tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post5090742520608486417..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: हम तो बस शिकायत करेंगे और जिस दिन मॉनीटर चुनना होगा उस दिन स्कूल ही नहीं जाएँगे!ghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-23233399966339738822012-03-07T09:43:34.077+05:302012-03-07T09:43:34.077+05:30जब हम दूसरों को समझाते हैं तब स्वयं को भी समझ आता...जब हम दूसरों को समझाते हैं तब स्वयं को भी समझ आता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-47298106502217643472012-03-07T09:28:09.485+05:302012-03-07T09:28:09.485+05:30रोचक प्रस्तुति| रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दि...रोचक प्रस्तुति| रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-3194568305165574452012-03-06T22:03:33.797+05:302012-03-06T22:03:33.797+05:30कितनी अच्छी तरह समझाया है....
किसे चुना जाए यह तो ...कितनी अच्छी तरह समझाया है....<br />किसे चुना जाए यह तो एक विकट प्रश्न है....उस दिन स्कूल ही ना जाएँ...ये भी गवारा नहीं...और ये भी पता होता है...जिसे चुनने जा रहे हैं...वो कभी जीत नहीं पायेगा..rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-79347423307231827092012-03-06T16:24:00.391+05:302012-03-06T16:24:00.391+05:30चुनाव व गिनती बहुत ही ढंग से समझायी है आपने..चुनाव व गिनती बहुत ही ढंग से समझायी है आपने..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-15041842227947193662012-03-06T13:53:58.749+05:302012-03-06T13:53:58.749+05:30रोचक प्रस्तुति ....स:परिवार होली की हार्दिक शुभकान...रोचक प्रस्तुति ....स:परिवार होली की हार्दिक शुभकानाएं.......पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-67134596837314831322012-03-06T10:28:27.516+05:302012-03-06T10:28:27.516+05:30अगर यहाँ की अधिकाँश जनता पढ़ी और ढंग से पढ़ी होती तो...अगर यहाँ की अधिकाँश जनता पढ़ी और ढंग से पढ़ी होती तो ये स्थिति न आती. कम लोग पढ़े हैं और जो ऐसे लोग हैं वो बाक़ी को पट्टी पढ़ाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-48495337084553602812012-03-06T08:27:58.901+05:302012-03-06T08:27:58.901+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
रंगों की बहार!
छींटे और बौछ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति!<br />रंगों की बहार!<br />छींटे और बौछार!!<br />फुहार ही फुहार!!!<br />रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-89662979250149127382012-03-06T07:25:19.245+05:302012-03-06T07:25:19.245+05:30अरविन्द केजरीवाल जी क्यों याद आ रहे हैं?अरविन्द केजरीवाल जी क्यों याद आ रहे हैं?Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-76283693339742755942012-03-06T06:06:50.848+05:302012-03-06T06:06:50.848+05:30आपने बहुत कुछ स्पष्ट कर दिया है। बस ये सिटिजन केंड...आपने बहुत कुछ स्पष्ट कर दिया है। बस ये सिटिजन केंडिडेट, समझ न आया। यह कहाँ से आएगा? क्या वह भी बाहुबली न हो जाएगा? या वह भी अपना घऱ भऱने के लिए उन लोगों के हित न साधने लगेगा जिन लोगों के हित अभी ये बाहुबली या अन्य लोग साध रहे हैं? <br />मुझे उस का उपाय केवल यह लग रहा है कि जो लोग बदलाव लाना चाहते हैं वे संगठित हों, ऐसे संगठन में जिस में जनतंत्र हो। उम्मीदवार जनतांत्रिक रीति से चुना जाए। यदि उम्मीदवार चुने जाने के बाद पथभ्रष्ट हो तो संगठन उसे वापस बुला सके। वापस बुलाने का निर्णय संगठन जनतांत्रिक रीति से करे। ऐसी अनेक बातें हो सकती हैं। ये सब सुधार केवल तभी हो सकते हैं जब एक संघर्षशील जन संगठन का निर्माण स्वयं जनता के बीच से हो।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com