tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post1258430367766103555..comments2023-10-29T13:18:36.222+05:30Comments on घुघूतीबासूती: कहते तो हो 'बहुत बढ़िया' तो फिर पसन्द पर क्लिक क्यों नहीं करते ?ghughutibasutihttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-41332319888643442112014-02-09T23:04:56.383+05:302014-02-09T23:04:56.383+05:30:)
:)<br />Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-22793736473227263002009-01-07T19:03:00.000+05:302009-01-07T19:03:00.000+05:30बात बिल्कुल दुरुस्त लगी.मेरे साथ अक्सर होता यूं आय...बात बिल्कुल दुरुस्त लगी.<BR/>मेरे साथ अक्सर होता यूं आया है कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा पढने के चक्कर में टिप्पणी छूट जाती है. <BR/><BR/>सीख सही है. खयाल रखूंगा.डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/01678807832082770534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-84998799786332194572009-01-05T22:06:00.000+05:302009-01-05T22:06:00.000+05:30बात तो आपने सही उठायी है और विवेक जी ने पूरी विवेच...बात तो आपने सही उठायी है और विवेक जी ने पूरी विवेचना भी कर दी है...मगर कई बार ऐसा होता है या यूं कहूं कि अक्सर होता है कि वो पसंद नापसंद वाला चट्खा बटन कई बार दिखता भी नहीं<BR/><BR/>वैसे आगे से मैं भी ध्यान रखता हूंगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-4769924135027988982009-01-05T19:36:00.000+05:302009-01-05T19:36:00.000+05:30आपने जो कहा सच कहा।आपने जो कहा सच कहा।Richa Joshihttps://www.blogger.com/profile/05908845774715158021noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-85460919487972397492009-01-05T19:25:00.000+05:302009-01-05T19:25:00.000+05:30हमारे मित्र की एक कम्पनी है... (एक वेबसाइट बेस्ड) ...हमारे मित्र की एक कम्पनी है... (एक वेबसाइट बेस्ड) उसपर कई यूजर हैं जो मेंबर तो हैं पर कुछ कंट्रीब्यूट कम करते थे. हमने सलाह दी की एक लिस्ट बना दो featured members की. उसके बाद अचानक ही लोग खूब कंट्रीब्यूट करने लगे. वही बात है टिपण्णी दिखाती है, उसके साथ नाम भी दीखता है :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-11471024692415084092009-01-05T13:01:00.000+05:302009-01-05T13:01:00.000+05:30आज तो खुब चटखे लगे है, आपकी पोस्ट पर :) बेचारी को ...आज तो खुब चटखे लगे है, आपकी पोस्ट पर :) बेचारी को दर्द हो रहा होगा.... :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-91806984242055316782009-01-05T12:13:00.000+05:302009-01-05T12:13:00.000+05:30कोशिश तो यही रहती है आगे से और ख्याल रखेंगे.कोशिश तो यही रहती है आगे से और ख्याल रखेंगे.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-58059171688961354192009-01-05T12:08:00.000+05:302009-01-05T12:08:00.000+05:30"तुम एक पैसा दोगे, वो दस लाख देगा", मैंने कई बार आ..."तुम एक पैसा दोगे, वो दस लाख देगा", मैंने कई बार आपके ब्लॉग को पसन्द किया है, अब "दस लाख" बार आप करेंगी ही… :) :) :) बेहतरीन लिखती हैं आप, हमेशा कुछ नया "हट के" :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-70625313551086692009-01-05T11:53:00.000+05:302009-01-05T11:53:00.000+05:30शायद अभी तक हम यही समझते हैं कि सिर्फ टिप्पणी करने...शायद अभी तक हम यही समझते हैं कि सिर्फ टिप्पणी करने का ही महत्व है और पसंद (digg) करने के महत्व से अनजान हैं। आपके इस पोस्ट से अब लोगों को पसंद करने का महत्व भी समझ में आ जायेगा। बहुत अच्छा पोस्ट है!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-63622300747131439372009-01-05T11:29:00.000+05:302009-01-05T11:29:00.000+05:30पसन्द - आप का कहना उचित है, वाजिब है, जायज हैपसन्द - आप का कहना उचित है, वाजिब है, जायज हैदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-42349198965849183002009-01-05T10:39:00.000+05:302009-01-05T10:39:00.000+05:30Sach baat kee taraf dhyaan dilaayaa .Sach baat kee taraf dhyaan dilaayaa .आशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-82696565789692999022009-01-05T09:03:00.000+05:302009-01-05T09:03:00.000+05:30जानकारी के लिये आपका बहुत आभार घुघूती जीब्लोगवाणी ...जानकारी के लिये<BR/> आपका बहुत आभार घुघूती जी<BR/>ब्लोगवाणी पर आप की यह पोस्ट सबसे Top पर है आज :)<BR/> बधाई हो जी ~~<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-53250267908197139302009-01-05T02:19:00.000+05:302009-01-05T02:19:00.000+05:30Ji shukriya aapke comments ka|Ji shukriya aapke comments ka|Devhttps://www.blogger.com/profile/16441053358334240355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-3008339392984307642009-01-04T23:50:00.000+05:302009-01-04T23:50:00.000+05:30अरे भाई अब से पहले तो मुझे यह पता तक नहीं था...आज ...अरे भाई अब से पहले तो मुझे यह पता तक नहीं था...आज के बाद देखूंगा कि ये कैसे होता है....??और दूसरी बात यह कि....रात गए जब कंप्यूटर पे (नेट पे)आता हूँ....तो दो ही बातें हो पाती हैं......कुछ ब्लॉग देखना....अपना कुछ रचना....और यदि समय और नींद साथ दे तो टिप्पणियाँ देना....असल में हर व्यक्ति के काम की प्रकृति कैसी है....और उसके पास कुल वक्त कितना है...ये भी तो "सोचनीय"है.....!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-13302248875221725892009-01-04T23:39:00.000+05:302009-01-04T23:39:00.000+05:30एकदम सही बात है,अब यहां भी छायावादी किसिम का प्यार...एकदम सही बात है,अब यहां भी छायावादी किसिम का प्यार जताएंगे तो कैसे चलेगा, प्रेम औऱ पसंद का फिजिकल फार्म तो होना ही चाहिए.विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-47475029966813206592009-01-04T21:37:00.000+05:302009-01-04T21:37:00.000+05:30देखिए जी बात ऐसी है कि जो टिप्पणी की जाती है वह पब...देखिए जी बात ऐसी है कि जो टिप्पणी की जाती है वह पब्लिक देखती है . इसलिए उसमें सब लोग अच्छा अच्छा लिख देते हैं . किंतु आप यह न मान लें कि जिन कविताओं पर ढेरों लोगों ने वाह वाह बहुत खूब लिखा होता है वे वास्तव में लोगों द्वारा पसन्द की गई हैं . दर असल हमारे ब्लॉग जगत में टिप्पणी सर्किल्स बने हुए हैं . और अक्सर टिप्पणी अपने जानने वाले लोगों की ही आती हैं तो वे बुरा तो लिख नहीं सकते क्योंकि उन्हें वापस टिप्पणी चाहिए . क्यों नाराजगी मोल लें . अभी हमारे यहाँ लोग इतने उदार तो हुए नहीं कि अपनी आलोचना सह सकें . हाँ तारीफ चाहे झूठी भी कर दो उसे पचा जाएंगे . जबकि पसंद वाला विकल्प दिल की आवाज पर क्लिक किया जाता है और हमने महसूस भी किया है कि जो चीज वास्तव में लोगों को पसन्द आती है वह क्लिक भी की जाती है . वही उसकी असली वैल्यू है . मेरे विचार से टिप्पणी और पसंद को एक ही डण्डे से हाँकना सही नहीं होगा . हाँ जिन लोगों को इस विकल्प के बारे में जानकारी नहीं है उन्हें जानकारी देने तक तो ठीक है जैसे हमारे ताऊ , पर उन्हें बाध्य करना ठीक नहीं . वैसे मुझे विश्वास नहीं है कि ताऊ जी यहाँ मजाक नहीं किए . क्योंकि मेरा मानना है कि जो जानकारी ताऊ जी को नहीं वह मुझे कैसे हो सकती है आखिर मैं ही तो .. <BR/>चलिए छोडिए मैं तो मजाक कर रहा था :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-64699702353159633492009-01-04T21:29:00.000+05:302009-01-04T21:29:00.000+05:30bahut achha point yaad karaya aapne,agli baar se y...bahut achha point yaad karaya aapne,agli baar se yaad se pasand par clickkarne ki koshish karenge.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-36675475828505374572009-01-04T20:42:00.000+05:302009-01-04T20:42:00.000+05:30Sahi kaha aapne.Sahi kaha aapne.सचिन मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07382964172201827333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-43820749545853079152009-01-04T20:02:00.000+05:302009-01-04T20:02:00.000+05:30हम तो एडवांस मे पसंद किये है . टिपियायेगे कल [पढकर...हम तो एडवांस मे पसंद किये है . टिपियायेगे कल [पढकर :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-19104516784965210182009-01-04T19:59:00.000+05:302009-01-04T19:59:00.000+05:30अरे मैं तो बिल्कुल पसंद बनाता हूँ, और आग्रह करता ह...अरे मैं तो बिल्कुल पसंद बनाता हूँ, और आग्रह करता हूँ और लोग भी ऐसा करें<BR/><BR/>---<BR/>चाँद, बादल और शाम<BR/>http://prajapativinay.blogspot.com/Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-39988156055171734032009-01-04T19:44:00.000+05:302009-01-04T19:44:00.000+05:30प्रौढ़ शिक्षा की क्लास हो गयी ।प्रौढ़ शिक्षा की क्लास हो गयी ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-88770600276313367512009-01-04T19:27:00.000+05:302009-01-04T19:27:00.000+05:30वादा तो सभी ने किया है ,ओर दावा भी की आज से ओर अभी...वादा तो सभी ने किया है ,ओर दावा भी की आज से ओर अभी से आप के बांल्ग से शुरुआत करते है.... जा कर देखिये भी कोई चटका लगा कर भी गया है या बस नेताओ की तरह से वादे ही किये है, हम भी आप की बात से सहमत है, आज से सब के चिठ्ठो पर चटका शुरु.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-78291955121384466342009-01-04T18:54:00.000+05:302009-01-04T18:54:00.000+05:30बात पर सभी जन गौर फर्मायें। यह सर्वजन हिताय है। पर...बात पर सभी जन गौर फर्मायें। यह सर्वजन हिताय है। पर फिर इसका हाल भी टके सेर ना हो जाये।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-20723118381203999232009-01-04T18:53:00.000+05:302009-01-04T18:53:00.000+05:30गाहे बगाहे मैं यह पुनीत कार्य करता रहता हूँ . आज स...गाहे बगाहे मैं यह पुनीत कार्य करता रहता हूँ . आज से नियमित करूँगा जो पसंद आएगा चटकाया जाएगा . सादरdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38818012.post-26521538212673639902009-01-04T18:43:00.000+05:302009-01-04T18:43:00.000+05:30विवेक जी का कहना सही है कि पसंद के साथ यदि यह पता ...विवेक जी का कहना सही है कि पसंद के साथ यदि यह पता चल सकता कि इसे किन किन लोगों ने पसन्द किया, तो इस पसन्द करने की प्रक्रिया का आनन्द बढ़ जाता. <BR/>वैसे मैं इस काम को किया करूंगा, क्योंकि वस्तुतः इससे चिट्ठाकार का मनोबल तो बढे़गा. <BR/><BR/>प्रविष्टि के लिये धन्यवाद.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.com