tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post4676369059615554285..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: करवाचौथghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-37772404908819820702014-10-23T21:17:21.768+05:302014-10-23T21:17:21.768+05:30उत्सवधर्मिता मानव स्वभाव है। उससे किसी को वंचित कर...उत्सवधर्मिता मानव स्वभाव है। उससे किसी को वंचित करना सही नहीं है। बंधन कितने भी पुराने हों, उनसे बाहर आने के प्रयास होने चाहिए। भारतीय संस्कृति तो वैसे भी सर्व-सम्मिलन की बात करती है सो विचार होना ही चाहिए। शायद एक वैकल्पिक उत्सव या उसी उत्सव का एक वैकल्पिक तरीका, जो उसी दिन हो ... Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-15898247559280911822014-10-19T15:46:30.957+05:302014-10-19T15:46:30.957+05:30सटीक बातें कही हैं आपने सटीक बातें कही हैं आपने Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-52416837912652529692014-10-15T16:49:53.872+05:302014-10-15T16:49:53.872+05:30कई रीतियॉ, नियम समाज ने पुरातन काल से बनाये हैं जि...कई रीतियॉ, नियम समाज ने पुरातन काल से बनाये हैं जिनसे बाहर निकलना असम्भव तो नही किन्तु कठिन अवश्य है। शनैः शनैः परिवर्तन आयेगा।गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.com