हा और दग़ाबाज़ीअबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-6040661212339805122009-12-11T16:30:51.725+05:302009-12-11T16:30:51.725+05:30इस तरह की वारदातें अनजान वर या वधू की पूर्ण जानकार...इस तरह की वारदातें अनजान वर या वधू की पूर्ण जानकारी न हो पाने के कारण हो जाती हैं. कूर्मांचल में ऐसे वाकये होने की सम्भावना कम रहती है क्यूंकि वहाँ लोग प्रायः विवाह पूर्व बड़ी गहरी और विस्तृत जानकारी लिया करते हैं. वैसे इस मामले में जितना आपके लेख से पता चला है वर बेचारे ने केवल अपनी आयु से कम आयु का दिखने का ही अपराध किया है. महिलाओं के लिए इस प्रकार का अपराध क्षम्य है.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-67456197983106979522009-12-11T14:44:19.825+05:302009-12-11T14:44:19.825+05:30मजेदार प्रसंग । आजकल दिकावा ही दिखावा है सब जानते ...मजेदार प्रसंग । आजकल दिकावा ही दिखावा है सब जानते हैं कि लडकी के खूबसूरती में प्रकृती से अधिक ब्यूटी पार्लर का यौगदान है । पर आदमी भी ये सब.......। आब तो पत्नी को बाल खींच कर और जबडा हिला कर फिर विवाह के लिये हां करनी होगी ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-91806802547987405122009-12-11T13:34:08.789+05:302009-12-11T13:34:08.789+05:30मजेदार प्रसंग।
वैसे आपकी सलाह सही है।
------------...मजेदार प्रसंग।<br />वैसे आपकी सलाह सही है।<br />------------------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">शानदार रही लखनऊ की ब्लॉगर्स मीट</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">नारी मुक्ति, अंध विश्वास, धर्म और विज्ञान।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-74427948085911322612009-12-10T16:22:27.154+05:302009-12-10T16:22:27.154+05:30aaj bahut khatra utha kar aapke blog par aayi hun ...aaj bahut khatra utha kar aapke blog par aayi hun :D ye message aaya blog ka link kholne par, yahan de rahi hoon taki iska kuch upay ho to kiya jaa sake.acche bhale blog ko padhne walon ke raste mein aisi dhamki thode dete hain :) koi error hoga, rectify kar lijiye.<br />--------------------------<br />Warning: Visiting this site may harm your computer!<br />The website at ghughutibasuti.blogspot.com contains elements from the site www.blogvani.com, which appears to host malware – software that can hurt your computer or otherwise operate without your consent. Just visiting a site that contains malware can infect your computer.<br />For detailed information about the problems with these elements, visit the Google Safe Browsing diagnostic page for www.blogvani.com.<br />Learn more about how to protect yourself from harmful software online.<br /> I understand that visiting this site may harm my computer.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-86068744398784822622009-12-10T15:38:47.935+05:302009-12-10T15:38:47.935+05:30हा हा हा हा...बहुत रोचक और सच्ची पोस्ट...आप का लेख...हा हा हा हा...बहुत रोचक और सच्ची पोस्ट...आप का लेखन कमाल का है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-6961537556060546302009-12-10T11:59:46.392+05:302009-12-10T11:59:46.392+05:30विचित्र है यह । क्या छुपाना सब कुछ खुलना ही है बाद...विचित्र है यह । क्या छुपाना सब कुछ खुलना ही है बाद में - और वह भी जीवन-निर्वाह जिसके साथ होना है उससे छुपाना । <br /><br />सुन्दर आलेख । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-23103298259890400132009-12-10T06:35:56.565+05:302009-12-10T06:35:56.565+05:30ओहो यहाँ तो सीधे सीधे हर उस काम के लिये मनाही की ग...ओहो यहाँ तो सीधे सीधे हर उस काम के लिये मनाही की गई है जिसके लिये लोग जाने जाते हैं, और सच्चाई उजागर की गई है :)विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-18963406979329839942009-12-10T01:15:24.501+05:302009-12-10T01:15:24.501+05:30ये तो "मैं का करूँ राम, मुझे बुड्ढा मिल गया&q...ये तो <b>"मैं का करूँ राम, मुझे बुड्ढा मिल गया"</b> टाइप सिचुएशन हो गयी.......<br /><br />वैसे कहते हैं कि विवाह जैसे पवित्र बंधन की नींव विश्वास पर रखी जाती है....... अब इस तरह की धोखा-धड़ी के बाद विश्वास कहाँ रह गया.......<b>"एक गन्दी मछली पूरे तालाब को गन्दा कर दे"</b> तो मन का आहत होना स्वाभाविक है. ऐसे ज़लील हमें हर देश, हर समाज में मिल जाएँगे.......<b>"बग़दाद में गधे नहीं पाए जाते क्या?"</b> वाली कहावत इन्हीं लोगों को चरितार्थ करती है.<br /><br />साभार<br />प्रशान्त कुमार (काव्यांश)<br /><a href="http://woyaadein.blogspot.com/" rel="nofollow">हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-9709696166394853702009-12-10T00:44:04.332+05:302009-12-10T00:44:04.332+05:30विवाह का उम्र से सम्बन्ध होने की बजाय स्वास्थ्य से...विवाह का उम्र से सम्बन्ध होने की बजाय स्वास्थ्य से होना चाहिये । गम्भीर बात यह है कि इस तरह की धोखाधड़ी नही होना चाहिये । क्या वृन्दावन की विधवाओं का उदाहरण पर्याप्त नहीं है ?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-42107985935931852562009-12-09T16:49:37.183+05:302009-12-09T16:49:37.183+05:30कौन कम है यहाँ ..
जवानी का ढोंग कौन नहीं लड़ना चाह...कौन कम है यहाँ ..<br />जवानी का ढोंग कौन नहीं लड़ना चाहता ..<br />अच्छी पोस्ट शुक्रिया ..Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-23067963107231973742009-12-09T15:59:53.904+05:302009-12-09T15:59:53.904+05:30इस तरह धोखा देना नैतिक रूप से भी ग़लत है और क़ानून...इस तरह धोखा देना नैतिक रूप से भी ग़लत है और क़ानूनी रूप से भी.<br />अच्छा लेख है.अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-67599040145362044552009-12-09T14:55:10.546+05:302009-12-09T14:55:10.546+05:30आप अपना सर्वाधिज निकट का साथी चुनते है तब आपकी सभी...आप अपना सर्वाधिज निकट का साथी चुनते है तब आपकी सभी बातें उसे ज्ञात होनी ही चाहिए. धोखा गलत है जी.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-43914947270777002912009-12-09T14:28:56.006+05:302009-12-09T14:28:56.006+05:30समय के साथ साथ सब कुछ बदलता जाता है...वैसे मजेदार ...समय के साथ साथ सब कुछ बदलता जाता है...वैसे मजेदार लगा लेख।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-28999510982303694542009-12-09T14:11:35.563+05:302009-12-09T14:11:35.563+05:30ha ha ha ha ...majedaar !!!!ha ha ha ha ...majedaar !!!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-60849630028432614032009-12-09T12:57:30.690+05:302009-12-09T12:57:30.690+05:30"लंगूर के हाथ में हूर" कहावत भी शायद ऐसी..."लंगूर के हाथ में हूर" कहावत भी शायद ऐसी ही किसी घटना के कारण बनी होगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-49833176467235117032009-12-09T10:55:50.028+05:302009-12-09T10:55:50.028+05:30विवाह पूर्व ,भावी वर वधु के जीवन परिचय / चरित्र वृ...विवाह पूर्व ,भावी वर वधु के जीवन परिचय / चरित्र वृत्तान्त / खानदानों के विवरण लिए जाने और खोज परख की परंपरा तो है ही , इसके बावजूद अगर धोखे हो जायें तो स्पष्ट है की इनमें से एक पार्टी बेहद शातिर थी ! आपकी ये बात सही है की जिस्म का कौन सा पार्ट अस्वाभाविक है, यह तय करना मुश्किल हो गया है , पर यह तो उभयपक्ष पर लागू होने वाली बात है ना ? मेरे ख्याल से वर वधु के जिस्मों की अनैसर्गिकता / अस्वाभाविकता ही क्यों , हमारा समाज तो पारिवारिक / खानदानी मामलों में भी ऐसे ही अस्वाभाविक पैचवर्क और यत्नों का महारथी है ! आपका आलेख एक स्वाभाविक प्रवृत्ति की अस्वाभाविकता को उजागर करता है अतः साधुवाद !<br />और हाँ एक गहरी काली रात में सुनसान सड़क पर मेरे मित्र मिश्र जी स्कूटर की हेड लाईट की दम पर कुछ खोजने का यत्न कर रहे थे , उनके साथ मित्र वर्मा जी भी हैरान और परेशान से खोज प्रक्रिया में शामिल थे ! संयोग वश मैं वहां से गुजरा और उन दोनों की इस हरकत को देख कर रुक गया ! हुआ कुछ यूँ की मिश्र जी स्कूटर ड्राइव कर रहे थे और वर्मा जी पीछे बैठे थे ! दोनों में गपशप चल रही थी ! मिश्र जी की किसी बात पर वर्मा जी नें इतना जोरदार ठहाका लगाया की उनकी बत्तीसी सड़क की ओर लपक ली ........!<br />जीबी , रात अँधेरी जरुर थी पर उन दोनों को कोई धोखा भी नहीं हुआ था ! वे इस अस्वाभाविकता से पूर्व परिचित थे ना !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-81033772039533572892009-12-09T08:24:13.488+05:302009-12-09T08:24:13.488+05:30जीवन भर साथ बिताने के मामले में धोखा, कहाँ जा रहे ...जीवन भर साथ बिताने के मामले में धोखा, कहाँ जा रहे हैं हम?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-87960825393376567412009-12-09T08:22:25.357+05:302009-12-09T08:22:25.357+05:30सोने से पहले
किंवा
सोना लूटने से पहले
दांत निकालक...सोने से पहले <br />किंवा<br />सोना लूटने से पहले<br />दांत निकालकर रख लेंगे <br />तो कुछ सोना आंखों के जरिये<br />मुंह में भी समाएगा।<br /><br />आपसे नहीं मिल पाए<br />अच्छा नहीं लगा<br />चल दिए हैं वापिस<br />आपसे मिलने के अरमान बसाए।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-56771310896241693782009-12-09T07:27:28.879+05:302009-12-09T07:27:28.879+05:30मुझे तो लगता है कि जैसे लोग दहेज की सूची बनाकर देत...मुझे तो लगता है कि जैसे लोग दहेज की सूची बनाकर देते हैं वैसे ही दूल्हा दुल्हन को असली नकली की सूची भी बनाकर एक दूसरे को दे देनी चाहिए और हाँ, साथ में अपने पिछले कुछ सालों का वजन भी लगे हाथ लिखकर दे देना चाहिए।<br /><br />अच्छा लपेटा है जी! <br />यह प्रयोग भी करके देखना चाहिए!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-55082582138114531322009-12-09T05:30:51.625+05:302009-12-09T05:30:51.625+05:30बाकी मेन्टेनेन्स रिलेटेड इश्यू तो समझे..मगर ५५ साल...बाकी मेन्टेनेन्स रिलेटेड इश्यू तो समझे..मगर ५५ साल को २७ साल का बताकर शादी तो खुले आम धोखाधड़ी है. विग और नकली दांत भी बता देने में ही अच्छाई है..<br /><br /><br />लेकिन तौंदू?? इसमें क्या बताना जी..ये तो जैसा बीबी खाना खिलाये..हा हा!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com