tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post1416693116703813991..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: कुछ बातें सही गलत की सब मर्यादाओं से बाहर की होती हैं !................घुघूती बासूतीghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-12920652554209819762010-02-14T16:19:34.166+05:302010-02-14T16:19:34.166+05:30mere aagrah par meri maa ne ek chhote se bimar pup...mere aagrah par meri maa ne ek chhote se bimar puppy (maranaasann kehna zyaada theek hoga) ko clinic mei bharti karaaya, jaha uske haalat mei koi sudhaar na hua. iske baad use euthansia de dia gaya. ab mujhe samajh nahi aata ki puppy ko ilaaj ke liye bharti karva kar maine sahi kiya ya galat...Neha Pathakhttps://www.blogger.com/profile/03473210046792278569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-72349782489357721912010-02-14T00:54:16.990+05:302010-02-14T00:54:16.990+05:30सजा मिलना है तो डॉक्टर को मिले जो पैसे न मिलने पर ...सजा मिलना है तो डॉक्टर को मिले जो पैसे न मिलने पर बक को मरने का विचार कर रहा था <br />वो चाहता तो उसे ठीक कर के किसी और को दे देता और अपनी भरपाई कर लेता इससे बक को भी समर्थ मालिक मिल जाता <br />ओर ब्रोन्सन को भी राहत होती की उसका बक ठीक तो है <br /><br />नियम कितने ही सख्त हो पर मानवीय पहलू हमेशा रहना चाहिए क्योंकि नियम मानव की बेहतरी के लिए है न की मानव नियमो का गुलामAbhishek Chaureyhttps://www.blogger.com/profile/15511628093521275048noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-34637821356180491562010-02-12T19:22:40.587+05:302010-02-12T19:22:40.587+05:30Achhi prastuti...
Mahashivratri ki hardik shubhkam...Achhi prastuti...<br />Mahashivratri ki hardik shubhkamyen..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-80555906485040177862010-02-12T12:14:03.462+05:302010-02-12T12:14:03.462+05:30मानवीय गुन उजागर हुए है अतः सजा माफ होनी चाहिए.मानवीय गुन उजागर हुए है अतः सजा माफ होनी चाहिए.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-27614337404853776592010-02-12T11:20:46.330+05:302010-02-12T11:20:46.330+05:30न्यूजीलेण्ड के कानून के बारे में हम क्या कह सक...न्यूजीलेण्ड के कानून के बारे में हम क्या कह सकते हैं? हमारे लिए तो काला अक्षर भैस बराबर। बस आपकी बिल्ली बड़ी प्यारी लगी। इसे सम्भाल कर रखिए, आते-जाते देखा करेंगे।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-60995236830585233502010-02-12T11:12:28.470+05:302010-02-12T11:12:28.470+05:30अपनी समझ से तो परे है विचारनीय पोस्ट है । धन्यवाद्...अपनी समझ से तो परे है विचारनीय पोस्ट है । धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-39358420723238245572010-02-12T10:44:02.556+05:302010-02-12T10:44:02.556+05:30मेरी इच्छा तो भारतीयों और न्यूजीलैंड के कुत्तो के...मेरी इच्छा तो भारतीयों और न्यूजीलैंड के कुत्तो के जीवन स्तर का तुलनात्मक अध्ययन करने की हो रही है :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-31214825295792767402010-02-12T10:37:55.253+05:302010-02-12T10:37:55.253+05:30अपने कुत्ते को मरने से बचाने के लिए ले जाना चोरी ...अपने कुत्ते को मरने से बचाने के लिए ले जाना चोरी कैसे हो सकती है? चोरी यानि किसी दूसरी की चीज़ ले जाना, अजीब कानून है, वो तो भले लोग आ गए उसकी मदद को.<br />वैसे देखा जाये तो आजकल काले और सफ़ेद के खांचो में चीज़ें कहाँ बँटतीं हैं, अधिकतर तो इसी ग्रे में हैं.<br /><br />हेडर की तस्वीर बहुत ही प्यारी है.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-43833101081038341612010-02-12T07:56:24.064+05:302010-02-12T07:56:24.064+05:30भगवान् पर विश्वास करने वाले मानवता को नकारते हैं ....भगवान् पर विश्वास करने वाले मानवता को नकारते हैं ...इसी में जोड़ दू कि कुछ बाते सही गलत के खांचे में फिट नहीं होती ....<br />आप फिर से गंभीरता पर आ गयी .. प्लास्टर हटने का कमाल है:) ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-21104060390506609742010-02-12T03:14:38.494+05:302010-02-12T03:14:38.494+05:30आपकी बात सही है हर चीज़ को काले सफ़ेद में नहीं बांट...आपकी बात सही है हर चीज़ को काले सफ़ेद में नहीं बांटा जा सकता है मगर यहाँ पर बात बड़ी साफ़ है:<br />१. चोरी गलत है<br />२. ब्रॉन्सन द्वारा अपने कुत्ते की हत्या ज़बरदस्ती होने से बचाना चोरी नहीं है. (वह अपना ही कुत्ता वापस ला रहा है और उसे भी जान बचाने के लिए)Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-779761718426344892010-02-12T01:15:27.743+05:302010-02-12T01:15:27.743+05:30वे भगवान पर विश्वास करते हैं परन्तु मानवता को नकार...वे भगवान पर विश्वास करते हैं परन्तु मानवता को नकारते हैं , मुझे तो लगता है कि सबकुछ यहीं नीहित है ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-6658387401517902252010-02-12T00:56:24.855+05:302010-02-12T00:56:24.855+05:30इस मामले में निर्णय तो इस आधार पर होगा कि निर्णय द...इस मामले में निर्णय तो इस आधार पर होगा कि निर्णय देने वाला किस बात के लिये प्रतिबद्ध है। न्याय अंतत: मानव जाति की भलाई और सुख के लिये ही किया जाता माना जाता है। इस मामले में चोरी का अपराध साबित होता है लेकिन सजा माफ़ हो जानी चाहिये क्योंकि वह चोरी उदात्त मानवीय मूल्यों के लिये की गयी।<br /><br />अमेरिका का ही एक किस्सा सुना था। एक चोर चोरी करकेभाग रहा था लेकिन किसी जगह उसको राष्ट्रगीत सुनाई दिया तो खड़ा हो गया और पकड़ गया। बाद में अदालत ने उसकी इस राष्ट्रभक्ति के चलते उसकी सजा माफ़ कर दी।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-69494308854593445072010-02-12T00:40:05.805+05:302010-02-12T00:40:05.805+05:30ऊपर स्टीवन को स्टीवर्ट पढ़ा जाय.ऊपर स्टीवन को स्टीवर्ट पढ़ा जाय.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-69472843784011347702010-02-12T00:38:17.253+05:302010-02-12T00:38:17.253+05:30सच है, कुछ चीज़ें सही-ग़लत या ब्लैक एंड व्हाइट से ...सच है, कुछ चीज़ें सही-ग़लत या ब्लैक एंड व्हाइट से अलग हटकर होती हैं. कानून इसी दर्शन पर बना होता है कि कोई या तो दोषी होता है या नहीं. कानून कभी ये नहीं देखता कि उक्त अपराध किस परिस्थिति में किया गया है. पर समाज में सिर्फ़ कानून ही नहीं होता. यहाँ भावनाएँ होती हैं, मूल्य होते हैं, आस्था होती है जिनकी कानून में कोई जगह नहीं. मेरे विचार से मानव मूल्यों पर विश्वास करना ही सही-ग़लत की कसौटी हो सकती है. अमानवीय कार्य सदैव अनुचित होता है, ग़लत होता है. प्रस्तुत प्रसंग में स्टीवन ने जो किया वह प्रेमवश किया, बाद में और लोगों ने उनका साथ मानवतावश दिया. कानून भी अपनी जगह सही है, पर कितना अच्छा हो कानून में भी दया(मर्सी) शामिल हो जाये.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-88061750589481555782010-02-12T00:32:28.129+05:302010-02-12T00:32:28.129+05:30सारी चीजें रिलेटिव हैं. कापरनिकस को जलाकर मार दिया...सारी चीजें रिलेटिव हैं. कापरनिकस को जलाकर मार दिया गया क्योंकि पृथ्वी का घूमना उस समय सत्य नहीं था और आज है. सापेक्षता का सिद्धान्त हमेशा लागू रहता है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-28227044004834566932010-02-12T00:32:18.349+05:302010-02-12T00:32:18.349+05:30सारी चीजें रिलेटिव हैं. कापरनिकस को जलाकर मार दिया...सारी चीजें रिलेटिव हैं. कापरनिकस को जलाकर मार दिया गया क्योंकि पृथ्वी का घूमना उस समय सत्य नहीं था और आज है. सापेक्षता का सिद्धान्त हमेशा लागू रहता है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-73090901224875146362010-02-11T23:49:13.741+05:302010-02-11T23:49:13.741+05:30क्या क्या होता है दुनिया मे!!!क्या क्या होता है दुनिया मे!!!शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-34480138637908745862010-02-11T23:25:14.488+05:302010-02-11T23:25:14.488+05:30सारा खेल ही भावनाओं का है .... और ये जरुरी नहीं है...सारा खेल ही भावनाओं का है .... और ये जरुरी नहीं है कि भावनाएं सिर्फ इंसानों में ही होती हैं .. जानवर मूक होकर भी सारी भाषा समझते हैं ... तो फिर हमें क्यूँ न उनसे प्यार हो .. जैसे कि किसी की जान बचाने के लिए बोला गया झूठ हज़ार सच से अच्छा होता है इसी तरह किसी विशेष परिस्थिति में की गयी चोरी सही भी हो सकती है ... इसमें देश , भाषा या धर्म का कोई बंधन नहीं होता ...Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-56118525466963325312010-02-11T22:40:19.042+05:302010-02-11T22:40:19.042+05:30सही है, हर देश का कानून वहां के हिसाब से सही होता ...सही है, हर देश का कानून वहां के हिसाब से सही होता है.<br />हमारे यहाँ नन्हे मुन्नों की देखरेख दादी-नानी के बताये नुस्खों के हिसाब से होती है लेकिन वही सब आप अमेरिका में पहुंचकर करें तो बच्चे की जान को खतरे में डालने के इलज़ाम में आपको जेल में भी बंद किया जा सकता है.<br />हमारे लोग बड़े भावुक हैं और प्यार से भरे हुए भी. हम लोग बड़ी मुश्किल से ही रिश्तों से छुटकारा पा सकते हैं, वह भी तभी जब चाहें तो.<br />परदेस में तो बच्चे भी माँ-बाप के नहीं रहते, ऐसे में कुत्ते के प्रति इतना प्रेम काबिलेतारीफ है.<br />या शायद जब बच्चों से प्रेम न मिले तो ही लोग पालतू पशुओं में इसे ढूंढते हैं.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-4009045509058740082010-02-11T22:24:43.074+05:302010-02-11T22:24:43.074+05:30जीवन में हम अधिकतर बातों को सही या गलत, काले या सफ...जीवन में हम अधिकतर बातों को सही या गलत, काले या सफेद, अच्छे या बुरे के साँचे में डालने के यत्न में लगे रहते हैं। यह हमारे लिए सुविधाजनक होता है।<br />आपसे सहमत हूं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-24483375708738309782010-02-11T22:22:11.542+05:302010-02-11T22:22:11.542+05:30आह पिंग पॊंग!आज तुम्हें पकडना पड़ता है. कभी तुम मेर...आह पिंग पॊंग!आज तुम्हें पकडना पड़ता है. कभी तुम मेरे बल्ले पर नाचती थीं, प्राय: वैसे जैसे मैं नचाती थी. तभी तो यह जीवन पैन्ड्युलम ही है.<br />वैसे एक और बिन्दु भी था गिल्ली डंडे का और रोके जाने का और हमारे रुकने का!<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-12901818901235196352010-02-11T21:48:39.242+05:302010-02-11T21:48:39.242+05:30as always a "serious post" now you will ...as always a "serious post" now you will be told to write something non serious . that is how the pendulum moves ding dong and many keep chasing it from one end to other like ping pong .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-60838778790799108192010-02-11T21:38:23.350+05:302010-02-11T21:38:23.350+05:30यह प्रसंग भी अपनें तरह का अनूठा है..यह प्रसंग भी अपनें तरह का अनूठा है..डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-75644017309205663592010-02-11T20:39:53.492+05:302010-02-11T20:39:53.492+05:30ब्रॉन्सन स्टीवर्ट के पक्ष में एक वोट इधर से भी ! अ...ब्रॉन्सन स्टीवर्ट के पक्ष में एक वोट इधर से भी ! अपनी खिडकियां खुली हुई हैं हर सम्भावना के लिए , यहां , सही / गलत , श्वेत / श्याम के अतिरिक्त अन्य विकल्पों का भी स्वागत है ! कोई खांचे कोई ढांचे , कोई बंदिशें नहीं ! देश का क़ानून क्या कोई अमिट स्याही है या कोई ईश्वरीय बोल वचन , जिसे खुरचने / बदलने की मुमानियत है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-49998794012949112612010-02-11T20:10:56.916+05:302010-02-11T20:10:56.916+05:30मुझे लगता है कि कानू के आधार पर, नैतिकता के आधार, ...मुझे लगता है कि कानू के आधार पर, नैतिकता के आधार, भावानात्मकता के आधार पर इसका अलग अलग जबाब होगा. बस, इतना ही जाने कि कम से कम इन सब बातों पर, पशु पक्षियों पर नजर तो है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com